आसान शब्दों में समझें कैसे पेगसास काम करता है, सॉफ्टवेयर का RATE आधुनिक जमाने की फाइटर प्लेन की क़ीमत से भी ज़्यादा.

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पेगसास सॉफ्टवेयर आज के समय की ऐसी मिस्ट्री है जिसे हर कोई जानने और समझने की ना जाने कितनी ही कोशिश करता है.इसलिए आज क्राइम तक पर हम आपको बताएंगे आख़िर पेगसास की वो ख़ूबियां जिसने अख़बार की फ्रंट पेज़ न्यूज़ से लेकर पूरे सोशल मीडिया पर ग़ज़ब का तहलका मचा रखा है. चलिए एक-एक कर टटोलें वो सारे सवाल जो आज आमजन के मन में है.

पेगसास की क़ीमत और कौन लोग इस्तेमाल करते हैं इसे

-पेगसास बनाने वाली कंपनी NSO के मुताबिक 40 देशों में उसके 60 कस्टमर हैं और इस्तेमाल करने वालों में 51 प्रतिशत सरकारी ख़ुफ़िया एजेंसियां हैं और 38 प्रतिशत क़ानून लागू करवाने वाली एजेंसियां हैं जबकि 11 प्रतिशत सेनाएं हैं.

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-अगर देश या मिलिट्री को बड़े पैमाने पर ये सॉफ्टवेयर चाहिए तो इसका दाम किसी अधुनिक जमाने की एयरफोर्स प्लेन की क़ीमत से भी ज़्यादा हो सकता है.

-अगर भाड़े पर लेना हो तो एक कॉन्ट्रैक्ट की क़ीमत 70 लाख रुपए है यानि कुछ दिन के लिए ही सही आप कई फोन को हैक कर सकते हैं

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पेगसास बनाने वाली कंपनी NSO आख़िर है क्या चीज़, NSO का पूरा नाम

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- कंपनी की शुरुआत शैलेव हुलियो और ओमरी लवी ने की थी, जिन्होंने साल 2000 की शुरुआत में एक उत्पाद प्लेसमेंट स्टार्टअप MediaAnd के साथ शुरुआत की.

-2008 की मंदी से स्टार्टअप पूरी तरह से धुल गया था, लेकिन हुलियो और लवी को 2007 में Apple के iPhone के लॉन्च में एक अवसर मिला.लोगों ने केवल कॉल करने और बड़े पैमाने पर टेक्स्टिंग करने से अधिक के लिए फ़ोन का इस्तेमाल करना शुरु किया

- हुलियो और लवी ने Communitake नाम की कंपनी लॉन्च की, जो यूजर्स को दूर से किसी भी स्मार्टफोन को कंट्रोल करने की परमिशन देता था.

- देखा जाए तो ये मूल रूप से मोबाइल ऑपरेटरों के लिए था, जो तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए फ़ोन का नियंत्रण ( जिसे सर्फ भेजने और पढ़ने वाले ही पढ़ सकते हैं) लेना चाहते थे. लेकिन जैसे-जैसे स्मार्टफोन का उपयोग फैलता गया और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सेवाओं जैसी सुरक्षा सुविधाएँ प्रदान करने की आवश्यकता पैदा हुई, इसने कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों के लिए एक चुनौती पेश की.

- अब अगर किसी भी सुरक्षा एजेंसी को फोन का ENCRYPTED मैसेज पढ़ना है तो उन्हें फोन को खुद ही लॉक को अनलॉक या फिर मैसेज को INTERCEPT कर पढ़ना होता लेकिन कंपनी ने एक बहुत बड़ा सिरदर्द कम कर दिया.

- 2014 में अमेरिका की कंपनी ने इसे खरीद लिया था लेकिन साउदी के पत्रकार जमाल की मौत के बाद 2019 में Niv, Shalev and Omrie ने NSO को दुबारा खरीद लिया.

ऐसे काम करता है पेगसास सॉफ्टेवयर

-कंपनी को काम को इज़राइल सुरक्षा एजेंसी ने काफ़ी पसंद किया और NSO (Niv, Shalev and Omrie)से संपर्क किया

-NIV मौसाद का एजेंट था और SHALEV और Omrie कंपनी का बिजनेस देखते हैं.

