Why PFI is Banned In India: PFI पर क्यों लगा बैन?

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Central Government has banned the Popular Front of India (PFI): केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को गैरकानूनी संगठन बताते हुए पांच साल के लिए बैन कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री की ओर से जारी गजट नोटिफिकेशन (gazette notification) में कहा गया है कि पीएफआई की विध्वंसक गतिविधियों (involvement in anti-national or terrorist activities) को देखते हुए सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 1 (Unlawful Activities (Prevention) Act, 1967) यानी की धारा 3 के तहत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग किया है.

Popular Front of India (PFI): यूएपीए देश हित में संबंधित धारा और उप-धारा में कहा गया है कि अगर सरकार को किसी व्यक्ति, संस्था या किसी अन्य संस्था के खिलाफ राष्ट्रविरोधी या आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का सबूत मिलता है, तो वह उस व्यक्ति, संस्था या अन्य संस्था पर प्रतिबंध (Ban) लगा सकती है .

केंद्र सरकार ने अपने गजट नोटिफिकेशन में पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों के अपराधों को भी एक-एक करके गिनाया है. आप पूरा गजट नोटिफिकेशन भी देख सकते हैं. इस खबर के अंत में आप राजपत्र अधिसूचना की पीडीएफ फाइल भी देख सकते हैं जहां हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पीएफआई पर प्रतिबंध के बारे में विस्तृत जानकारी है.

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22 सितंबर को पीएफआई के खिलाफ 15 राज्यों में छापेमारी के दौरान 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. जिनमें 45 लोगों को एनआईए ने गिरफ्तार किया था. इनमें केरल से 39, तमिलनाडु से 16, कर्नाटक से 12, आंध्र प्रदेश से सात, राजस्थान और महाराष्ट्र से चार-चार, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से दो-दो, तेलंगाना, असम, मध्य प्रदेश, गोवा, पश्चिम बंगाल, बिहार और मणिपुर में एक-एक गिरफ्तारी हुई थी.

2010-11 से अब तक पीएफआई के 46 लोगो दोषी ठहराए जा चुके हैं और 355 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है. एनआईए, अन्य एजेंसियों और पुलिस द्वारा अब तक गिरफ्तार किए गए पीएफआई के लोगों के सटीक आंकड़े की जानकारी नहीं है लेकिन सैंकड़ों गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. 

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