मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास ने कोर्ट से मांगी पिता के चालीसवें में जाने की इजाजत, मामला सुप्रीम कोर्ट में

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मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास ने कोर्ट से मांगी पिता के चालीसवें में जाने की इजाजत, मामला सुप्रीम कोर्ट में
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Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी की मौत के चालीस दिन बाद अब चालीसवां संस्कार होना है। पिता मुख्तार अंसारी के चासीवलें में शामिल होने के लिए बेटे अब्बास अंसारी ने अंतरिम जमानत की मांग की है। अब्बास अंसारी के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई करने की गुहार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई को सुनवाई का भरोसा दिया है। हाल ही में मुख्तार अंसारी की फातिहा में शामिल होने के लिए अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट ने इजाजत दी थी। आपको बता दें कि मुख्तार अंसारी का चालीसवां 7 मई यानी मंगलवार को ही है। मुख्तार की मौत 28 मार्च देर रात बांदा जेल में हो गई थी।

क्या होता है चालीसवां?

इस्लाम धर्म में मौत के चालीस दिन बाद चालीसवें की विशेष मान्यता है। आम तौर पर मौत के चालीस दिन बाद कुरानख्वानी और फातिहा की रस्म होती है। इसके बाद मौजूद लोगों के खाने का इंतजाम किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर मरने वाले कि रूह को किसी नेक काम का सवाब यानी कि पुण्य पहुंचा दिया जाए तो वह उस तक ज़रूर पहुंचता है और फिर उसे जन्नत नसीब होती है। यही कारण है कि चेहल्लुम को फातिहा की रस्म पूरी की जाती है।  

अब्बास को मिली थी हाईकोर्ट से राहत

हाल ही में बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी थी। अदालत ने गजल होटल जमीन कब्जे के मामले में अब्बास अंसारी को जमानत दे दी थी। जानकारी के मुताबिक बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी पर मऊ के सदर कोतवाली क्षेत्र के महुआ बाग में केस दर्ज हुआ था। इस केस में अब्बास पर गजल होटल की जमीन पर धोखाधड़ी से कब्जा करने का आरोप लगा था जिसमें अब्बास की मां अफशां अंसारी और भाई उमर भी आरोपी बनाए गए थे। इसके बाद अब्बास अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था।

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कौन हैं अब्बास अंसारी?

अब्बास अंसारी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। एक चुनावी सभा में उन्होंने कथित रूप से कहा था कि राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद छह महीने तक किसी भी सरकारी अधिकारी का तबादला नहीं होने दिया जाएगा. उन अधिकारियों से पूरा हिसाब लिया जाएगा। सरकारी अधिकारियों के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी के संबंध में चार मार्च को भारतीय दंड संहिता की धारा 171एफ और 506 के तहत उनके प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

मुख्तार के छोटे बेटे को भी राहत

मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को राहत देते हुए  सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली। 2022 यूपी विधानसभा चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में अब्बास को अग्रिम जमानत मिली है। आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर जिला मऊ प्रशासन को धमकी दी थी। जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की कोर्ट में यूपी की पैरवी करते हुए गरिमा प्रसाद ने याचिका का विरोध किया। कपिल सिब्बल ने उमर की पैरवी करते हुए कहा कि पुलिस ने अब तक एक बार भी पूछताछ के लिए नहीं बुलाया है। 
इसके बाद ही कोर्ट ने उमर को अग्रिम जमानत दे दी।
 

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