10 साल के मासूम की खून से लथपथ लाश, सच खुला तो पुलिस के उड़ गए होश
West Bengal Shreyanshu Murder Case: पश्चिम बंगाल से एक कत्ल का रहस्य जब पुलिस ने खोला तो रिश्ते की कुछ ऐसी पर्तें सामने आईं जिसे सुनर चारो तरफ सनसनी फैल गई।
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Shreyanshu Murder Case: मशहूर लेखिका इस्मत चुगतई की एक कहानी है ‘लिहाफ’। असल में इंसानी फितरत की ये कहानी जिस दौर में सामने आई थी उस वक़्त लोग ऐसे रिश्ते के बारे में बात तक करना गवारा नहीं करते थे। यहां तक कि खुसर फुसर में भी ऐसे रिश्तों का जिक्र तक नहीं होता था। बदलते वक़्त के बाद अब गे और लेस्बियन रिलेशनशिप की खुलेआम मार्केटिंग के इस दौर में इन्हीं रिश्तों को लेकर 1996 में एक फिल्म बनी थी फायर। इस्मत चुगतई की लिहाफ कहानी पर आधारित इस फिल्म को दीपा मेहता ने बनाया था और उस वक़्त भी इस फिल्म के जरिए दो औरतों के बीच के रिश्ते को टटोला जा सका था और फिल्म के बहाने ही सही आस पास ऐसे रिश्तों को लेकर गप शप की जाने लगी।
अब करीब 28 साल बाद पश्चिम बंगाल से एक कत्ल का रहस्य जब पुलिस ने खोला तो इसी रिश्ते की कुछ ऐसी पर्तें एक एक करके इस तरह सामने आईं कि चारो तरफ सनसनी फैल गई।
कमरे में लाश तेज आवाज में टीवी
इस कहानी के खुलासे की शुरूआत होती है पश्चिम बंगाल के हुगली जिले से। इस जिले का एक इलाका है कौननगर। यहां पुलिस को एक रोज खबर मिली इसी कौन नगर के इलाके में करीब 10 साल साल के लड़के की लाश मिली जो स्कूल की ड्रेस में था। बच्चे की पहचान 10 साल के श्रेयांशु शर्मा के तौर पर हुई जो हुगली में ही चौथी कक्षा में पढ़ता था। पिता पंकज शर्मा कोलकाता की एक निजी कंपनी में काम करते हैं। जबकि मां शांता शर्मा गुड्डी कॉस्मेटिक की दुकान में काम करती है। असल में एक रोज जिस समय मां बाप काम पर घर से बाहर थे। इसी दौरान श्रेयांश की चचेरी बहन उसके कमरे में गई तो देखा की श्रेयांश खून से लथपथ पड़ा है। कमरे में तेज आवाज में टीवी चल रहा था।
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बेरहमी से किया गया कत्ल
मौके पर पहुँची पुलिस ने लाश का मुआयना किया। फॉरेंसिक टीम को भी बुला लिया गया। लाश देखकर पुलिस ने अंदाजा लगाया कि बच्चे के साथ बड़ी बेरहमी से पेश आया गया। उसका सिर बुरी तरह से कुचला हुआ था, उसके हाथों की नस भी कटी हुई थी और उसका बदन चाकू के घावों से भरा पड़ा था। पुलिस ने उस शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
कौन हो सकता है बच्चे का कातिल
सवाल पुलिस के सामने खड़ा था कि आखिर एक दस साल के मासूम बच्चे का कातिल कौन हो सकता है। और जिस तरह से बच्चे की हत्या की गई है, उससे ये भी जाहिर हो रहा था कि हो न हो जिसने भी मारा उसे इस बच्चे से बेहद नफरत थी। इतना ही नहीं, उस बच्चे की लाश के जख्म खुलकर ये गवाही दे रहे थे कि कातिल ने हर लिहाज से ये बात पुख्ता की है कि किसी भी सूरत में बच्चे की जान बच न जाए।
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सवालों में उलझी रही पुलिस
आखिर कौन हो सकता है, किसने अपनी खुन्नस और अपनी दुश्मनी इस मासूम बच्चे से निकाली? इन्हीं सवालों के सहारे पुलिस मौके से सुराग और सबूतों को बटोरने में जुट गई। घर पर भी जाकर उसने बच्चे के बारे में जानकारी इकट्ठा की। पुलिस ने बच्चे की मां से कुछ सवाल जवाब किए ताकि उसे कुछ बुनियादी सवालों के जवाब मिल सकें, आखिर वो कहां जाता था, किन बच्चों के साथ खेलता था, बच्चा किस किस से मिलता था। इन्हीं मामूली जरूरी सवालों के गिर्द ही पुलिस काफी देर तक घूमती रही। मगर उसे कुछ जवाब तो मिले लेकिन तसल्ली नहीं हुई।
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सीसीटीवी से मिला सुराग
