'Digital Rape': जानिए क्या है डिजिटल रेप, जिसके मामले में 80 साल का बुजुर्ग गिरफ्तार

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Digital Rape in Noida: नोएडा पुलिस ने 81 साल के एक चित्रकार को 17 साल की लड़की के साथ 'डिजिटल रेप' के आरोप में गिरफ्तार किया है. चित्रकार मौरिस राइडर मूल रूप से प्रयागराज का रहने वाला है और कई सालों से नोएडा में रह रहा है. मौरिस पर पीड़िता के साथ अश्लील हरकत करने का भी आरोप लगा है. मौरिस पहले हिंदू था और बाद में उसने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया.

क्या है डिजिटल रेप : What is Digital Rape?

पुलिस ने बताया कि डिजिटल रेप का मतलब यह नहीं कि किसी लड़की या लड़के का शोषण इंटरनेट के माध्यम से किया जाए. यह शब्द दो शब्द डिजिट और रेप से बना है. अंग्रेजी के डिजिट का मतलब जहां अंक होता है, वहीं अंग्रेजी शब्दकोश के मुताबिक उंगली, अंगूठा, पैर की उंगली, इन शरीर के अंगों को भी डिजिट से संबोधित किया जाता है.

यौन उत्पीड़न जो डिजिट से किया गया हो, तब उसे 'डिजिटल रेप' कहा जाता है. दरअसल, डिजिटल रेप से जुड़ी घटनाओं में महिला के प्राइवेट पार्ट में फिंगर्स का इस्तेमाल किया जाता है.

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रेप से कितना अलग है डिजिटल रेप?

रेप और डिजिटल रेप में जो सबसे बेसिक फर्क है रिप्रोडक्टिव आर्गन के इस्तेमाल का. वैसे कानून की नजर में रेप तो रेप है उसमें कोई फर्क नहीं है. 2012 से पहले डिजिटल रेप छेड़छाड़ के दायरे में था. लेकिन निर्भया केस के बाद इसे रेप की कैटेगरी में जोड़ा गया.

निर्भया कांड के बाद मिला कानूनी दर्जा

दिसंबर 2012 में दिल्ली में निर्भया कांड के बाद यौन हिंसा से जुड़े कानूनों की समीक्षा की गई. भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति वर्मा की अध्यक्षता वाली समिति ने सुझाव दिए. इनमें से कई को अपनाकर दशकों पुराने कानून को बदल दिया गया. 2013 में, जबरन लिंग-योनि प्रवेश को शामिल करने के लिए बलात्कार की परिभाषा का विस्तार किया गया था. नई परिभाषा के अनुसार किसी भी महिला की मर्जी के खिलाफ या सहमति के बगैर उसके शरीर में अपने शरीर का कोई अंग डालना रेप है. उसके निजी अंगों को पेनेट्रेशन के मकसद से नुकसान पहुंचाना रेप है. इसके अलावा ओरल सेक्स भी बलात्कार की श्रेणी में आता है. 

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