CDS बिपिन रावत के गांव में ऐसे मनाया जा रहा है उनके जाने का शोक!

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एक हादसा जिसने देश से छीन लिया एक बहादुर सपूत। एक हादसा जिससे बिछुड़ गया उत्तराखंड की माटी का लाल। पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लॉक के गांव सैंण में शोक और सन्नाटा है। सीडीएस जनरल बिपिन रावत का यही पैतृक घर है। जनरल बिपिन रावत के निधन की खबर से पूरा गांव शोकाकुल है। आपको बता दें कि जनरल रावत के निधन पर उत्तराखंड में आज से तीन दिन का राजकीय शोक है।

पौड़ी की तरह उत्तरकाशी में भी मातम है। उत्तरकाशी जिले के थाती गांव जनरल बिपिन रावत का ननिहाल है। दो साल पहले जनरल बिपिन रावत अपने ननिहाल आए थे तो इलाके के विकास की ढेर सारी बातें कही थी। टेढ़ी मेढ़ी पहाड़ी पगडंडियों से होते हुए वो उस स्कूल को भी देखने गए थे जहां उनकी मां पढ़ा करती थीं, वहां के लोगों को आज भी जनरल रावत का वो दौरा याद है। लेकिन परिवार के लोगों ने सोचा भी नहीं था कि दो साल पहले इस तरह हंसी खुशी मिलकर गए विपिन रावत अब कभी अपने ननिहाल नहीं लौट पाएंगे।

उस यात्रा की सुखद यादें आज भी यहां के लोगों के दिल में हैं। तब जनरल रावत ने रिटायरमेंट बाद की जिंदगी की भी बात की थी। ननिहाल के विकास, खासकर शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कही थी। उत्तराखंड से सैकड़ों किलोमीटर दूर मध्यप्रदेश के शहडोल में भी जनरल रावत के निधन पर शोक छाया है। शहडोल के सोहागपुर में उनकी ससुराल थी, यानि उनकी पत्नी मधुलिका का मायका। रिस्तेदारों के मुताबिक बहन और बहनोई जल्द ही शहडोल आने की तैयारी में थे, लेकिन इससे पहले ही ये दुखद खबर आ गई।

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