तमाम पूछताछ और छानबीन करने पर भी पुलिस को जब कोई सुराग नहीं मिला तो पुलिस की टीम मौका-ए-वारदात पर फिर से पहुँची और वहां सुराग खंगालने लगी। तमाम साइंटिफिक सुरागों, मोबाइल टॉवर से मिली लोकेशन और फॉरेंसिक एक्सपर्ट के जरिए मिले सबूतों के साथ साथ कुछ सीसीटीवी फुटेज भी खंगालने शुरू किए। सीसीटीवी में पुलिस ने देखा कि दो महिलाएं श्रेयांश के घर से बाहर निकल रही हैं। इनमें से एक श्रेयांश की मां थी तो दूसरी उसकी सहेली इशरत परवीन। यहीं से पुलिस का शक हुआ। तब पुलिस ने हत्या के इल्जाम में बच्चे की मां शांता शर्मा को ही गिरफ्तार कर लिया।
मां को किया गिरफ्तार
गिरफ्त में आने पर थोड़ी न नुकुर करने के बाद आखिरकार मां ने अपने हथियार डाल दिए और हत्या की बात कुबूल कर ली। मगर हत्या के पीछे का जो सच उसने पुलिसवालों को बताया वो वाकई हैरान करने वाला था। क्योंकि इस हत्या की वारदात में वो कलयुगी मां अकेली नहीं थी बल्कि उसकी एक पार्टनर इशरत परवीन भी थी। जो उसकी पुरानी सहेली थी और कोलकाता के वाटगंज में रहती थी।
टीवी तेज आवाज में दबी चीख
पहले तो पुलिस ने उस आरोपी से कत्ल के बारे में पूछा, तो उसने ही बताया कि कत्ल से पहले घर का टीवी तेज आवाज में खोल दिया था ताकि आवाज बाहर ना जा सके। फिर दोनों यानी मां शांता और उसकी सहेली इशरत ने मिलकर भगवान गणेश की मूर्ति से बच्चे के सिर पर अनगिनत वार किए। जिसकी वजह से वो घायल हो कर बेहोश हो गया। जब बच्चा बेहोश होकर गिर पड़ा तो उसके हाथ की नस काटी गई। लेकिन इस पर भी जब तसल्ली नहीं हुई तो उसने साथ लाये चाकू से दे दनादन उस पर चाकू से वार करती रही। इस पूरे काम में उसकी सहेली साथ देती रही। बच्चे को मौत के घाट उतारने के बाद वो अपनी सहेली के साथ वहां से फरार हो गई थी।
अपने हाथों कोख उजाड़ी
अब सवाल उठ रहा था कि आखिर क्यों? पुलिस यही जानने को बेताब थी कि एक मां ने कैसे अपनी ममता को चाकू से गोद गोदकर मार डाला और खुद अपने ही हाथों से अपनी कोख उजाड़ दी। जब पुलिस को पता चला कि शांता शर्मा ने ये सब कुछ सिर्फ और सिर्फ अपनी चाहत की वजह से किया क्योंकि उसकी चाहत के रास्ते में खुद उसकी औलाद आकर खड़ी होने लगी थी।
सहेलियों के समलैंगिग रिश्ते
असल में शांता शर्मा और उसकी सहेली इशरत परवीन के बीच समलैंगिग संबंध थे और उनका बेटा श्रेयांशु उनकी इस चाहत के रास्ते में आकर खड़ा होने लगा था। शांता ने पुलिस को बताया कि शादी से पहले ही उसके इशरत के साथ समलैंगिक रिश्ते थे। दोनों एक दूसरे से संबंध बनाती थीं। एक रोज दोनों आपत्तिजनक हालत में थी कि श्रेयांश ने दोनों को देख लिया। बस उसी दिन से शांता और इशरत की नींदें उड़ा गईं। श्रेयांशु को अपनी मां और मौसी यानी इशरत के बीच के संबंधों का पता चल चुका था और वो इस बात को लेकर अक्सर अपनी मां से झगड़ता भी था। अपनी मां के इस रिश्ते की वजह से मासूम श्रेयांशु काफी तनाव में रहने लगा था। इधर शांता और परवीन को इस बात का डर सताने लगा था कि कहीं उनका बेटा उनके इस रिश्ते के बारे में दुनिया भर में आग न लगा दे और किसी को बता न दे। लिहाजा दोनों ने ही बच्चे को अपने रास्ते से हटाने का इरादा किया और पूरी सोची समझी साजिश के तहत उसका कत्ल कर दिया।
पति रहा खामोश
असल में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में दिखने वाली महिला इशरत परवीन की पहचान कर ली थी। घटनावाले रोज इशरत परवीन के मोबाइल की लोकेशन दोपहर 2:00 बजे कोलकाता के वाटगंज में दिखी। उसके बाद उसने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया था। उसके बाद दोबारा तकरीबन 5 - 6 घंटे बाद शाम को 8:00 बजे उसका मोबाइल टावर लोकेशन कोलकाता का वाटगंज दिखा। असल में उसने चंद मिनट के लिए उसने अपना मोबाइल फोन स्विच ऑन किया और अपनी सहेली यानी श्रेयांशु की मां शांता से फोन पर बात की थी।पुलिस तब बुरी तरह चौंक गई जब उसे ये पता चला कि शांता शर्मा के पति को भी दोनों के समलैंगिग संबंधों का पता था मगर लोकलाज के डर से उन्होंने अपना मुंह सिल रखा था।
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