Cyber Crime : गूगल पर सर्च करें कस्टमर केयर नंबर जरा संभलकर, कहीं लग ना जाए रॉन्ग नंबर

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Cyber Crime News : इंटरनेट अब हमारी जिंदगी का सबसे खास हिस्सा बन चुका है. खासकर गूगल (Google). कोई जानकारी चाहिए. तुरंत गूगल पर सर्च कर लिया. कोई कन्फ्यूजन है. तुरंत गूगल से पूछ लिया. अब गूगल पर जो जानकारी पहले आ गया. उसे हम सबसे ज्यादा सच मान लेते हैं. लेकिन ये पूरा सच नहीं है. क्योंकि जरूरी नहीं कि गूगल पर सर्च करने पर जो आपके सामने आ जाए वो बिल्कुल सही हो. वो साइबर क्रिमिनल का धोखा भी हो सकता है.

खासकर साइबर क्रिमिनल आजकल ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी से लेकर रोजाना इस्तेमाल में आने वाले ऐप या वेबसाइट से जुड़े कस्टमर केयर का फर्जी नंबर बनाकर ठगी कर रहे हैं. ऐसे में गूगल पर किसी कस्टमर केयर का नंबर या हेल्पलाइन नंबर सर्च करते समय जरूरी है कि आप सतर्क रहें. क्राइम तक की स्पेशल सीरीज मेड इन कंगाल ( Made in Kangaal) में गूगल पर नंबर सर्च करने से होने वाले फ्रॉड की कहानी. आखिर किन बातों का ध्यान रखें. कैसे जानें कि ये असली नंबर नहीं बल्कि रॉन्ग नंबर है...

गूगल पर सर्च करो लेकिन संभलकर...कहीं लग ना जाए रॉन्ग नंबर

Cyber Crime : जरा सोचिए। हमें कोई सस्पेंस मूवी देखनी है। लेकिन हमें उसका नाम नहीं पता। फिर क्या करेंगे। तुरंत गूगल करेंगे। फिर कई फिल्मों के नाम आ जाते हैं। इसके बाद हम ये देखते हैं कि कौन सी मूवी बेस्ट है। फिर जो अच्छी मूवी होती है उसे ही पूरी देखते हैं। क्या कभी ऐसा करते हैं कि जो सबसे पहले मूवी का नाम आया उसे ही पूरी देखते हैं और फिर बाद में किसी दूसरी मूवी को। नहीं ...ना। लेकिन जब हम किसी परेशानी में आते हैं। जिसमें हमारा पैसों का लेनदेन होता है। तब उस परेशानी को दूर करने के लिए भी गूगल पर सर्च करते हैं।

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लेकिन उस समय ये नहीं चेक करते हैं कि कौन सा सही है और कौन सा गलत। बस जो दिखा उसी को सच मान लेते हैं। और हमारी यही गलती होती है। आजकल ये गलती सबसे ज्यादा तब होती है जब हम कोई डिजिटल पेमेंट करते हैं या फिर पैसों के ट्रांजैक्शन से रिलेटेड कोई इशू रहता है। ऐसे में हम तुरंत गूगल पर कस्टमरकेयर का नंबर खोजते हैं। और साइबर क्रिमिनल इसी का फायदा उठाकर आपको ठगी का शिकार बना देते हैं। आखिर ये साइबर क्राइम कैसे हो रहा है और ऐसे क्राइम से कैसे बच सकते हैं...इसे पूरा समझते हैं।

ऑनलाइन पेमेंट किया पैसे कट गए, फिर कस्टमर केयर को किया कॉल

Cyber Fraud : यूपी की राजधानी लखनऊ में रहने वाले सौरभ एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। आजकल दूसरों के जैसे वो भी शॉपिंग करते समय अधिकतर ऑनलाइन पेमेंट ही करते हैं। जहां से घर का सामान लेते हैं उसे भी ऑनलाइन पेमेंट करते हैं। लेकिन कई बार नेटवर्क प्रॉबल्म या फिर किसी वजह से अकाउंट से पैसे तो कट जाते हैं लेकिन पेमेंट नहीं हो पाता। ऐसा ही कुछ हुआ सौरभ के साथ।

