पतंजलि की सोन पापड़ी क्वालिटी टेस्ट में फेल, कंपनी के अधिकारी समेत 3 को मिली जेल, लगा जुर्माना
Patanjali Soan Papdi के सैंपल फेल होने पर अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर की असिस्टेंट मैनेजर अजय जोशी और दुकानदार लीलाधर पाठक को 6 महीने के जेल और जुर्माना की सजा सुनाई है।
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उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग की एक दुकान से करीब 5 साल पहले पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी के लिए गए सैंपल फेल हो गए। इस पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पिथौरागढ़ संजय सिंह की अदालत ने शनिवार को पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर की असिस्टेंट मैनेजर अजय जोशी और दुकानदार लीलाधर पाठक को 6 महीने की जेल और जुर्माना की सजा सुनाई है।
पतंजलि की सोन पापड़ी क्वालिटी टेस्ट में फेल
इन आरोपियों को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम की कई धाराओं के अंतर्गत सजा सुनाई गई है। पिथौरागढ़ की एक अदालत ने पतंजलि इलायची सोनपापड़ी को बनाए जाने में खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किए जाने के मामले में तीन लोगों को छह माह के कारावास की सजा सुनाई है। सहायक अभियोजन अधिकारी रितेश वर्मा ने बताया कि पिथौरागढ़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संजय सिंह ने यहां शनिवार को सजा सुनाने के साथ ही उन पर पांच हजार से लेकर 25 हजार तक का जुर्माना भी लगाया है।
कंपनी के अधिकारी समेत 3 को जेल
वर्मा ने बताया कि अदालत ने पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग कस्बे के दुकानदार लीलाधर पाठक को यह उत्पाद बेचने के लिए छह माह के कारावास और पांच हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने नैनीताल जिले के रामनगर में स्थित पतंजलि के अधिकृत प्रतिनिधि ‘कान्हाजी डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड’ के सहायक प्रबंधक अजय जोशी को छह महीने की जेल और 10 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई।
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पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी के सैंपल फेल
साथ ही हरिद्वार के पदार्था गांव में मौजूद उत्पाद बनाने वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के AGM अभिषेक कुमार को छह महीने कैद तथा 25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। वर्मा ने बताया कि 17 सितंबर 2019 को पाठक की दुकान से पतंजलि इलायची नवरत्न सोनपापड़ी के नमूने एकत्र करने के बाद उन्हें जांच के लिए उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की लैब में भेजा गया था। रिपोर्ट में नमूने खाद्य सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं पाए जाने के बाद 2021 में इस संबंध में मामला दर्ज किया गया था।
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