मुझे शराब ऑफर की, कमरे में बंद कर दिया, मै चीखती रही, इस्तीफे के बाद राधिका खेड़ा का सनसनीखेज खुलासा

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Radhika: राधिका खेड़ा के इस्तीफे के बाद भी बवाल कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बंद कमरे में अपने साथ हुई बदतमीजी का जिक्र करते हुए राधिका खेड़ा ने कहा कि

"हमेशा से सुनती रही कि कांग्रेस सनातन विरोधी है. मैं कभी इस पर यकीन नही करती थी। जब मैं रामलला के दर्शन करने गई तो सच्चाई सामने आ गई। मैं अपनी मां को अयोध्या लेकर गई और राम मय हो गई। ध्वज लगाया तो कांग्रेस के लोग विरोध में आ गए। मुझे हर जगह अपमानित किया जाने लगा। मेरे चरित्र पर सवाल उठाया जाने लगा। जब छत्तीसगढ़ गई, तो वहां के मीडिया प्रमुख शराब ऑफर करने लगे। सचिन पायलट और जयराम रमेश को यह बात भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बताई। 30 तारीख को छत्तीसगढ़ पार्टी मुख्यालय में सुशील आनंद शुक्ला ने मुझसे बदतमीजी की। मैं चिल्लाई दरवाजा बंद कर दिया गया। एक मिनट तक कमरा बंद रहा। मैं चीखती रही पर कोई मदद के लिये सामने नहीं आया। मुझसे लगातार बदसलूकी की गई। बहुत मुश्किल से भागकर निकली। सबसे शिकायत की। किसी ने मेरी बात नहीं सुनी। वो वाक्‍श सोचती हूं, तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं। 


कांग्रेस प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने रविवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने दावा किया कि अयोध्या में रामलला के दर्शन करने को लेकर उनकी आलोचना इस स्तर तक पहुंच गयी कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस कार्यालय में उनके साथ हुई घटना में उन्हें न्याय देने से इनकार कर दिया गया। खेड़ा ने यह भी दावा किया कि पार्टी के सभी शीर्ष नेताओं को कई बार खबर करने के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला। खेड़ा ने यह भी कहा कि धर्म का समर्थन करने वालों को हमेशा विरोध का सामना करना पड़ा है और इसी के साथ ही उन्होंने हिरण्यकश्यप, रावण और कंस का उदाहरण देते हुए कहा कि इनकी तरह ही कुछ लोग भगवान श्री राम का नाम लेने वालों का विरोध करते हैं। 

मेरे अयोध्या जाने का हो रहा था विरोध 

छत्तीसगढ़ के लिए कांग्रेस की संचार और मीडिया समन्वयक खेड़ा ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को संबोधित अपना इस्तीफा सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। इस्तीफे में खेड़ा ने लिखा, ‘‘हर हिंदू के लिए प्रभु श्री राम की जन्मस्थली बहुत मायने रखती है। रामलला के दर्शन मात्र से जहां हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है, वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज्यादा दिए, जहां एनएसयूआई से लेकर एआईसीसी के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया, आज वहां ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है, क्योंकि अयोध्या में राम लला के दर्शन से खुद को रोक नहीं पाई।

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मुझे कांग्रेस ऑफिस के कमरे में बंद कर दिया

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे इस पुनीत कार्य का विरोध इस स्तर तक पहुंच गया कि मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए घटनाक्रम में मुझे न्याय देने से इंकार कर दिया गया।’’ खेड़ा ने कहा कि वह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और अपने पद से इस्तीफा दे रही हैं। उन्होंने कहा,‘‘ मैंने हमेशा दूसरों के न्याय के लिए लड़ाई लड़ी है लेकिन जब खुद के न्याय की बात आई तो मैंने खुद को पार्टी में हारा हुआ पाया। भगवान श्री राम की भक्त और एक महिला होने के नाते मैं बहुत आहत हूं।’’

राधिका खेड़ा का सनसनीखेज खुलासा

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इस बात से आहत हूं कि पार्टी के सभी शीर्ष नेताओं को बार-बार सूचित करने के बाद भी मुझे न्याय नहीं मिला।’’ खेड़ा ने कहा, ‘‘हां, मैं लड़की हूं और लड़ सकती हूं और अब मैं ऐसा कर रही हूं। मैं अपने और अपने देशवासियों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ती रहूंगी।’’ पार्टी सूत्रों ने बताया कि 30 अप्रैल को रायपुर में पार्टी कार्यालय में वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा के दौरे को लेकर खेड़ा और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार प्रकेष्ठ के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला के बीच बहस हुई थी। बाद में खेड़ा का एक वीडियो भी सार्वजनिक हुआ था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उनके साथ अभद्र बर्ताव किया गया।

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