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 एक दिन पैसे कट गए तो सोचा कस्टमर केयर को फोन करके जानकारी लूं. तुरंत गूगल पर उस कंपनी का नाम लिखकर कस्टमरकेयर सर्च किया.  गूगल पर कई नंबर मिले. उनमें से शुरुआत में दिख रहे एक नंबर नजर टिकी. वो नंबर था 1800270***। इस नंबर को देखकर लगा कि ये तो टोल फ्री नंबर ही होगा। इसी पर कॉल करता हूं।

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सौरभ ने उस नंबर पर कॉल किया. तो उधर से भी जवाब मिला कि आपको क्या मदद चाहिए। सौरभ ने कहा कि देखिए अभी मैं 250 रुपये की पमेंट कर रहा था। मेरे अकाउंट से पैसे कट गए लेकिन पेमेंट फेल हो गई। अब वो पैसे कैसे रिफंड होंगे।

कथित कस्टमर केयर ने कहा कि आप परेशान मत होइए। आपके पैसे तुरंत रिफंड हो जाएंगे। फिर वो कहता है कि जैसा कि मैं अपने सिस्टम में चेक कर पा रहा हूं उससे कुछ टेक्निकल दिक्कत आ गई थी। आपको बता देते हैं कि आप किसी तरह की सीक्रेट जानकारी हमसे मत बताइएगा। बस आपको तुरंत एक छोटा सा काम करना होगा।

उसकी बातों पर सौरभ ने तुरंत एक ऐप डाउन लोड किया और फिर उसके बताए स्टेप को पूरा करने लगे। असल में उस कॉलर ने Team Viewer फोन ऐप डाउनलोड कराया और फिर 9 डिजिट का कोड पूछा. इस कोड के बारे में उसने कहा था कि ये वेरिफिकेशन कोड है. इसके बाद कहा था कि अब आप अपने फोन से 1 रुपये किसी दोस्त या परिवार के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर चेक करिए. ऐसा करने के बाद वो शख्स बोला कि आपका ऑनलाइन सिस्टम ठीक है. कुछ देर में पैसे रिफंड हो जाएंगे.

उस शख्स ने कहा कि अभी पैसे रिफंड का मैसेज भी आ जाएगा. इसके बाद सौरभ खुश हो गए और मैसेज आने का इंतजार करने लगे. कुछ देर बाद मैसेज आया. पर ये मैसेज पैसे अकाउंट में आने का नहीं बल्कि कटने का था. यानी डेबिट होने का. वो भी पहली बार में 10 हजार और फिर 15 हजार का. ये देखकर वो चौंक गए. फिर से कस्टमर केयर को कॉल किया. तो बताया कि पैसे गलती से कट गए हैं. थोड़ी देर में सब रिफंड हो जाएंगे. लेकिन पैसे लगातार कटे और पूरा अकाउंट खाली हो गया. इसके बाद उस कस्टमर केयर का नंबर भी बंद हो गया. तब सौरभ को ये समझ आया कि उनके साथ फ्रॉड हो गया.

आखिर गूगल पर कस्टमर केयर या हेल्पलाइन नंबर के नाम पर क्यों हो रहा फ्रॉड

गूगल पर कस्टमर केयर या फिर हेल्पलाइन नंबर को सर्च करने के नाम पर  फ्रॉड किए जाने की आखिर वजह क्या है. ऐसे सैकड़ों या हजारों घटनाएं हो रहीं हैं। ऐसे मामले Paytm, Phonepay जैसे डिजिटल पेमेंट ऐप हो या OLA, UBER जैसे ट्रैवल ऐप या फिर ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल Amazon, Flipkart या बैंक SBI, HDFC या फिर SWIGGY ZOMATO से लेकर किसी भी बड़ी कंपनी के कस्टमर केयर के नंबर को फर्जी तरीके से इंटरनेट पर डालकर ठगी की जा रही है. कई बार तो ये फ्रॉड इन फर्जी कस्टमर केयर नंबर को गूगल पर पैसे देकर प्रमोट करा देते हैं. जिससे उनका नंबर गूगल के पहले पेज पर आ जाता है और लोग आसानी से उनके ट्रैप में आ जाते हैं.

ये जालसाज मोबाइल नंबर के साथ फर्जी टोल फ्री नंबर (जिसकी शुरुआत 1800 से होती है) लेकर भी उसे इंटरनेट पर डालकर लोगों को शिकार बना रहे हैं. इसलिए इनसे सावधान रहने की जरूरत है. इन ठगों के शिकार बढ़ने की दूसरी वजह ये भी है कि कई ऑनलाइन कंपनियां अपने कस्टमर केयर नंबर को जारी नहीं करती है. वो वेबसाइट पर ही सपोर्ट के नाम से एक सॉफ्टवेयर डालकर लोगों को मैसेज डालने या चैट करने का ऑप्शन दिया है. ऐसे में लोग इन्हीं फ्रॉड के हेल्पलाइन नंबर या कस्टमर केयर नंबर पर ही भरोसा करने को मजबूर हो जाते हैं.

