6 राज्यों के 25 ठिकानों पर छुपे IAS पूजा सिंघल के राज़, दर्ज हैं 16 FIR, पर पिक्चर अभी बाक़ी है...

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6 राज्यों के 25 ठिकानों पर छुपे IAS पूजा सिंघल के राज़, दर्ज हैं 16 FIR, पर पिक्चर अभी बाक़ी है...
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Latest IAS Pooja Singhal: झारखंड कैडर की IAS पूजा सिंघल के जांच एजेंसियों के शिकंजे में आने के बाद हर रोज उनसे जुड़े राज़ खुलने का सिलसिला भी तेज़ हो गया है। प्रवर्तन निदेशालय की पहले दिन की छापामारी के दौरान जब पूजा सिंघल के सबसे ख़ास CA सुमन कुमार के घर नोटों का ज़ख़ीरा निकला तो सारा देश बुरी तरह से चौंक उठा। हर किसी की जुबान पर यही नाम था कि आखिर एक IAS अफसर के घर पर नोटों का इतना बड़ा भंडार आखिर आया तो आया कहां से।

पहले दिन की छापामारी में तो 19.31 करोड़ रुपये निकले थे जिसने गिनने में सेंट्रल एजेंसी के अधिकारियों को पूरा दिन लग गया। वो भी नोट गिनने वाली तीन मशीनों के ज़रिए। 100, 200, 500 और दो हजार के नोटों के इतने बंडल बरामद होने के बाद ED ने आखिरकार IAS पूजा सिंघल को गिरफ़्तार भी कर लिया। हालांकि अभी उनसे पूछताछ का सिलसिला तो शुरू नहीं हो सका, लेकिन देर सबेर ये भी शुरू हो ही जाएगा।

Latest IAS Pooja Singhal: लेकिन इसी बीच पूजा सिंघल के कई राज़दार भी लपेटे में आ गए। जिनके सहारे पूजा धांधली की काली नदी में गोते लगा रहीं थी और अपनी पहुँच और रसूख के साथ साथ अपने गुर्गों की तिकड़मबाज़ी से उस काले धन को सफेद बनाने में लगी हुई थीं। प्रवर्तन निदेशालय ने भी तू डाल डाल तो मैं पात पात वाली कहावत के मुताबिक काम करना शुरू किया और पूजा सिंघल से मुंह खुलवाने से पहले उन लोगों के मुंह खुलवाने का सिलसिला शुरू किया, जिन्हें इस तेज़तर्रार नौकरशाह के हर उस राज़ का पता था जो उसने सरकार और ज़माने से छुपा रखे थे।

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सबसे पहले तो ED ने उस जूनियर इंजीनियर राम बिनोद प्रसाद सिन्हा को दबोचा और उसका मुंह खुलवाया। फिर उसकी ही निशानदेही पर रांची में CA सुमन कुमार को पकड़ा और पांच दिन की रिमांड पर ले लिया। ताकि उसके सीने में छुपे राज़ को वो अपनी डायरी के पन्नों में दर्ज कर सके। क्योंकि इसी सीए के घर से जांच एजेंसी को 17 करोड़ से ज़्यादा नोट मिले थे। ED के साथ साथ बैंक अधिकारियों को भी इस काम में जब लगाया गया तो तीन तीन मशीनों के सहारे तसल्ली से नोट गिनने का काम पूरा हुआ और गिनती 19 करोड़ 31 लाख पर जाकर रुकी।

Latest IAS Pooja Singhal: अब यही सवाल उठता है कि आखिर ये नोटों के ढेर कहां कहां छुपाए गए थे? वो कौन राज़दार है जिसने नोटों के बंडलों को बड़े ही कायदे से छुपाया था? इन सब सवालों के जवाब यूं तो पूजा सिंघल से प्रवर्तन निदेशालय जानने की कोशिश करेगा लेकिन उससे पहले जिन लोगों को पहले पकड़ लिया उनके सीने में दबे राज़ को सुनना और उसे कलमबद्ध करना ज़्यादा ज़रूरी हो गया।

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असल में प्रवर्तन निदेशालय के पास पूजा सिंघल से जुड़ी शिकायतें बहुत दिनों से मिल रही थीं। हालांकि बीते सालों में पूजा सिंघल की रुआब ऐसा बना हुआ था कि जांच एजेंसियों को उनके गिरेबां में हाथ लगाने की हिम्मत ही नहीं हुई. लेकिन कहते हैं जब पाप का घड़ा भर जाता है तो खुद ही फूट भी जाता है। बस जांच एजेंसियों ने सीधे हाथ डालने की बजाए घुमाकर नाक पकड़ना ज़्यादा मुनासिब समझा। और जूनियर इंजीनियर राम बिनोद प्रसाद सिन्हा को दबोच दिया। क्योंकि यही वो पहली कड़ी थी जिसका एक सिरा भ्रष्टाचार की नदी में डूबा हुआ था तो दूसरा सिरा उन नौकरशाहों के हाथों से मिलता था जो उस नदी में गोते लगा रहे थे।

