26 साल पहले मुर्दा हुआ नक्सली नेता दिल्ली पुलिस ने फ़रीदाबाद से ज़िंदा पकड़ा, ऐसे मिला पता

ADVERTISEMENT

CrimeTak
social share
google news

26 साल पहले की थी पुलिसवाले की हत्या

LATEST CRIME NEWS: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 26 साल पहले पटना में एक पुलिस ऑफिसर के कत्ल के बाद फरार नक्सली किसुन पंडित को दिल्ली के पुल प्रहलाद पुर इलाक़े से गिरफ्तार किया है। पकड़ में आए किसुन पंडित पर एक पुलिस ऑफिसर के क़त्ल के अलावा अपहरण का भी केस दर्ज है। पिछले 26 सालों से बिहार पुलिस किसुन पंडित की तलाश में जुटी थी लेकिन किसुन पंडित फरीदाबाद में नाम बदल कर छिप कर रहा था।

7 अप्रैल को क्राइम ब्रांच के ASI पवन को एक जानकारी मिली कि बिहार में 1990 में एक्टिव नक्सली संगठन IPF माले का एक एक सदस्य फरीदाबाद में छुप कर रह रहा है उस नक्सली पर पुलिस अधिकारी के कत्ल और राइफल के साथ साथ 40 कारतूस लूटने का भी आरोप था। इस जानकारी के बाद दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की एक टीम तुरंत पटना के पुनपुन थाने भेजी गई। वहां पर दस्तावेज देखने के बाद जब पुष्टि हो गई तो पुलिस ने आरोपी को दिल्ली के पुल प्रहलाद पुर से गिरफ्तार कर लिया।

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

ऐसे किया पुलिस को गुमराह

LATEST NAXALITE NEWS: जिस वक्त दिल्ली पुलिस ने किसुन को पकड़ा उसने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उसके सामने उसके दस्तावेज रखे और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान आरोपी किसुन पंडित ने पुलिस को बताया कि 1990 के दशक में बिहार में अमीर जमींदार ग़रीबों को अपने हिसाब से चलाते थे।

ADVERTISEMENT

अमीर जमींदारों से लड़ने के लिए 1990 में विनोबा मिश्रा ने IPF माले ग्रुप बनाया। इस ग्रुप में किसुन पंडित को नेताजी कहा जाता था। दरअसल किसुन पंडित और नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का जन्मदिन एक ही दिन आता था इसलिए किसुन पंडित को लोग नेताजी कहने लगे। 1994 में किसुन पंडित ने एक जमींदार के खास साधु पासवान का अपहरण किया था। इस मामले में किसुन पंडित गिरफ्तार हुआ और बाद में बेल मिल गई।

ADVERTISEMENT

श्रमजीवी एक्सप्रेस हादसे में खुद को मरा बता दिया था

NEWS OF DELHI POLICE: 1996 में इनके संगठन के एक सदस्य देवेंद्र की हत्या हो गई। जब पुलिस की टीम देवेंद्र की लाश कानूनी कार्रवाई के लिए ले जा रही थी तभी आरोप है कि किसुन पंडित ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस टीम पर हमला कर दिया जिसमें एक पुलिस वाले कि हत्या कर दी गई, तीन को बुरी तरह घायल कर दिया। जाते वक्त देवेंद्र की लाश तो किसुन साथ ले ही गया था लेकिन उसने एक राइफल और 40 कारतूस भी पुलिस टीम से लूट लिए थे।

इसके बाद बिहार पुलिस ने इस मामले कार्यवाही करते हुए 31 आरोपियों को तो गिरफ्तार कर लिया था लेकिन किसुन समेत चार नक्सली फरार हो गए थे। इसके बाद किसुन फरीदाबाद आ गया और यहां पर नाम बदलकर रहने लगा।

इसी दौरान दिल्ली से पटना जा रही श्रमजीवी एक्सप्रेस का एक्सीडेंट हो गया और किसुन पंडित ने अपने घरवालों से कहा कि वह गांव में यह शोर मचा दी कि इस ट्रेन एक्सीडेंट में किसुन पंडित भी मारा गया। इसके बाद इसके घर वालों ने बड़ी ही समझदारी से न सिर्फ यह खबर फैलाई बल्कि इसका अंतिम संस्कार भी कर दिया। इसके बाद पटना पुलिस ने किसुन पंडित की तलाश बंद कर दी। लेकिन 26 साल बाद ही सही किसुन पंडित पकड़ा गया।

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT