Murder News : लखनऊ में फिल्मी तरीके से 3 लोगों की हत्या, लाशें भी मिलीं पर श्रीनगर में होती रही तलाश

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UP Crime News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ. यहां एक के बाद एक कुल तीन लाशें मिलीं. इसी शहर से 3 लोग लापता भी हुए. लेकिन जो 3 अलग-अलग लाशें मिली थीं वो क्या लापता हुए लोगों की ही थीं. या फिर तीनों लोग अलग-अलग थे. इसका पता पुलिस नहीं लगा सकी. पुलिस को अगर कुछ समझ आया तो बस ये कि लापता हुए तीनों लोग जिंदा हैं.

तीनों ना सिर्फ जिंदा थे बल्कि सैर-सपाटा भी कर रहे हैं. वो भी जम्मू-श्रीनगर में जाकर. लेकिन अचानक पता चलता है कि तीनों श्रीनगर के हाइवे पर ही कहीं फंस गए हैं. इसके बाद से उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है. अब ये जानकारी मिलने पर लखनऊ पुलिस तुरंत श्रीनगर पुलिस को सूचना देती है. अब श्रीनगर की रामबन पुलिस तीनों की फोटो के आधार पर तलाश में जुट जाती है.

श्रीनगर की घाटियों से लेकर उन हर इलाके में खोजबीन होती है जहां सैलानी रुकते हैं. कई दिनों की तलाश के बाद भी हाथ खाली. इसी बीच तीनों के लापता होने की एक खबर लखनऊ के अखबार में छपती है. फिर इस पूरे केस में अचानक से नया मोड़ आ जाता है.

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लखनऊ की पुलिस अपने कुछ दर्जन भर थानों में मिली लावारिस लाशों और गुमशुदा लोगों की शिनाख्त नहीं कर पाती. वही पुलिस करीब 1400 किमी दूर श्रीनगर में उनकी तलाश कराने की जानकारी देकर हाथ पर हाथ धरे बैठ जाती है.

लेकिन उस फोटो से ये साफ हो गया कि कुछ दिन पहले जो 3 लावारिस लाशें मिलीं थीं वो वही थे जो एक ही परिवार के लापता हुए लोग थे. लेकिन अब सवाल ये था कि आखिर ये तीनों क़त्ल किसने किए. तीनों की हत्या क्यों हुई. और किसने की. अब पुलिस नए सिरे से तफ्तीश शुरू करती है. और श्रीनगर पुलिस को लापता लोगों की मौत होने की जानकारी देकर वहां की जांच को बंद करा देती है.

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6-13 जनवरी को लखनऊ में अलग-अलग जगह मिली थी 3 लाशें

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Murder Mystery News : लखनऊ में 6 जनवरी से 13 जनवरी के बीच तीन अलग-अलग इलाकों में तीन लाशें मिलती हैं. पहली लाश इटौंजा इलाके के माल रोड के किनारे मिली थी. ये 26 साल के युवक का शव था. गला रेतकर हत्या हुई थी. काफी पूछताछ के बाद भी उसकी पहचान नहीं हो सकी थी. पुलिस ने बाकायदा इसका एक विज्ञापन भी निकाला था.

इसके बाद लखनऊ के मलिहाबाद में 8 जनवरी को दूसरा शव मिलता है. ये शव एक बुजुर्ग का था. इस बुजुर्ग का भी गला रेतकर क़त्ल हुआ था. इसके बाद 13 जनवरी को माल इलाके में ही बुजुर्ग महिला का शव मिला. इस महिला की हत्या भी गला काटकर हुई थी. मामले की जांच लखनऊ की ग्रामीण पुलिस ने शुरू की.

पुलिस को शक हुआ कि तीनों हत्याएं एक ही पैटर्न पर हुईं हैं. लेकिन मरने वाले कौन हैं, ये पता नहीं चल पाया. तीनों शवों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मिलान से भी ये पुष्टि हो गई कि तीनों की एक ही तरीके से हत्या हुई थी.

इसी बीच, 14 जनवरी के आसपास पुलिस को जानकारी दी गई कि लखनऊ के विकास नगर सेक्टर-2 में रहने वाले इंडियन आयल कार्पोरेशन से रिटायर्ड अधिकारी महमूद अली खां, उनकी पत्नी दरख्शां और बेटा शावेज लापता हो गए हैं.

घर में कई दिनों से दिखे नहीं. इस बारे में उनके परिवार के कुछ लोगों ने आखिरी बार उनके जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर रामसू इलाके में होने की जानकारी मिली थी. जांच में ये भी पता चला कि शावेज ने अपनी बहन को फोन पर श्रीनगर में आने का मैसेज भी भेजा था.

