गुजरात की बच्ची की मार्कशीट हो गई वायरल, गणित में 200 में से 212 नंबर मिले

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Dahod (Gujarat): अगर किसी को 100 में से 110 नंबर दे दिए जाएं तो कैसा लगेगा? चौंक गए...मगर ऐसी ही चौंकानें और आंख खोलकर देखने वाली एक मार्कशीट इस वक्त सोशल मीडिया पर बड़ी ही तेजी से घूम रही है। क्योंकि उस मार्कशीट में जो दिख रहा है, उसे देखने वाला पहले देखता, फिर गौर से देखता है, फिर आंखें मलता है और फिर देखता है, इसके बाद मुस्कुराने लगता है, वो भी सिर पर हाथ मारते हुए। 
आप भी इसे देखेंगे तो शायद ऐसा ही करें। 

लाखों करोड़ों लोग देख चुके मार्कशीट

असल में ये मार्कशीट गुजरात के एक स्कूल में पढ़ने वाली बच्ची की है, जिसे इस वक़्त उस बच्ची के माता पिता के साथ साथ हिन्दुस्तान के लाखों करोड़ों माता पिता भी गौर से देख रहे हैं। क्योंकि इस मार्कशीट में जो नज़र आया, वैसा अब तक जितनी भी मार्कशीट देखी गई हैं उनमें कहीं भी कभी भी नजर नहीं आया। 

गणित में 200 में से 212 गुजराती में 200 में से 211

दरअसल उस मार्कशीट में गणित विषय की परीक्षा में बच्ची को 200 में 212 नंबर और गुजराती विषय की परीक्षा में 200 में 211 नंबर मिले हैं। ये कमाल जैसे ही उजागर हुआ तो मार्कशीट सोशल मीडिया पर सिर्फ चलने ही नहीं लगी बल्कि उड़ती नज़र आने लगी। बड़े ही ताबड़तोड़ तरीके से उस मार्कशीट को वायरल कर दिया गया। गुजरात के दाहोद जिले में एक प्राइमरी स्कूल की छात्रा को जब रिजल्ट कार्ड मिला तो वो हैरान रह गई. चौथी कक्षा की छात्रा को दो विषयों में अधिकतम से ज्यादा नंबर दिए गए थे।

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स्कूल ने जारी किया संशोधित रिजल्ट

स्कूल की इस गलती ने शिक्षा प्रणाली को लेकर एक नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। चौथी क्लास की छात्रा वंशीबेन मनीषभाई को स्कूल की ओर से जब मार्कशीट मिली तो दो विषयों के नंबर देखकर वो हैरान रह गई क्योंकि उसने इन विषयों में अधिकतम से भी ज्यादा नंबर हासिल किए थे। बाद में पता चला कि रिजल्ट तैयार करने के दौरान एक गलती हुई थी। इसके बाद  एक संशोधित रिजल्ट जारी किया गया, जिसमें गुजराती में 200 में से 191 और गणित में 200 में से 190 नंबर दिए गए. हालांकि अन्य विषयों को नहीं बदला गया. नए रिजल्ट में वंशीबेन को 1000 में से 934 नंबर मिले हैं। असल में इस गलती को तब पकड़ा गया जब बच्ची ने अपनी मार्कशीट अपने घरवालों को दिखाई। जब घरवालों ने उस मार्कशीट को ध्यान से देखा तो गलतियों का पता चला. इस गलती के जवाब में जिला शिक्षा अधिकारियों ने त्रुटि का कारण निर्धारित करने और भविष्य में इसी तरह की घटनाओं को रोकने के लिए एक जांच शुरू की है। 

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