मेरी बेटी का ख्याल रखना...इसे पीटना मत अभी ये बहुत छोटी है: एक अफगानी पिता

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अमेरिका ने अफगानिस्तान सरकार के तमाम खातों को सील कर दिया है जिसकी वजह से तालिबान सरकारी कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे पा रहे हैं। जो लोग दूरदारज वाले इलाकों में रह रहे हैं वहां तो हालता और बुरे हैं।

अब कई परिवारों ने जीने के लिए अपनी बच्चियों को बेचना शुरु कर दिया है। ये परिवार अपनी बेटियों को उनकी उम्र से तीगुने-चौगुने आदमियों को बेच रहे हैं। पैसे, खाने का सामान और जानवरों के बदले छोटी-छोटी बच्चियों के सौदा किया जा रहा है।

एक ऐसी ही कहानी नौ साल की परवाना मलिक की है जिसे पिछले महीने ही उसके पिता ने 55 साल के कुरबान को बेच दिया था। अफगानिस्तान के बादग़ीस का रहने वाला परवाना का परिवार बड़ी मुश्किल से अपना खर्च चला रहा है। वो शरणार्थियों के लिए बनाए गए कैंप में रह रहे हैं। आय का कोई जरिया नहीं है मदद में जो मिल जाता है उससे ही परिवार का दाना-पानी चल रहा है।

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परिवार में आठ लोग हैं, परवाना के पिता अब्दुल मलिक के मुताबिक वो पहले ही अपनी 12 साल की बच्ची को कुछ महीने पहले बेच चुका है ताकि परिवार के बाकी लोगों को जिंदा रखा जा सके। अपनी इस स्थिति पर अब्दुल मलिक बेहद शर्मिंदा है कि उसे अपना परिवार पालने के लिए अपनी बेटियों को बेचना पड़ रहा है।

दूसरी ओर बेटी परवाना पढ़कर टीचर बनना चाहती है लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उसका ये सपना शायद ही कभी पूरा हो पाए। परवाना को डर लगता है कि जिस 55 साल के आदमी से उसकी शादी कराई जा रही है वो उससे घर का काम कराएगा और उसके साथ मारपीट भी करेगा।

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सौदा होने के दो दिन बाद 55 साल का कुरबान अब्दुल मलिक के घर पहुंचा और उसने परवाना के पिता को दो लाख अफगानी रुपये दिए और परवाना को लेकर चला गया। बेटी के जाते वक्त रोते हुए अब्दुल ने कुरबान से कहा कि, “अब ये तुम्हारी पत्नी है, इसका ख्याल रखना.....इसे पीटना मत अभी ये बहुत छोटी है”।

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कुरबान ने भी अरमान को भरोसा दिलाया कि वो उसकी बेटी को अच्छी तरह से रखेगा। बादग़ीस के पास ही अफगानिस्तान का घोर राज्य है यहां पर भी कहानी परवाना जैसी ही है बस बच्ची का नाम बदल गया है। परिवार और पिता की परिस्थिति अब्दुल मलिक के जैसी ही है।

यहां पर 10 साल की मगुल की 70 साल के आदमी से शादी कराई जा रही है क्योंकि मगुल के पिता ने इससे कर्जा लिया था जिसे वो चुका नहीं पा रहा है। मगुल इस बात से बेहद परेशान है, उसका साफ कहना है कि वो अपने मां-बाप को छोड़कर नहीं जाना चाहती। अगर मां-बाप ने जोर जबरदस्ती की तो वो खुद अपनी जान ले लेगी।

परवाना और मगुल की तरह से ना जाने कितनी अफगानी बच्चियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। उन्हें नहीं मालूम आने वाले वक्त में उनके साथ क्या होने जा रहा है। तालिबान ने लड़कियों की पढ़ाई पर रोक लगा दी है।

देश में बेरोजगारी, गरीबी और भुखमरी बढ़ती जा रही है। इसकी वजह से ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को शादी के नाम पर बेचा जा रहा है।

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