Shraddha: पहली बार दिल्ली पुलिस ने माना आफताब कर रहा है गुमराह! अब निठारी केस के इस तरीके से खुलेगा राज?

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Shraddha Murder Update : श्रद्धा केस एक परफेक्ट मर्डर (Perfect Murder) है. जिसमें कत्ल तो हुआ पर सबूत नहीं. हड्डियां मिलीं लेकिन किसकी हैं, पता नहीं. कत्ल हुआ पर हथियार नहीं. जिसकी हत्या हुई उसकी लाश नहीं. मर्डर हुआ पर मोटिव नहीं. लाश के 35 टुकड़े हुए लेकिन पूरे टुकड़े नहीं मिले. और ना ही कटा हुआ सिर मिला. यानी पूरा परफेक्ट मर्डर. जिसमें एक-एक कड़ी को जोड़ना पुलिस के लिए आसान नहीं है.

ऐसे में अब तक पुलिस के सामने आरोपी आफताब ने जो कुछ बताया, हो सकता है कि वो पूरा झूठ ही निकले. क्योंकि मर्डर के पूरे 6 महीने हो चुके हैं और आफताब इस दौरान पूरी तैयारी कर चुका है. उसे कब क्या कहना है और क्या छुपाना है. ये सबकुछ वो शातिर तरीके से कर रहा है.  

श्रद्धा केस में पहली बार दिल्ली पुलिस ने ये कहा

गुमराह कर रहा है आफताब : अब दिल्ली पुलिस (Delhi Police) खुद स्वीकार कर रही है आफताब पूनावाला बेहद शातिर है. आफताब पुलिस को गुमराह कर रहा है. असल में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि आरोपी आफताब ने अब तक जो बातें कहीं हो वो मिसलीड करने वालीं हैं. उसके बयान भ्रामक हैं. यानी अभी 6 दिनों की जांच में कुछ भी साफ नहीं है.

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श्रद्धा मर्डर केस को लेकर दिल्ली पुलिस ने पहली बार ऑफिसियल एक बयान जारी किया है. उस बयान में दिल्ली पुलिस ने आरोपी आफताब अमीन पूनावाला का नाम तो बताया है लेकिन श्रद्धा और उसके पिता का नाम नहीं लिया है. श्रद्धा के नाम की जगह ‘A’ का इस्तेमाल किया है.

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि किसी एक लाइन पर इस मर्डर मिस्ट्री का एंगल नहीं है. अभी हर पहलू को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है. इस जांच में दिल्ली पुलिस अब सभी तेज-तर्रार टॉप प्रोफेशनल एक्सपर्ट की मदद ले रही है. दिल्ली पुलिस ने ये भी कहा है कि जिस तरीके से आफताब पूरे केस को मिसलीड और भ्रामक जानकारी दे रहा है उसी को ध्यान में रखते हुए उसका नारको टेस्ट कराना जरूरी है. जिसके लिए कोर्ट से मंजूरी मिल गई है. आफताब के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट से भी सुराग की तलाश हो रही है.

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आफताब की हर बात को रीक्रिएट कर रही पुलिस

दिल्ली पुलिस ने अपने बयान में कहा कि आफताब ने जो दावे किए हैं उसकी हर बात की जांच की जा रही है. मर्डर से पहले वो कहां-कहां रहा और किस तरह की जिंदगी जी थी. ये भी पुलिस पता लगा रही है. दिल्ली पुलिस की एक टीम उसके बताए हुए उन हर स्थानों पर जाकर सीन रीक्रिएट कर रही है. ये पता लगा रही है कि उसके दावे में कितनी सच्चाई है. मरने वाली लड़की की हड्डियों से लेकर उसके दूसरे बॉडी पार्ट्स की तलाश के लिए 24 घंटे पुलिस टीम जुटी हुई है.

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6 दिनों की जांच के बाद भी केस की दिशा तय नहीं

यानी 6 दिनों की जांच के बाद भी दिल्ली पुलिस जांच की दिशा और दशा दोनों तय नहीं कर पाई है. यही वजह है कि श्रद्धा केस को एक परफेक्ट मर्डर माना जा रहा है. ऐसे में अब श्रद्धा मर्डर का पूरा सच लाने के लिए एक मात्र तरीका बचता है नारको टेस्ट, ब्रेन मैपिंग टेस्ट और साइंटिफिक टेस्ट. लेकिन सवाल फिर वही है कि क्या नारको में ये आरोपी सबकुछ सच ही बोल देगा. जो अब तक पुलिस तमाम तरीकों को आजमाकर भी सच नहीं उगलवा सकी.

अब आगे इस साइंटिफिक जांच से आफताब के जरिए क्या वाकई मर्डर मिस्ट्री का पूरा सच सामने आ सकता है. आइए समझते हैं कि इस केस स्टडी से.

