TRF मतलब लश्कर-ए-तैयबा, जान लीजिए कौन है अनंतनाग हमले के पीछे?

ADVERTISEMENT

Anantnag Terror Attack
Anantnag Terror Attack
social share
google news

Anantnag Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में जिस तरह से आतंकियों ने तीन अफसरों को निशाना बनाया, उससे फिर कई सवाल खड़े हो गए हैं। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी TRF ने ली है। टीआरएफ संगठन दरअसल लश्कर की आतंकी कंपनी है। इस घटना के बाद फिर ये संगठन सुर्खियों में है। आईए आपको इस संगठन के बारे में ज्यादा जानकारी देते हैं -

TRF संगठन कौन चलाता है?

ये आतंकी संगठन लश्कर का प्रॉक्सी संगठन है। लश्कर को भारत सरकार बैन कर चुकी है। ये संगठन पाकिस्तान से अपनी आतंकी गतिविधियां संचालित रहा है। इसको आईएसआई का समर्थन प्राप्त है। आतंकवादी लश्कर के प्रॉक्सी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) से जुड़े थे।

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

कहा जा रहा है कि टीआरएफ ने पाकिस्तान की मस्जिद में मारे गए लश्कर कमांडर रयाज अहमद उर्फ कासिम की मौत का बदला लिया है। 8 सितंबर को रावलकोट की मस्जिद में आतंकी कासिम की हत्या कर दी गई थी।

दरअसल, ये आतंकी संगठन 2019 में वजूद में आया था। गृह मंत्रालय ने इसे बैन कर दिया था। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाए जाने के बाद टीआरएफ एक ऑनलाइन यूनिट के रूप में शुरू हुआ था। टीआरएफ के आतंकियों पर इल्जाम लगा था कि इन्होंने 2020 में बीजेपी कार्यकर्ताओं  फिदा हुसैन, उमर राशिद बेग और उमर हाजम की कुलगाम में हत्या कर दी थी। इसके बाद टीआरएफ से जुड़े आतंकियों ने एक के बाद कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया। इस दौरान उनके भी कई आतंकी भी मारे गए। साल 2022 में घाटी में जितने आतंकी मारे गए थे, उनमें से 108 टीआरएफ या लश्कर से जुड़े थे।

ADVERTISEMENT

टीआरएफ अलग तरीके से काम करता है। इसके पीछे दिमाग लश्कर के आतंकियों का है। मकसद साफ है कि ये बताना कि ये लोकल आंतकी संगठन, जो जम्मू-कश्मीर से ही ओपरेट हो रहा है ताकि दुनिया से सोचे कि इसके पीछे पाकिस्तान नहीं है, जब कि है बात इसके बिल्कुल उलट।

ADVERTISEMENT

वो ज्यादातर गैर-कश्मीरियों को निशाना बनाते हैं ताकि बाहरी राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर आने से बचें। लश्कर से जुड़े साजिद जट, सज्जाद गुल और सलीम रहमानी ने इसको लीड किया। अभी इसके साथ कई आतंकी जुड़े हुए हैं। 

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT