यूक्रेन के तमाम शहरों में लगे राख और मलबे के ढेर, उजाड़ शहरों में फैला डर और ख़ौफ़ का साया

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रूठ सी गई है यहां ज़िंदगी

Russia-Ukraine War: ‘ये जंग ख़त्म कब होगी’, 41 दिन के बाद अब ये सवाल यूक्रेन में बेमानी हो गया है। चारो तरफ बिखरा मलबे, राख के ढेर और तबाही बर्बादी के निशान बता रहे हैं कि यहां अब जंग होने और न होने का क्या मतलब रह गया है। यहां से ज़िंदगी क़रीब क़रीब रूठ सी गई है। डर और ख़ौफ़ का साया यहां के बियाबान में अपना बसेरा बना चुका है।

रूसी फौज तो कीव में दाखिल नहीं हो पाई, लेकिन आसपास के इलाके में तबाह करके विनाश का पूरा साजो-सामान छोड़ गई है। रूसी फौज यूक्रेन के जिस जिस हिस्से से गुज़री वहां राख के ढेर हैं, और बिल्डिंगों का मलबा उस शहर की पहचान को अपने भीतर समेटे हुए है। कीव के आस पास के शहरों की तस्वीरों को देखकर वहां के आलम का अंदाज़ा मिल जाता है। हर तरफ अगर कुछ नज़र आता है तो जली हुई कारें, टूटी हुई इमारतें और मलबों को साफ करते यूक्रेन के आपात सेवा के लोग।

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बूचा में अब कुछ नहीं बचा

Russia-Ukraine War: यूक्रेन का एक शहर है बूचा। जो अब है नहीं बल्कि था बन चुका है। पूरी दुनिय़ा की निगाहें इस वक्त बूचा पर लगी हुई हैं, लेकिन यूक्रेन के भीतर तो अनगिनत बूचा बन चुके हैं।

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उसी बूचा के पास एक गांव है मोताइज़िन, जिसे अब क़ब्रों का गांव कहा जाने लगा है। असल में रूसी फौज के यहां से लौटने के बाद जब इस इलाक़े के लोग यहां पहुंचे तो जमीन के अंदर दबाए गए शवों को देखकर सकते में आ गए। जैसे-जैसे यूक्रेनी फौज इलाकों को अपने कब्जे में लेती जा रही, रूसी फौज के अत्याचारों का खुलासा होता जा रहा है।

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कीव से ही सटे होसटोमेल एयरपोर्ट की तस्वीर तो और भी ज्यादा भयानक हैं। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें एयरपोर्ट में बने तमाम हैंगर और हैंगर में खड़े विमान पूरी तरह से खस्ताहाल में खड़े बस कुछ ढांचे से बचे हैं। इसी एयरपोर्ट पर यूक्रेन का सबसे महंगा विमान भी खड़ा था। जो अपने साथ क़रीब ढाई सौ टन से ज़्यादा का सामान ढोने के क्षमता रखता है। इस विमान की क़ीमत तीन बिलियन डॉलर से भी महंगी है। वो अब जलने के बाद पूरी तरह से कबाड़ हालत में एयरपोर्ट पर खड़े होकर रूसी हमले की पूरी दास्तां सुना रहा है।

यूक्रेन के शहरों में रूसी सेना के क़दमों के निशान

Russia-Ukraine War: 41 दिन की जंग में रूस ने यूक्रेन को लगभग बर्बाद कर दिय़ा है। इस मुल्क़ के एक दर्जन से ज़्यादा शहर पूरी तरह से तबाह होकर मलबे के ढेर में बदल चुके हैं।

बूचा को अपनी आंखों से देखने के बाद वोलोडिमीर ज़ेलेन्स्की ने बड़े ही अफ़सोस भरे लहजे में कहा कि हिटलर की नाजी सेना ने जितना नुकसान नहीं किया था उससे कहीं ज़्यादा तो पुतिन अब तक यूक्रेन को बर्बाद कर चुके हैं।

जेलेंस्की स्टोइयंका भी पहुंचे जो बूचा से महज 15 किलोमीटर दूर है। तस्वीरे देखिये। रूसी हमले में ध्वस्त हुए पुल से जेलेंस्की ने तबाही का मंजर देखा।

हर घर हर छत पर रूसी बमबारी के निशान

Russia-Ukraine War: देश की राजधानी कीव से सटा हुआ स्टोइयंका का इलाक़ा है। उसके रिहाइशी इलाक़ो में हर घर हर छत पर रूसी मिसाइलों और बमबारी के निशान देखे जा सकते हैं। रूस की बमबारी ने इस इलाक़े की ज़्यादातर इमारतों को मलबे के ढेर में तब्दील कर दिया है। और बमबारी से जो कुछ बच गया उस रूसी सैनिकों ने आग के हवाले करके सारे इलाक़े को पूरी तरह से मटियामेट कर दिया।

स्टोइयंका से सिर्फ 25 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है इरपिन। यहां तो रूस की सेना ने जबरदस्त तबाही मचाई। जब इरपिन शहर में राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की पहुँचे तो वहां का हाल उनसे देखा नहीं गया । हर तरफ सिर्फ बारूदी धुएं के निशान और सड़कों पर कबाड़ हो चुकी कारों के ढेर नज़र आ रहे थे।

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