बहन की शादी के 5 दिन पहले भाई को मार डाला, 13 IPS, 22 PPS और 6000 पुलिसवालों की फौज नहीं बचा सकी कुणाल की जान
Greater Noida Kidnapping: कुणाल की गुमशुदगी के चार दिन बाद पुलिस को लगा कि शायद ये अपहरण का केस हो सकता है। पुलिस ने सीसीटीवी देखा तो कार का नंबर पता चला। मगर जब तक पुलिस ने कार का नंबर ट्रेस किया तो वो स्कूटी का निकला। किडनैपर्स ने बड़ी ही चालाकी से कार का नंबर बदलकर अपहरण की वारदात को अंजाम दिया था।
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Noida: यूपी में सुरक्षा का दम भरने वाली पुलिस सवालों के घेरे में है। ग्रेटर नोएडा के होटल कारोबारी के बेटे का अपहरण कर लिया गया। किडनैपिंग के बाद बेटे की हत्या कर दी गई। नाबालिग की लाश बुलंदशहर की गंग नहर मे मिली। 10 मई को बहन की शादी होनी थी। बेटे की मौत से घर में मातम और कोहराम पसरा है। ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा के म्याना गांव में रहने वाले कृष्ण कुमार शर्मा होटल कारोबारी हैं। शर्मा का नोएडा के ऐच्छर के पास शिव होटल एंड रेस्टोरेंट है।
पुलिसवालों की फौज नहीं बचा सकी कुणाल की जान
बीती 1 मई को इसी रेस्टोरेंट पर कृष्ण कुमार का 15 साल का बेटा कुणाल मौजूद था। इसी दौरान होटल के पास एक सफेद रंग की स्कोडा कार आई और कार से उतर कर एक महिला ने खाने का ऑर्डर दिया। महिला ने कुणाल से खाना कार में पहुंचाने को कहा। कार के करीब पहुंचते ही कार सवारों ने उसे गाड़ी के अंदर खींच लिया और किडनैप कर ले गए। थोड़ी ही देर बाद कुणाल को लेकर कार मौके से नदारद हो गई। कुणाल का अपहरण हो चुका था। जांच में सामने आया कि खाने का ऑर्डर देने वाली महिला किडनैपर्स के साथ ही थी। ये वारदात सीसीटीवी में कैद हुई थी।
कार से किडनैपिंग और हत्या
बुधवार शाम तक कुणाल का कुछ पता नहीं चला तो घरवालों ने पुलिस में खबर दी। हैरानी की बात ये है कि पुलिस अफसरों ने परिजनों को टका सा जवाब दिया और कहा कि उनका बेटा अपनी मर्जी से कहीं गया होगा। खुद ही वापस आ जाएगा। इसी तरह एक-एक कर चार दिन गुजर गए। नोएडा पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। पांच दिनों तक परिजन धरना प्रदर्शन करते रहे और पुलिस ने इसे अपहरण माना ही नहीं और अपनी बात पर अड़ी रही। यहां तक कि पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के बजाय पीड़ित परिवार के ही कई लोगों को हिरासत में ले लिया।
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परिजनों को पीटती रही पुलिस
आरोप है कि पुलिस ने घर वालों की पिटाई की और अधमरा करके छोड़ दिया। पुलिस की पिटाई से कुणाल का चचेरा भाई सचिन गंभीर रूप से घायल है। चार दिन बाद पुलिस को लगा कि शायद ये अपहरण का केस हो सकता है। पुलिस ने सीसीटीवी को बारीकी से देखा तो पता चला कि कार का नंबर साफ नजर आ रहा था। पुलिस ने कार का नंबर ट्रेस किया तो वो स्कूटी का निकला। किडनैपर्स ने बड़ी ही चालाकी से कार का नंबर बदलकर अपहरण की वारदात को अंजाम दिया था।
ज्वारखेड़ा के पास गंगनहर से कुणाल की लाश मिली
अभी पुलिस जांच शुरु ही करती कि बुलंदशहर के गांव ज्वारखेड़ा के पास गंगनहर से कुणाल की लाश मिली। पोस्टमॉर्टम के मुताबिक कुणाल के गले पर चोट के निशान थे। रिपोर्ट के मुताबिक कुणाल के सिर में किसी भारी चीज से प्रहार किया गया। अंदरुनी चोट के भी निशान मिले हैं। नोएडा पुलिस ने सफाई में कहा कि:
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पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर लक्ष्मी सिंह द्वारा थाना बीटा 2 क्षेत्रान्तर्गत हुई घटना के सम्बन्ध में थाना प्रभारी निरीक्षक मुनेंद्र कुमार सिंह को लाइन हाजिर करते हुए सहायक पुलिस आयुक्त पुलिस लाइंस द्वारा विभागीय जांच हेतु आदेशित किया गया है । साथ ही सहायक पुलिस आयुक्त ग्रेटर नोएडा का प्रकरण के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
पहले भी हुई किडनैपिंग के बाद हत्या
यूं तो नोएडा में क्राइम होना कोई नई बात नहीं है लेकिन इस किडनैपिंग और मर्डर ने नोएडा पुलिस पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। नोएडा में पिछले चार महीने के दौरान 4 किडनैपिंग और मर्डर की चार वारदातें हुई हैं। ग्रेटर नोएडा के बिलासपुर में बीती फरवरी व्यापारी अरुण सिंघल के बेटे वैभव की हत्या कर दी गई। वैभव की लाश खेरली नहर मे मिली थी। इस मामले में भी परिजनों ने अपहरण की आशंका जताई थी। वैभव की लाश भी एक हफ्ते बाद मिली थी।
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तीन महीने में तीन किडनैपिंग और मर्डर
एक दूसरे मामले में फरवरी के ही महीने में ग्रेटर नोएडा की बेनेट यूनिवर्सिटी के छात्र यश मित्तल को किडनैप किया गया। यश मित्तल को भी किडनैपिंग के बाद मार डाला गया। यश ग्रेटर नोएडा की बेनेट यूनिवर्सिटी में बीबीए प्रथम वर्ष का छात्र था, जो 26 फरवरी के रोज अचानक गायब हो गया था। इसके बाद परिजनों ने दादरी थाने में उसकी गुमशुदगी की शिकायत की थी।
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