Parliament Security Breach: तीन बार रीक्रिएट किया गया, क्राइम सीन, दो पुलिस अफसर बने घुसपैठिये!
Recreates Crime Scene Parliament Security Breach: तीन सवालों का जवाब पाने के लिए किया गया क्राइम सीन तीन बार रीक्रिएट।
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Parliament Security Breach: 13 दिसंबर 2023 को नए संसद भवन में क्या हुआ, कैसे हुआ, और संसद भवन की सुरक्षा में हुई उस चूक का असली सिरा और कसूरवार कौन है? बस इन्हीं तीन सवालों का पता लगाने के लिए 18 दिसंबर को पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने एक एक्सरसाइज को अंजाम दिया। यानी संसद में आतंकी हमले की 22 वीं बरसी वाले रोज दो लोग नई संसद भवन में कैसे घुसे और दर्शक दीर्घा से मेन हॉल में कूदकर नारे बाजी करते हुए रंगीन धुआं छोड़ने लगे, इस बात को अच्छी तरह से समझने के लिए सुरक्षा कर्मियों और पुलिसवालों ने पूरा क्राइम सीन रीक्रिएट किया।
तीन बार हुआ रीक्रिएशन
ये रीक्रिएशन एक बार नहीं दो बार नहीं बल्कि तीन तीन बार किया गया ताकि कहीं से कोई भी चीज अगर कम हो तो उसे ठीक करके इस बात को समझा जा सके कि आखिर संसद की सुरक्षा में हुए उस सुराख का असली कसूरवार कौन है? क्या लोकसभा को धुआं धुआं करने वाले वाकई इतने शातिर थे कि किसी भी सुरक्षा घेरे को तोड़कर वो भीतर जाने में सक्षम थे या फिर वाकई पार्लियामेंट की सुरक्षा व्यवस्था में कोई छेद ऐसा था जिसके सहारे ये लोग इतनी आसानी से अपने मकसद में कामयाब हो गए।
रीक्रिएशन से सामने आएगा सच
ऐसे में ये भी मुमकिन है कि जिस सुरक्षा छेद को इन लोगों ने पढ़ा, उसे किसी और ने भी देख लिया हो और उसका फायदा उठाने की कोशिश की हो, इन सवालों का जवाब भी इसी रीक्रिएशन में मिलने की संभावना है।
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गृहमंत्रालय का आदेश
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संसद में हुई सुरक्षा में चूक के इस मामले की गहन जांच के आदेश दिए गए थे। इस हिदायत के साथ की जल्द से जल्द नतीजा सामने लाया जाए। इस मामले को तनिक भी लटकाने की जरूरत नहीं है। लिहाजा इस आदेश की रोशनी में सुरक्षा कर्मियों ने तफ्तीश को आगे बढ़ाने के लिए इस बात को समझना ज्यादा जरूरी समझा कि जैसे भी हो, इस बात को समझ लिया जाए कि आखिर सचमुच उस दिन और उस वक्कत क्या क्या हुआ था।
सीआरपीएफ महानिदेशक कर रहे लीड
काम की शुरुआत सबसे पहले ड्यूटी पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों से पूछताछ से हुई। और पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस से उनसे जुड़े हुए तमाम जरूरी जानकारियों को इकट्ठा किया। सूत्रों से पता चला है कि सीआरपीएफ महानिदेशक अनीश दयाल सिंह की देख रेख में अर्धसैनिक बलों और खुफिया एजेंसियों के आईजी रैंक के अधिकारियों , दिल्ली पुलिस की सिक्योरिटी विंग के एक जेसीपी रैंक के अधिकारियों के साथ तफ्तीश शुरू की गई।
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दो अधिकारियों ने किया घुसपैठियों का रोल
सूत्र की मानें तो सीआरपीएफ डीजी और जांच समिति के दूसरे सदस्यों ने 15 दिसंबर के बाद पहली बार संसद के परिसर का जायजा लिया। जांच टीम ने सभी सुरक्षा कर्मियों को अपने निर्धारित ड्यूटी स्थानों पर जाने को कहा गया। और फिर दो पुलिस अफसरों को घुसपैठिया बनाया गया। एक अधिकारी ने मनोरंजन और दूसरे ने सागर शर्मा का रोल प्ले किया।
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सस्पेंड पुलिसवालों को नहीं बुलाया गया
मिली जानकारी के मुताबिक जांच समिति के सदस्यों ने कुछ और गहन और गहरी बातों को गौर किया, संसद सुरक्षा में चूक के लिए लोकसभा सचिवालय की तरफ से सस्पेंड किए गए 8 सुरक्षा कर्मियों को इस क्राइम सीन पर नहीं बुलाया गया। लेकिन पता ये चला है कि ये जांच कमेटी उन लोगों के बयान ले सकती है और उनसे भी इस बारे में बहुत कुछ समझ सकती है। इसके साथ साथ संसद की सुरक्षा में लगाए गए तमाम नए पुराने उपकरणों की भी गहराई से पड़ताल की जा रही है।
सारे बंदोबस्त की निकाली हवा
ये बात सभी जानते हैं कि संसद में 2001 में हुए आतंकी हमले की 22 वीं बरसी वाले दिन 13 दिसंबर 2023 को लोकतंत्र के मंदिर की सुरक्षा खतरे में पड़ गई जब दो घुसवैठियों ने तमाम सुरक्षा बंदोबस्त की आंख में धूल झोंककर दर्शक दीर्घा के जरिए लोकसभा के मुख्य हाल में ही छलांग लगा दी थी और नारेबाजी करते हुए उन दोनों ने रंगीन धुआं छोड़कर सारे बंदोबस्त की हवा निकाल दी थी।
अब तक छह लोग गिरफ्तार
हालांकि इस घुसपैठ के सिलसिले में अब तक पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें एक महिला को भी सुरक्षा घेरे के बाहर संसद भवन के बाहर खड़े होकर नारे लगाने के इल्जाम में गिरफ्तार किया। जबकि पुलिस के मुताबिक अभी इस सिलसिले में दो लोग और भी हैं जो फरार हैं। इन सभी के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 120बी, 452, 153, 186, 353 और UAPA की सख्त धाराओं 16 और 18 के तहत मामला दर्ज किया गया
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