निठारी नरकंकाल कांड था परफेक्ट मर्डर, सुरेंद्र कोली ने ऐसे उगला था पूरा सच

Nithari Case: दिल्ली से सटे नोएडा का निठारी गांव. यहां की डी-5 कोठी में साल जनवरी 2005 से नवंबर 2006 तक कितने कत्ल हुए इसका पूरा पता तो आजतक नहीं लग सका. लेकिन पुलिस और सीबीआई रिकॉर्ड के मुताबिक, कुल 19 कत्ल हुए. जिनमें से 16 की पहचान हुई. उनमें भी 2 एडल्ट यानी बालिग थीं. बाकी 3 साल से लेकर 16 साल तक की लड़कियां और 2 लड़के. जिन 2 लड़कों की हत्या हुई उन्हें सुरेंद्र कोली ने लड़की समझकर कोठी में बुला लिया था. निठारी कांड का खुलासा एक कॉल गर्ल पायल की हत्या को लेकर हुआ था.

पुलिस ने जब सुरेंद्र कोली को शक के आधार पर पकड़ा तब लाख कोशिशों के बाद भी कुछ नहीं बोला था. उसके चेहरे के भाव तक नहीं बदले थे. पुलिस ने अपना हर कथकंडा अपनाया. आखिर में पुलिस थक गई. पूरी तरह से हार गई. तब खुद से परेशान होकर सुरेंद्र कोली ने बस इतना कहा था कि मैंने पायल को मार दिया. फिर नोएडा पुलिस ने उससे रिकवरी कराई तो उसने कोठी के पिछले हिस्से से चप्पल और एक पर्स निकालकर दे दिया था. पर बच्चों के बारे में कभी नहीं बताया. वो तो शक के आधार पर जो बच्चे लापता हुए थे उनके माता-पिता ने खुदाई शुरू की तो बच्चों के नरकंकाल मिलने लगे. चूंकि इस पूरे केस में सुरेंद्र कोली और कोठी मालिक मोनिंदर पंढेर का पॉलीग्राफी टेस्ट और नारको टेस्ट कराया था.

जब इस टेस्ट को कराने के लिए नोएडा पुलिस गुजरात के गांधीनगर ले गई तब वहां की डॉ. एस.एल वाया ने साइको एनालिसिस किया था. इस एनालिसिस में सुरेंद्र कोली पहली बार खुलकर पूरी घटना बताई थी. जो शख्स पुलिस के सभी तरह की थर्ड डिग्री के सामने कुछ नहीं बोला था वो साइको एनालिसिस और नारको के बाद पहली बार रोया था. असल में उस समय नारको एक्सपर्ट डॉक्टर एसएल वाया ने जब उसकी पूरी तरह से एनालिसिस कर लिया तो उसे हाथ पर एक पिन चुभोया. तब सुरेंद्र कोली ने कहा था कि एक पिन चुभोने से मुझे इतना दर्द हुआ तो मैंने इतने बच्चे और लड़कियों को मारा, चाकू से काटा तो उन्हें कितना दर्द हुआ होगा. ये सोचते हुए वो रोने लगा था. गिरफ्तार होने के 20 दिनों बाद पहली बार उसे रोते हुआ देख उस समय पुलिस भी हैरान रह गई थी. उसने रोते हुए पूरी घटना का एक-एक सच बताया था.

तो क्या श्रद्धा मर्डर केस का पूरा राज नारको से खुल सकता है?

 इस केस के बारे में एक्सपर्ट कहते हैं कि नारको और दूसरे साइंटिफिक टेस्ट से आफताब का सच काफी हद तक आ सकता है. क्योंकि बड़े-बड़े केस में इस टेस्ट से एक हद तक क्राइम केस को सुलझाने की एक दिशा मिल जाती है. लेकिन जिस तरीके से आफताब को इस क्राइम के बाद पूरे 6 महीने का टाइम मिला है. उसने इंटरनेट पर इस केस के एक-एक सबूत को हमेशा के लिए मिटाने का प्रयास किया है. ऐसे में पॉलीग्राफी और नारको टेस्ट से कैसे बचा जाए. ये भी उसने जरूर सर्च किया होगा. उसके लिए उसने तैयारी भी की होगी. ऐसे में वो काफी हद तक नारको टेस्ट में भी सच को छुपाने की कोशिश कर सकता है.

एक्सपर्ट ये भी कहते हैं कि अगर साइको एनालिसिस करने के लिए बेहतर एक्सपर्ट की मदद ली गई तो हो सकता है कि जो काम अभी तक दिल्ली पुलिस के टॉप प्रोफेशनल नहीं सुलझा पाए वो सबकुछ आसानी से सुलझा लिया जाए. क्योंकि निठारी कांड में भी ऐसा ही हुआ था. सुरेंद्र कोली ने सबकुछ सच-सच बता दिया था और पहली बार गलती मानी थी कि उसने इतनी हत्याएं करके बहुत बड़ी गलती की है. प्रायश्चित करने की भी बात कही थी. लेकिन उससे पहले पुलिस की पूछताछ के दौरान उसने कभी भी अपनी गलती नहीं मानी थी. यहां तक की कत्ल करने की बात भी स्वीकार नहीं करना चाहता था.

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