इस DIG ने पहले तैराकी का रिकॉर्ड तोड़ा, फिर बेशर्मी का; गंदी हरकतों पर किया गया बर्खास्त
भारत के जाने माने तैराक और अर्जुन पुरस्कार विजेता खजान सिंह को आखिरकार बर्खास्तगी का नोटिस थमा दिया गया क्योंकि जांच में पाया गया कि उन पर लगा यौन शोषण का इल्जाम एकदम सही है।
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Khajan Singh Dismissal : कुछ अरसा पहले तक जिस अधिकारी को लेकर सीआरपीएफ (CRPF) के जवानों से लेकर अफसरों तक का सीना चौड़ा हो जाता था, अब उसका नाम लेते ही उनका सिर शर्म से झुक जाएगा, ये बात लागू होती है केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ के एक बड़े अफसर और देश की एक बड़ी खेल हस्ती खजान सिंह (Khajan Singh) पर जिसके कंधे और सीने में न जाने कितने तमगे और सितारे चमक रहे थे, मगर जिस इल्जाम ने उनकी वर्दी को दाग लगाया है वो वाकई इतने गंदे हैं कि उनसे छुटकारा अब ताउम्र नहीं मिल सकेगा।
तैराकी का दिग्गज था आरोपी अफसर
इस देश में खजान सिंह का नाम कौन नहीं जानता। तैराकी में खजान सिंह का नाम देश के बच्चे बच्चे की जुबान पर तैरा करता था। लेकिन देश का सबसे बेहतरीन खेल सम्मान अर्जुन पुरस्कार जीतने वाले खजान सिंह को यौन उत्पीड़न के एक मामले में अब दोषी पाने के बाद उन्हें बर्खास्तगी का नोटिस थमा दिया गया है। हालांकि नोटिस का जवाब देने के लिए अभी उनके पास 15 दिन का समय है। लेकिन जिस इल्जाम ने इस काबिल अफसर को घेरा वो वाकई हैरतअंगेज है। बर्खास्तगी का नोटिस जारी करने की कार्रवाई संघ लोक सेवा आयोग की सिफारिश और गृह मंत्रालय की मंजूरी पर की गई है।
CRPF की महिला कर्मियों ने लगाया था इल्जाम
सीआरपीएफ के उप महानिरीक्षक यानी डीआईजी रैंक के मुख्य खेल अधिकारी खजान सिंह पर अर्धसैनिक बल की कुछ महिला कर्मियों ने यौन उत्पीड़न का संगीन इल्जाम लगाया था। सीआरपीएफ के सूत्रों के मुताबिक महिला सीआरपीएफ कर्मियों के एक ग्रुप की तरफ से यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने के बाद फोर्स की तरफ से जांच की गई थी। उस जांच में इल्जामों को सही पाया गया। इसके बाद देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल ने UPSC को एक रिपोर्ट सौंपी। उसी रिपोर्ट को आधार बनाने के बाद गृह मंत्रालय को उनकी बर्खास्तगी की सिफारिश करनी पड़ी।
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सियोल एशियाड में जीता था सिल्वर
CRPF के प्रमुख खेल अधिकारी की भूमिका संभालने से पहले खजान सिंह ने खुद 1986 के सियोल एशियाई खेलों में देश का प्रतिनिधित्व किया और 200 मीटर बटरफ्लाई में सिल्वर मैडल जीता था। उनकी जीत 1951 के बाद से सबसे बड़ी जीत थी और इस प्रतियोगिता में भारत का ये पहला तैराकी पदक था।
मुंबई में तैनात है खजान सिंह
खजान सिंह मौजूदा वक्त में मुंबई में तैनात हैं। उन पर दो आरोप हैं। एक मामले में बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू की गई है और दूसरे मामले की जांच की जा रही है। पहले आरोप को गलत बताते हुए उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की बात कही है।
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