उसने फोटो भी भेजी थी. उस फोटो को देखकर पुलिस ने ये मान लिया कि तीनों लोग श्रीनगर में हैं. इसके बाद ये भी जानकारी मिली कि श्रीनगर में ही हाईवे पर जाम में फंस गए हैं. उसमें भी महमूद अली की तबीयत खराब हो गई है. ऐसी जानकारी मिली है.

ये पता चलते ही लखनऊ पुलिस ने श्रीनगर की रामबन पुलिस को तुरंत सूचना दी. तीनों लोगों की फोटो भेजी ताकि उस आधार पर उनकी तलाश शुरू हो जाए. श्रीनगर के रामबन की एसपी मोहिता शर्मा ने तलाशी भी शुरू करा दी. लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली.

एक मीडिया ने तीनों के लापता होने की फोटो छापी

Crime News in Hindi : इसी बीच, 15 जनवरी को लखनऊ के एक अखबार ने तीनों के लापता होने की फोटो अखबार में प्रकाशित की. ये भी बताया कि तीनों लोग श्रीनगर में हाईवे से लापता हो गए हैं. महमूद की बेटी और दामाद ने बताया कि उनके साथ लापता शावेज ने किसी तरह वाईफाई के जरिए आखिरी बार कुछ फोटो और जानकारी शेयर की थी. उसी आधार पर तीनों लोगों की तलाश की जा रही है.

जब ये फोटो अखबार में आई तो माल रोड और मलिहाबाद की पुलिस ने फोटो को देखकर ये पहचान लिया कि जिनकी 6 जनवरी से 13 जनवरी तक लाशें मिलीं थीं वे तीनों तो यही लापता लोग हैं. यानी तीनों श्रीनगर तो गए ही नहीं. बल्कि उनकी बेरहमी से हत्या कर लखनऊ में अलग-अलग जगहों पर ठिकाने लगा दिया गया. वो भी पूरी तरह से फिल्मी तरीके से. ताकी इनकी पहचान भी उजागर ना हो और पुलिस श्रीनगर में उन्हें तलाशती रह जाए.

ऐसे पकड़े गए आरोपी

UP Crime News : इस मामले में लखनऊ पुलिस अभी पूरा खुलासा करेगी. लेकिन सूत्रों से पता चला है कि महमूद अली के परिवार में उनका बड़ा बेटा सरफराज और बेटी भी हैं. बेटी की शादी नोएडा में हुई. वो नोएडा में ही अपने पति के साथ रहती है. बेटी ने ही पुलिस को श्रीनगर जाने की फोटो दिखाई थी और पूरी जानकारी दी थी. लेकिन जिस दिन मृत शावेज का शव मिला था उसी दिन सरफराज भी लखनऊ में ही थी.

इसके बाद सरफराज 13 जनवरी को श्रीनगर जाता है. वहां पर जाने के बाद शावेज के फोन से बहन को मैसेज भेजता है. जिसमें ये लिखता है कि वे पिता और मां के साथ श्रीनगर में आया है. और यहां हाईवे पर फंस गया है. किसी तरह ये मैसेज भेज पा रहा है.

इस तरह पुलिस के सामने पूरी कहानी आ गई. पुलिस ने जांच की तब पता चला कि इस पूरी घटना में महमूद के बड़े बेटे सरफराज का हाथ है. उसने एक सहयोगी सफाई कर्मचारी के साथ मिलकर इस पूरी घटना को अंजाम दिया था.

बड़े बेटे ने ही नींद की 90 गोलियां देकर किया था बेहोश फिर गला रेत हत्या

पुलिस की जांच में पता चला कि माता-पिता और भाई शावेज की हत्या कर बड़ा भाई सरफराज पूरी प्रॉपर्टी पर कब्जा करना चाहता था. उसे ये भी शक होता था कि माता-पिता छोटे बेटे के नाम पूरी प्रॉपर्टी कर देंगे. इसलिए उसने घटना वाले दिन विकासनगर स्थित घर में ही बिरयानी में नींद की 90 गोलियां मिलाकर तीनों को खिलाई थी.

जिससे तीनों की नींद ना खुले. इस तरह तीनों के बेहोश होने पर उनकी गला रेतकर हत्या कर दी थी. इसके बाद अलग-अलग दिन में अलग-अलग जगह पर फेंक दिया था. ताकी उनकी एक साथ पहचान ना हो सके. और हुआ भी यही. पुलिस का कहना है कि सरफराज एलएलबी पूरी कर चुका है और जज बनना चाहता था. लेकिन उससे पहले ही सलाखों के पीछे चला गया.

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