संसद में सुरक्षा चूक का मामला : अब आरोपियों के सोशल मीडिया अकाउंट्स खंगालने जा रहे हैं! जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर होगी बड़ी कार्रवाई
Parliament Security Breach : दिल्ली पुलिस अब आरोपियों के सोशल मीडिया अकाउंट्स खंगालने में जुट गई है, जिससे पता चल सके कि आरोपी सोशल मीडिया पर किन-किन लोगों के संपर्क में थे?
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अरविंद ओझा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
Parliament Security Breach : दिल्ली पुलिस अब आरोपियों के सोशल मीडिया अकाउंट्स खंगालने में जुट गई है, जिससे पता चल सके कि आरोपी सोशल मीडिया पर किन-किन लोगों के संपर्क में थे? पुलिस ने मेटा से उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स की डिटेल्स मांगी है, इसमें खासतौर से वह पेज है, जो आरोपी ने भगत सिंह फैन क्लब के नाम से बनाया था और बाद में डिलीट कर दिया था।
पुलिस ने मेटा से इनकी डिटेल्स के लिए लेटर लिखा है, वही एक अन्य व्यक्ति को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी लोकेश झा ने कोलकाता के रहने वाले शख्स को इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर भेजा था, उसको भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
पुलिस जल्द ही सभी आरोपियों को आमने-सामने बैठकर पूछताछ करेगी। अब तक इनको स्पेशल सेल ने अपने अलग-अलग ऑफिस में रखा है, जहां इनसे पूछताछ की जा रही है।
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उधर, गृह मंत्रालय ने 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर जांच के आदेश दिए थे। सीआरपीएफ महानिदेशक अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता वाली एक जांच समिति ने तीन मौकों पर क्राइम सीन रिक्रिएट किया। ड्यूटी पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों से पूछताछ की और पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस से उनकी संख्या के संबंध में डेटा मांगा।
इस पूर मामले में 6 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं, जिनकी पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन डी (लोकसभा कक्ष में हंगामा करने वाले), अमोल शिंदे और नीलम देवी (संसद परिसर के बाहर हंगामा करने वाले), ललित झा और महेश कुमावत (मौके से फरार होने वाले) के रूप में हुई है। इन सभी के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 120बी, 452, 153, 186, 353 और यूएपीए की धाराओं 16 औeर 18 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उधर, संसद की सुरक्षा में सेंध की घटना की जांच और इस व्यवस्था को अभेद्य बनाए जाने की गुहार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने जनहित याचिका दाखिल की है। इस याचिका में 13 दिसंबर को हुई घटना की सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की कमेटी से जांच कराए जाने की मांग की गई है।
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वकील अबु सोहेल की याचिका में कहा गया है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर जज की देखरेख में 'स्वतंत्र, निष्पक्ष और विश्वस्त' न्यायिक जांच कराई जाए। यह पूरी तरह से सुरक्षा में चूक है, क्योंकि फेंके गए गैस कनस्तर से जहरीली गैस निकल सकती थी।
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