Cyber Safety : ऐसे फ्रॉड से कैसे बचें

साइबर एक्सपर्ट और नोएडा पुलिस में तैनात हिमांशु शर्मा बताते हैं कि... देखिए वाकई साइबर क्रिमिनल के रॉन्ग नंबर पर आजकल बहुत कॉल पहुंच रहीं हैं। जिसका फायदा वे उठा रहे हैं। इसलिए आपको बता दूं कि इंटरनेट पर जो कुछ आप अपलोड करते हैं और वो लेटेस्ट है तो गूगल उसे सर्च इंजन में पहले दिखाता है। इसलिए ये साइबर क्रिमिनल किसी बैंक के नाम के साथ कस्टमर केयर जोड़कर किसी वेबसाइट पर पब्लिश कर देते हैं। इसे ऐसे समझिए।

जैसे HDFC कस्टमर केयर टोल फ्री नंबर चाहिए। तो साइबर क्रिमिनल पहले कस्टमर केयर नाम से या इससे मिलते-जुलते नाम की कई वेबसाइट बना लेते हैं। और फिर उस पर रोजाना सुबह ही HDFC Customer Care नंबर लिखकर अपना फोन नंबर डालेंगे और पब्लिश कर देंगे। इसी तरह से स्वीगी, जोमैट, पेटीएम, फोनपे या किसी दूसरे ऐप के नाम के साथ कस्टमर केयर नंबर अपलोड कर देते हैं। इस तरह जब कोई कस्टमर केयर सर्च करेगा तो गूगल के पहले पेज पर इनका नंबर आ जाता है। जैसे ही कोई शख्स मदद के लिए इन्हें कॉल करेगा तो ये साइबर क्रिमिनल उससे ठगी करते हैं।

रिमोट ऐप ANYDESK, QS या Team Viewr से कैसे हो रहा है फ्रॉड

Cyber Crime News : इस बारे में साइबर एक्सपर्ट हिमांशु शर्मा बताते हैं कि ये साइबर क्रिमिनल पहले फोन पर बात करते हैं और फिर रिमोट ऐप डाउनलोड कराते हैं। जैसे Team Viewer, Any Desk, Quick Support और भी कई ऐसे रिमोट ऐप हैं। दरअसल, ये रिपोट ऐप किसी भी सिस्टम का एक्सेस अपने पास ले लेते हैं। जैसे आप अपने मोबाइल फोन पर ऐप डाउनलोड करके 9 या 12 डिजिट का कोड बताते हैं तो उसके बाद आपके फोन का एक्सेस साइबर क्रिमिनल के पास चला जाता है।

और फिर आप अपने फोन पर जो कुछ करेंगे उसे साइबर क्रिमिनल देख सकता है। इसीलिए रिमोट पर फोन लेने के बाद साइबर क्रिमिनल कहता है कि आप किसी के अकाउंट में सिर्फ 1 रुपये डालिए। जैसे ही कोई व्यक्ति 1 रुपये ट्रांसफर करने के लिए अपना पासवर्ड डालता है तो ये क्रिमिनल सब रिकॉर्ड कर लेते हैं और फिर उसी पासवर्ड से आपके बैंक खाते से सारा पैसा निकाल लेते हैं। इसलिए कोई भी रिमोट ऐप डाउनलोड ना करें।

ऐसे फ्रॉड से कैसे बचें

किसी कस्टमर केयर का नंबर हमेशा अधिकृत वेबसाइट से लें

जैसे SBI बैंक का चाहिए इसकी ऑफिसियल वेबसाइट से लें

ऐसा ना करें कि गूगल पर जो नंबर दिखे उसी पर कॉल करें

गूगल पर 1800...जैसे टोल फ्री नंबर भी फ्रॉड वाले हैं

फोन पर बात करते हुए बैंक से जुड़ा कोई काम ना करें

AnyDesk, QS, Team Viewer जैसे ऐप डाउनलोड ना करें

साइबर क्राइम होने पर तुरंत 1930 नंबर पर संपर्क करें

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