-कंपनी बनने के बाद कई देशों को बेचा गया, मक़सद ड्रग्स, आतंकवाद और बाक़ी की चीज़ों के ख़िलाफ़ सरकार की मदद करना

-शरुआती दौर में पेगसास और आज भी कई जासूसी सॉफ्टेवयर बनाने वाली कंपनी BTS MODEL पर काम करती हैं

-BTS MODEL:BASE TRANSRECEIVER MODEL

-सिंपल शब्दों में एक ऐसा मॉडल जहां से सिगनल को भेजा और पकड़ा जा सकता है

-आप मोबाइल टॉवर को बड़ा वाला BTS MODEL कहे सकते हैं

-अब पेगसास ने एक पोर्टेबल BTS बनाया जिसे आसानी से कहीं भी ले जाया सकता है.

- फिर जिस फोन को हैक करना हो उस फोन के पास ये DEVICE ले जाया जाता और फिर काम शुरु हो जाता

-DEVICE असली सेलुलर टावरों के जैसी हरक़त करता है और एक दायरे में मोबाइल फोन को इससे कनेक्ट करने के लिए मजबूर कर देता है, ताकि एक हमलावर द्वारा इंटरसेप्ट किए गए ट्रैफ़िक में हेरफेर किया जा सके.फोन में आने वाले हर मैसेज या कॉल को फिर पढ़ा जा सकता है.

-ये वैसा ही जैसे अपने मोबाइल टॉवर को हैक कर लिया हो.

-फिर तक़ीनक आगे बढ़ी तो मेल या WHATSAPP के ज़रिए लिंक भेजे जाने लगे ताकि वो गुपचुप तरीक़े से आपके फोन में एक ऐसा सॉफ्टवेयर इंस्टाल हो जाए जो आपके बैंक से लेकर हर जगह के पॉसवर्ड आसानी से मिल जाए

-लेकिन लोग बाद में और ज़्यादा सतर्क हो गए अब तक़नीक और ज़्यादा डेवलेप कर दिया गया है. अब जिस तरीके से आपके फ़ोन में सिगनल आता है उसी तरीके से ये एप आपके फोन में इंस्टाल कर दिया जाएगा, फोन में टॉवर आएगा और पेगसास सॉफ्टवेयर भी किसी को पता भी नहीं चलेगा

-लेकिन ये तक़नीक 2019 में आई थी इसमें अब और ज्यादा बदलाव आ चुका है अब whatspp पर एक missed call से इंस्टाल हो जाता है

एक बार फ़ोन में घुसने के बाद पेगसास क्या करता है

- एक बार इसे टारगेट के फोन में इंस्टॉल किया जाता है और फिर उसके फोन का रीमोट कंट्रोल ले लिया जाता है.

- यानि कैमरा, फोटो, वीडियो, नंबर हर चीज़ खोलेंगे आप दिखेगा किसी और को.

- एक खुली किताब के पन्ने जिसे हर कोई पढ़ सकता है.

सॉफ्टवेयर की सबसे पहली ग्राहक Mexico की सरकार बनी जिसने बाद में इसे अपनी एक एक कर कई एजेंसी को दिया. NSO कंपनी हर बार एक नया अपडेट लेकर आती जो पहले वाले से और ज़्यादा अच्छी हुआ करती थी लेकिन इसके लिए मोटी रक़म वसूली जाती

पेगसास बनाने वाली कंपनी पर किस तरीके के आरोप

-फ़ेसबुक समेत कई दूसरी कंपनियों ने इस पर मुकदमे भी किए हैं. इसराइली फर्म इससे पहले से ही फेसबुक के साथ कानूनी लड़ाई में उलझा हुआ है.

-2019 में फेसबुक ने आरोप लगाया था कि एनएसओ ने जानबूझकर व्हाट्सएप पर अपने सॉफ्टवेयर को फैलाया ताकि लोगों के फ़ोन की सिक्युरिटी से समझौता किया जाए.फ़ेसबुक के मुताबिक जिनके फ़ोन हैक हुए उनमें पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल थे.

- कंपनी पर सऊदी सरकार को सॉफ्टवेयर देने का भी आरोप है, जिसका कथित तौर पर पत्रकार जमाल खशोग्जी की हत्या से पहले जासूसी करने के लिए इस्तेमाल किया गया था.

-सॉफ्टवेयर बनाने का उद्देश्य "आतंकवाद और अपराध के खिलाफ़ लड़ना" है. हालिया आरोपों को लेकर भी एनएसओ ने ऐसे ही दावे किए हैं.

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