कैसे रखे जाते हैं तिहाड़ जेल में VVIP कैदी, किससे है खतरा, क्यों बरती है बड़ी सावधानी, पूर्व पुलिस Commissioner का खुलासा
Delhi News: दिल्ली पुलिस के पूर्व पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने कहा है कि तिहाड़ में वीवीआईपी कैदियों को ‘काफी सावधानी’ से रखना पड़ता है क्योंकि उन पर हमला होने या उन्हें खतरा होने की आशंका हमेशा बनी रहती है।
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Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त नीरज कुमार ने कहा है कि तिहाड़ में वीवीआईपी कैदियों को ‘काफी सावधानी’ से रखना पड़ता है क्योंकि उन पर हमला होने या उन्हें खतरा होने की आशंका हमेशा बनी रहती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनके पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येन्द्र जैन और मनीष सिसोदिया समेत कई वीवीआईपी लोग तिहाड़ जेल में बंद हैं। कुमार महानिदेशक (जेल) के रूप में भी कार्यरत रहे हैं। यहां समाचार एजेंसी के मुख्यालय में ‘पीटीआई’ संपादकों के साथ बातचीत में कुमार ने कहा कि उन्हें तिहाड़ जेल में अपने कार्यकाल के दौरान ‘‘अधिकतम संख्या में वीवीआईपी का ध्यान रखने’’ का मौका मिला था।
बना रहता है हमला होने का खतरा
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अधिकतम संख्या में वीवीआईपी का ध्यान रखने का मौका मिला था। यह वह समय था जब राष्ट्रमंडल खेल घोटाला हुआ था। सुरेश कलमाड़ी, कनिमोइ, ए राजा (2जी स्पेक्ट्रम घोटाला) से लेकर, रिलायंस के लोग, सीडब्ल्यूजी, अमर सिंह, आईएएस अधिकारी, आईपीएस अधिकारी वहां थे।’’ एक वीवीआईपी कैदी की दिनचर्या के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें किसी अन्य विचाराधीन कैदी की तरह ही दिनचर्या का पालन करना होता है। उन्होंने कहा, ‘‘जब किसी वीआईपी को जेल में रखा जाता है तो उन्हें रखने में काफी सतर्कता बरती जाती है।
वीआईपी को जेल में खास सुरक्षा
केजरीवाल जेल के अंदर हैं। उन्हें किसी बैरक या किसी सेल में नहीं रखा जाएगा और सुरक्षा पहलू को ध्यान में रखते हुए बहुत सावधानी से चुनी गई जगह पर उन्हें रखा जायेगा।’’ कुमार ने कहा, ‘‘क्योंकि ब्लेडबाजी जैसी कई चीजें हो सकती हैं। अगर आप सावधानी नहीं रखेंगे तो उन पर हमला हो सकता है। लोग न सिर्फ उन पर हमला कर सकते हैं, बल्कि उन्हें धमकी भी दे सकते हैं या पैसे भी वसूल सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें खबरों से पता चला है कि केजरीवाल को दोषियों के लिए बनाई गई जेल में रखा गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें विचाराधीन कैदियों की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित और शांत स्थान पर रखा गया है।’’
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इसलिए बरती जाती है बड़ी सावधानी
नीरज कुमार अपने कार्यकाल के दौरान, सबसे प्रतिष्ठित पुलिस अधिकारियों में से एक रहे थे। दिल्ली में सेवा के दबाव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस भाग्यशाली है क्योंकि उस पर स्थानीय राजनीतिज्ञों का कोई दबाव नहीं होता है। उन्होंने कहा, ‘‘उस हद तक, हम स्वतंत्र हैं (क्योंकि दिल्ली पुलिस केंद्र के अधीन आती है)। दिल्ली पुलिस पर दबाव हालांकि किसी भी अन्य राज्य से अधिक है। क्योंकि देश के किसी भी हिस्से में कोई भी समस्या होती है तो लोग दिल्ली आते हैं- उदाहरण के लिए किसान आंदोलन।’’ कुमार ने कहा कि कानून और व्यवस्था के नजरिए से नई दिल्ली जिले में चुनौती सबसे अधिक है जबकि बाहरी जिलों में कम चुनौती है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन बाहरी इलाकों में आपराधिक घटनाओं का दबाव है, खासकर सड़कों पर होने वाले अपराध।’’
(PTI)
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