मनी लॉंड्रिंग केस में तमिलनाडु के मंत्री, उनके सांसद बेटे पर ईडी के छापे, द्रमुक ने कहा बदले की कार्रवाई

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Chennai ED News: ईडी ने कथित अवैध खनन से जुड़े धन शोधन मामले में सोमवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता और तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी तथा उनके बेटे एवं सांसद गौतम सिगमनी के परिसरों पर छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी ने मंत्री के परिसर से करीब 70 लाख रुपये और कुछ पौंड बरामद किये हैं। तलाशी के दौरान पिता-पुत्र के बयान भी दर्ज किए जा सकते हैं।

नौकरी के बदले नकद धन राशि का केस

तमिलनाडु के परिवहन मंत्री सेंथिल बालाजी के बाद पोनमुडी (72)मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के मंत्रिमंडल के दूसरे मंत्री हैं, जो जांच एजेंसी के दायरे में आए हैं। इससे पहले जून में बालाजी को कथित नौकरी के बदले नकद धन राशि से जुड़े धन शोधन मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। सूत्रों ने बताया कि राजधानी चेन्नई के अलावा पोनमुडी के गढ़ विल्लुपुरम में परिसरों पर तलाशी ली जा रही है। वहीं, सत्तारूढ़ द्रमुक ने छापेमारी को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ करार दिया है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सशस्त्र जवानों की मौजूदगी में ईडी ने कार्रवाई को अंजाम दिया और कुछ दस्तावेज भी जब्त किए हैं।

स्टालिन ने कहा कि ईडी 'चुनाव अभियान' में शामिल

उच्च शिक्षा मंत्री पोनमुडी विल्लुपुरम जिले की तिरुक्कोयिलुर विधानसभा सीट से विधायक हैं, जबकि उनके बेटे सिगमनी लोकसभा में कल्लाकुरिची सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए द्रमुक के अध्यक्ष स्टालिन ने कहा कि ईडी 'चुनाव अभियान' में शामिल हो गई है। कांग्रेस की ओर बुलाई गई विपक्ष की बैठक में बेंगलुरु रवाना होने से पहले स्टालिन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि दिवंगत जे जयललिता के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) सरकार में 13 साल पहले पोनमुडी के खिलाफ यह ‘झूठा मामला’ दर्ज किया गया था।

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द्रमुक जरा भी चंतित नहीं है- स्टालिन

स्टालिन ने कहा, ‘‘जहां तक तमिलनाडु का सवाल है, राज्यपाल आर एन रवि पहले से ही चुनाव प्रचार कर रहे हैं। अब ईडी (चुनाव परिदृश्य) भी इसमें शामिल हो गई है। मुझे लगता है कि ऐसे में हमारे लिए चुनाव कार्य आसान हो जाएगा।’’ ईडी की छापेमारी पर स्टालिन ने कहा, ‘‘द्रमुक जरा भी चंतित नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि यह ध्यान भटकाने के लिए रचाया गया ‘नाटक’ है। धन शोधन का यह मामला 2007 से 2011 बीच बरती गई कथित अनियमितताओं से जुड़ा है, जब पोनमुडी तमिलनाडु के खनन मंत्री थे। उन पर खदान लाइसेंस शर्तों के उल्लंघन के आरोप लगे थे और इससे सरकारी खजाने को लगभग 28 करोड़ रुपये का नुकसान होने का दावा किया गया था। राज्य पुलिस ने मंत्री और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के इन आरोपों की जांच के लिए एक शिकायत दर्ज की थी। इसके बाद सिगमनी ने राहत के लिए मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, लेकिन जून में अदालत ने सुनवाई पर रोक से इनकार कर दिया था।

ईडी का ताबड़तोड़ एक्शन

मंत्री पर अपने बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए खनन/खदान लाइसेंस प्राप्त करने और लाइसेंसधारियों पर तय सीमा से अधिक बालू के उत्खनन करने का आरोप है। द्रमुक प्रवक्ता ए सरवनन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई है और इसका उद्देश्य द्रमुक के संकल्प को तोड़ना है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि गुटखा घोटाले जैसे भ्रष्टाचार के मामलों में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के नेताओं के खिलाफ केंद्रीय अधिकारियों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ईडी ने हाल में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के मंत्रिमंडल के एक अन्य मंत्री सेंथिल बालाजी पर भी इसी तरह की कार्रवाई की थी। इससे पहले, परिवहन मंत्री सेंथिल बालाजी को कथित नौकरी के बदले नकद धन राशि से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया गया था। स्टालिन और द्रमुक ने कुछ समय पहले बालाजी पर की गई ईडी की कार्रवाई को भी केंद्र की ‘डराने-धमकाने की राजनीति’ बताया था।

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(PTI)

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