Jammu Kashmir : जम्मू-कश्मीर के पुंछ में बस के खाई में गिरने से 11 लोगों की मौत, 29 घायल

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Jammu Kashmir Accident News : जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले (Poonch News) में बुधवार को एक मिनी बस (Mini Bus) के गहरी खाई में गिर जाने से उसमें सवार 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 29 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मरने वालों में चार महिलाएं शामिल हैं।

अधिकारियों के मुताबिक, बस गली मैदान से पुंछ की तरफ जा रही थी और सुबह 8.30 बजे सावजियान के सीमावर्ती इलाके में बरारी नाले के पास यह हादसे की शिकार हो गई। उन्होंने बताया कि सेना, पुलिस और स्थानीय ग्रामीणों ने क्षेत्र में तत्काल एक संयुक्त बचाव अभियान शुरू किया।

अधिकारियों ने बताया कि नौ यात्री घटनास्थल पर ही मृत पाए गए थे, जबकि दो अन्य ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि हादसे में 29 यात्री घायल हुए हैं, जिनमें से नौ की हालत गंभीर है और उनमें से छह को विशेष इलाज के लिए जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ले जाया गया है।

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अधिकारियों के अनुसार, बस 250 फीट नीचे खाई में लुढ़क गई और सख्त पथरीली जमीन से जा टकराई। उन्होंने बताया कि बस में स्कूल जा रहे कुछ छात्र भी सवार थे। इस हादसे में बस पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई।

अधिकारियों के मुताबिक, बस हादसे में मारे गए 11 लोगों में से 10 की पहचान बशीर अहमद लोन (40), नाजिमा अख्तर (20), शायदा अख्तर (32), रजिया अख्तर (18), जरीना बेगम (40), महरूफ अहमद (14), मोहम्मद हुसैन (65), इमरान अहमद (6), अब्दुल करीन (70) और अब्दुल कयूम (40) के रूप में हुई है।

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जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हादसे में लोगों की मौत पर दुख जताया और मृतकों के परिजनों के लिए पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की। उन्होंने ट्वीट किया, “पुंछ के सावजियान में सड़क दुर्घटना में हुई मौत से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को सर्वश्रेष्ठ इलाज मुहैया कराने का निर्देश दिया है।”

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सिन्हा ने घायलों के स्वास्थ्य का हाल जानने के लिए जम्मू के जिला अस्पताल का भी दौरा किया और गंभीर रूप से घायल पीड़ितों के लिए एक लाख रुपये की सहायता की घोषणा की।

उन्होंने ट्वीट किया, “आज एक दर्दनाक सड़क हादसे में घायल हुए नागरिकों के स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए जिला अस्पताल, पुंछ का दौरा किया। घायलों के परिजनों और उनका इलाज कर रहे चिकित्सकों से मुलाकात की। गंभीर रूप से घायल छह लोगों को इलाज के लिए जम्मू ले जाया गया है। इन लोगों को एक लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।”

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के कई नेताओं ने भी हादसे में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना जताई।

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से दो लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा भी की। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में मोदी ने कहा, “पुंछ में हुए हादसे में लोगों की मौत दुखद है। मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं, जिन्होंने अपनों को खोया है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रत्येक मृतक के परिजनों को पीएमएनआरएफ से दो लाख और घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।”

राष्ट्रपति मुर्मू ने ट्वीट किया, “पुंछ के सावजियान में एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना में लोगों की मौत अत्यंत दुखद है। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।”

वहीं, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के पुंछ में एक बस दुर्घटना में लोगों की मौत के बारे में जानकर दुख हुआ। शोक संतप्त परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”

नेशनल कांफ्रेस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा, “पुंछ में एक बस दुर्घटना में लोगों की दर्दनाक मौत के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। दिवंगतों की आत्मा को शांति और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूत मुफ्ती ने भी हादसे पर दुख जताया। उन्होंने ट्वीट किया, “पुंछ के सावजियान मंडी में हुए दुर्भाग्यपूर्ण हादसे के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं और घायलों के लिए दुआएं।”

उधर, स्थानीय लोगों के एक समूह ने जिला प्रशासन पर सड़क हादसों को रोकने और एक सुविधा संपन्न ट्रॉमा सेंटर स्थापित करने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ प्रदर्शन किया। एक प्रदर्शनकारी ने दावा किया, “हमें हादसे में गंभीर रूप से घायल लोगों को जम्मू स्थानांतरित करना पड़ा, जिसमें देर हुई और परिणामस्वरूप कुछ की जान चली गई।”

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