लॉकर से मिला 20 किलो सोना, साइबर फ्रॉड कर इस शख्स ने कैसे कमाए करोड़ों?

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लॉकर से मिला 20 किलो सोना, साइबर फ्रॉड कर इस शख्स ने कैसे कमाए करोड़ों?
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Faridabad: हरियाणा से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। फरीदाबाद स्थित इंडियन बैंक की बल्लभगढ़ शाखा में एक लॉकर से करीब 20 किलोग्राम सोना बरामद किया है। ये सोना करीब 14 करोड़ रुपए का है। ये लॉकर पुनीत कुमार का है। उसने अपनी मां के नाम पर इस लॉकर में करीब 20 किलोग्राम सोना रखा था। इसकी भनक ईडी को लग गई। इसके बाद ईडी ने छापा मारा। 

कौन है आरोपी पुनीत माहेश्वरी?

ईडी ने इस सिलसिले में  मुकदमा दर्ज किया है। ये मुकदमा पीएमएलए एक्ट 2002 के तहत दर्ज किया गया है। जांच के दौरान दिल्ली के मोती नगर निवासी साइबर जालसाज पुनीत कुमार उर्फ ​​​​पुनीत माहेश्वरी के बारे में ईडी को सूचना मिली थी। इस आधार पर सबसे पहले उन्होंने पुनीत माहेश्वरी को इंदिरा गांधी इंटरनेश्नल एयरपोर्ट (आईजीआई ) से 3 अप्रैल को अरेस्ट किया। इसके बाद उसे अदालत में पेश किया। कोर्ट ने 12 दिनों की कस्टडी रिमांड दी। इस दौरान ईडी को उसके बैंक खातों के अलावा, प्रापर्टीज से लेकर लॉकर्स तक खंगाले। इस दौरान इंडिया बैंक के उसके एक  लॉकर के बारे में पता चला। ईडी की टीम बैंक पहुंची और उसके बाद लॉकर की तलाश ली। उस दौरान ईडी की टीम को वहां से तकरीबन 20 किलोग्राम सोना मिला। 

ED ने 30 करोड़ भी जब्त किए

ईडी ने इसे सीज कर लिया है। आरोपी अभी न्यायिक हिरासत में है। बताया जा रहा है कि आरोपी पुनीत माहेश्वरी साइबर फ्राड है। वो दिल्ली के मोती नगर का रहने वाला है। इसके अलावा आज ही ईडी ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। करीब 30 करोड़ रुपए जब्त किए  गए हैं। दिलचस्प बात ये है कि महज 15 हजार सैलरी पाने वाले मंत्री के पीएस के नौकर के घर से ये नोटों की गड्डियां मिली हैं। मंत्री का नाम आलमगीर आलम है। इनके पीएस के नौकर के यहां ये रेड की गई है। सवाल ये उठता है कि ये रकम किसकी है? यहां कैसे पहुंची ? 

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ईडी ने बीते साल मई महीने में चीफ इंजीनियर के यहां 10 हजार रुपये की रिश्वत के मामले में छापेमारी की थी। तब पता चला था कि मंत्री जी असली प्लेयर है। सारी रिश्वत का पैसा पहुंचाया जाता है। जांच के दौरान ही आलमगीर के निजी सचिव संजीव लाल का नाम सामने आया और अब संजीव लाल के घर में काम करने वाले नौकर के यहां ये कैश बरामद हुआ है। 

आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा से कांग्रेस के चार बार विधायक रहे हैं और अभी झारखंड सरकार में संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास मंत्री हैं। इससे पहले आलमगीर आलम 20 अक्टूबर 2006 से 12 दिसंबर 2009 तक झारखंड विधानसभा अध्यक्ष भी रहे थे। आपको याद होगा कि दिसंबर में भी झारखंड में भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ था। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और कारोबारी धीरज साहू के ठिकानों से इनकम टैक्स विभाग ने 350 करोड़ से ज्यादा कैश बरामद किया था। 

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