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Latest IAS Pooja Singhal: फिर शुरू हुआ छापामारी का सिलसिला बीते शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने साल 2009 और 2010 में झारखंड में मनरेगा मामले में हुई घपलेबाजी का सच जानने के लिए छापामारी शुरू की। लेकिन ये छापामारी सिर्फ झारखंड तक की हद में नहीं रही बल्कि झारखंड के साथ साथ हरियाणा, बिहार, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र यानी कुल छह राज्यों के क़रीब 25 ठिकानों पर ईडी ने एक साथ छापा मारा।

इतना ही नहीं जिन सवालों को लेकर छापा मारी करने ईडी के अफसर पहुँचे थे उन सवालों के टारगेट पर अकेले झारखंड की खनन और उद्योग सचिव पूजा सिंघल ही नहीं थी बल्कि राम बिनोद प्रसाद सिन्हा, सीए सुमन कुमार के साथ साथ पूजा सिंघल के डॉक्टर कारोबारी पति अभिषेक झा और वो तमाम कर्मचारी जो इन लोगों के साथ लम्बे वक़्त से जुड़े हुए हैं।

अभी तक तो चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार के घर से ही प्रवर्तन निदेशालय को 17 करोड़ कैश मिला। जबकि बाकी के रुपये एक बेनामी कंपनी की तिजोरी से बरामद हुए। छनकर बाहर निकली खबरों पर यकीन किया जाए तो IAS पूजा सिंघल के घर पर प्रवर्तन निदेशालय को कई अहम सबूत और दस्तावेज भी मिले हैं।

Latest IAS Pooja Singhal: ज़ाहिर है कि दस्तावेज़ों को पढ़ने और समझने के साथ साथ उसकी बारीकियों को पकड़ने में थोड़ा वक़्त लग सकता है। यही पूजा सिंघल के लिए ग्रेस पीरियड कहा जा सकता है। लेकिन प्रवर्तन निदेशालय की रेड केवल उनके एक मकान तक ही सीमित नहीं रही बल्कि इस जांच की आंच रांची में पूजा के पति अभिषेक झा के अस्पताल तक जा पहुँची। छापामारी वहां भी हुई। और ईडी के अधिकारी वहां से भी तमाम कागज़ बटोर लाए। थोड़ा बहुत जो समझ में आया तो 150 करोड़ तक के इनवेस्टमेंट का अंदाज़ा तो मिल ही गया।

जांच एजेंसियों के कुछ सूत्रों ने खुसर फुसर की है। पता ये चला है कि रांची के अलावा भी हिन्दुस्तान के कई शहरों में पूजा ने अपनी अर्चना करवा रखी है। एजेंसी को कई फ्लेट के सबूत मिल गए हैं। हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं कर रहा है। लेकिन ये ज़रूर खुलकर कहा जा रहा है कि जो जांच चल रही है उसके दायरे में वो तमाम जगह भी शामिल हैं जहां जहां पूजा के चरण पड़े बतौर अधिकारी।

जैसे झारखंड का रांची, धनबाद, खूंटी। इन जगहों पर ईडी अधिकारियों ने मनरेगा और खनन से जुड़े घोटालों के सबूत खंगाल डाले। जबकि बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने पूजा सिंघल के सास ससुर के घर पर पहले तो चाय पी और फिर घर के सभी कमरों और दरवाजों के पीछे ताका झांकी की।

Latest IAS Pooja Singhal: असल में प्रवर्तन निदेशालय की झारखंड के जिन तीन ज़िलों पर पैनी नज़र है ये वो जगह हैं जहां IAS पूजा सिंघल ज़िला कलक्टर रहीं। और ये वही दौर है जब मनरेगा के फंड में से 18 करोड़ की घपलेबाजी की बात सामने आई थी। और ये जानकारी जब छनती हुई मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के पास पहुँची तो उन्होंने फौरन जांच के आदेश दे दिए।

इस सिलसिले में कुल जमा 16 FIR दर्ज हुई थीं। और फिर गिरफ़्तारियां भी हुईं। लेकिन पूजा सिंघल बची रहीं। और साथ ही बचे रहे उनके खास जूनियर इंजीनियर राम विनोद प्रताप सिन्हां। लेकिन खूंटी की जब फाइल खुली तो राम बिनोद प्रताप नप गए। क्योंकि खूंटी में राम बिनोद सेक्शर अफसर बने हए थे और उन्हीं की देख रेख में सारा घोटाला हो रहा था। और राम बिनोद प्रताप सिन्हा का एक पैर हमेशा पूजा सिंघल के घर पर होता था। लिहाजा पश्चिम बंगाल में राम बिनोद को धर लिया।

अभी तो बस आग़ाज हुआ है। इस मामले में तो अभी बड़े गुल खिलने बाकी हैं। न जाने कितनी कहानियां अभी सामने आएंगी। सच्ची झूठी दास्तानों के बीच उस पूजा सिंघल का नाम अच्छाई और बुराई के साथ उछलेगा जिसने आज से 22 साल पहले संविधान की कसम उठाकर देश की सेवा करने की कसम खाई थी।

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