Shraddha Case : जिससे मर्डर हुआ वो हथियार मिला, कत्ल के बाद श्रद्धा की अंगूठी दूसरी गर्लफ्रेंड को दी थी

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Shraddha Case update : श्रद्धा मर्डर केस में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को अब तक का सबसे अहम सुराग हाथ लगा है. श्रद्धा का जिस हथियार से कत्ल हुआ उसे बरामद करने का दावा किया गया है. यानी आफताब (Aftab) ने जिस हथियार से श्रद्धा के 35 टुकड़े किए थे वो अब पुलिस के कब्जे में आ गया है. इसके अलावा श्रद्धा की एक अंगूठी (Shraddha Ring) भी पुलिस ने बरामद की है. जिसे आफताब ने मर्डर के बाद दूसरी गर्लफ्रेंड को दे दी थी.

पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त जिस हथियार को बरामद किया है अब उस हथियार की फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी. अगर श्रद्धा के डीएनए या ब्लड सैंपल से उस हथियार से मिले सैंपल का मिलान हो गया तब ये आफताब के खिलाफ बहुत बड़ा सबूत साबित होगा.

पुलिस की जांच में ये भी पता चला है कि श्रद्धा की अंगूठी को आफताब ने अपनी दूसरी गर्लफ्रेंड को गिफ्ट कर दी थी. यानी जिस अंगूठी को श्रद्धा ने कभी अपनी प्यार की निशानी समझकर अपने हाथों में पहनी थी उसे भी आफताब ने उतार ली. ना सिर्फ उसके हाथों से उतारा बल्कि मर्डर के कुछ दिनों बाद ही उसे दूसरी लड़की के हाथों में पहना दी. इससे ये बताता है कि आफताब आखिर श्रद्धा से किस हद तक नफरत करने लगा था.

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आफताब ने अचानक श्रद्धा का किया मर्डर या कई महीनों की साजिश?

Aftab Amin poonawalla : श्रद्धा वाल्कर की हत्या अचानक आवेश में आकर हुई. या फिर कई महीनों की साजिश के बाद श्रद्धा का मर्डर हुआ. ये वो सवाल है जिसकी तलाश तो दिल्ली पुलिस भी कर रही है. श्रद्धा मर्डर केस की अगर बारीकियों को समझें तो यही लगता है कि कई महीनों की साजिश रचने के बाद इसे अंजाम दिया गया. इसके पीछे कई वजहें हैं. क्योंकि दिल्ली में आने के 10 दिन बाद ही आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर दी थी. इसके बाद उसके 35 टुकड़े किए थे. ऐसे में सवाल है कि आखिर दिल्ली आने के बाद ही आफताब ने क्यों कत्ल किए. इससे पहले वो पहाड़ी वादियों में घूमने गया था. क्या वहां भी कत्ल की साजिश रच रहा है.

असल में तफ्तीश में यही लगता है कि आफताब मुंबई में रहते हुए ही श्रद्धा को अपनी जिंदगी से दूर करना चाहता था. क्योंकि श्रद्धा अब अपने रिश्तों को शादी के डोर में बांधना चाहती थी. जबकि आफताब जिस डेटिंग ऐप बंबल से श्रद्धा से मिला था, उसी ऐप से उसे और भी लड़की मिल गई थी. अब वो नए रिश्ते में बंधना चाहता था. इधर, पुराना रिश्ता पीछा नहीं छोड़ रहा था. चूंकि मुंबई में उसका और श्रद्धा दोनों का परिवार जानता था. वो ये भी जानता था कि श्रद्धा के परिवार में ज्यादा ध्यान रखने वाली मां अब जिंदा नहीं है. पिता से उसका ज्यादा नाता नहीं है. ऐसे में अगर अचानक श्रद्धा कहीं गायब भी हो जाए तो ज्यादा कोई पूछने वाला नहीं है.

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ऐसे में पुलिस इस एंगल की भी जांच कर रही है कि जब मई से पहले आफताब हिमाचल में घूमने गया था तब भी कहीं वो उसे मारना तो नहीं चाहता था. क्योंकि हिमाचल के कई ऐसे हिल स्टेशन हैं जहां से किसी को गहरी खाई में धक्का में देकर मारा जा चुका है. लेकिन शायद इस खतरनाक मंसूबे को अंजाम देने में आफताब कामयाब नहीं हो सका. इसलिए उसे दिल्ली आना पड़ा. यहां आने के बाद वो दिल्ली के कई होटलों में रहा. शायद यहां भी उसे मौका नहीं मिल पाया. इसके बाद उसने दिल्ली के उस एरिया में कमरे की तलाश की जहां से कुछ दूरी पर जंगल वाला एरिया हो. जहां हत्या के बाद वो उसके शव को ठिकाने लगा सके और किसी को भनक भी नहीं लगे.

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ऐसे में आशंका है कि यही सोचकर उसने दिल्ली के महरौली एरिया के छतरपुर में किराए का कमरा लिया. कमरा लेने के बाद कुछ दिनों सेटल हुआ. फिर तुरंत मौका मिलते ही लड़ाई-झगड़े के दौरान ही आफताब ने श्रद्धा की गला घोंटकर हत्या कर दी. अब श्रद्धा का मर्डर तो कर दिया लेकिन उसकी लाश को जंगल में दफनाना बड़ी चुनौती थी. वो लाश को उठाकर नहीं ले जा सकता था. इसके बाद उसने तमाम तरीके तलाशे. गूगल पर सर्च किया. कैसे लाश के कई टुकड़े आसानी से किए जाए. लाश को जब काटेंगे तो खून निकलेगा.

इसलिए गूगल पर ये भी सर्च किया कि कैसे खून को साफ किया जाए. फिर उसने उस केमिकल का भी पता लगाया जिससे खून साफ भी हो जाए और कोई सबूत भी ना मिले. वो केमिकल था सल्फर हाइपोक्लोरिक एसिड. इसके इस्तेमाल से खून ऐसे साफ हो जाता है कि फॉरिंसक जांच के दौरान कोई सैंपल नहीं मिलता है. मर्डर के बाद उसने श्रद्धा के खून से सने और अपने कपड़े दोनों के उतार लिए थे. इसके बाद उसे आने वाले दिनों में एमसीडी के कचड़े वाली वैन में डाल दिया था. ताकी किसी को कोई सबूत नहीं मिले.

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