Russia-Ukraine War: विक्ट्री डे परेड के लिए रूस अब मारियूपोल में खेलेगा ख़ून की होली!

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Russia Ukraine War: यूक्रेन-रूस युद्ध के 72 दिन गुज़र चुके हैं। अब भी रूस की ओर से वार और यूक्रेन की तरफ से पलटवार जारी है। लेकिन इन सबके बीच एक ऐसी ख़बर सामने आई जिस पर न तो खुश ही हुआ जा सकता है और न ही अफसोस मनाया जा सकता। खबर है कि मारियुपोल के स्टील प्लांट में फंसे लोगों को संयुक्त राष्ट्र (UN) का राहत दल सुरक्षित निकाल रहा है।

मगर मौजूदा सूरते हाल ये है कि मारियूपोल को रूस किसी भी सूरत में अपनी जीत का स्मारक बनाकर 9 मई की अपनी कसम को किसी भी हाल में ज़िंदा रखना चाहता है। हालांकि यूक्रेन के सैनिकों ने रूस की इस विक्ट्री परेड का सारा मज़ा ही किरकिरा कर रखा है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगले दो दिनों तक रूस किसी भी सूरत में इस शहर और मरियूपोल को बंदरगाह पर अपना झंडा फहरा देना चाहता ताकि सूनी होती दिख रही उसकी विक्टी डे परेड में कुछ तो रोशन करने लायक और कुछ कहने लायक बच जाए।

Russia Ukraine War: खैर जिंदगी बचना एक बात है, लेकिन इस जिंदगी के साथ जो भयानक और कभी न भूलने वाली यादें जुड़ी हैं वो शायद दिन रात मारियुपोल के लोगों को ताउम्र सताइंगी। नर्क से भी बदतर हालात से मारियूपोल के लोग गुजर रहे हैं।

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शहर लोगों की लाशों से अटा-पटा रहा. लेकिन एक स्टील प्लांट के अंदर कुछ हजार लोग छुपकर हमलों के बीच जिंदा रहने की दुआ करते रहे। पहले पुतिन और फिर जेलेंस्की से मिलने के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इनके लिए रास्ता निकाल ही लिया।

Russia Ukraine War: ये तो बात रही मारियुपोल की, लेकिन जिस कीव के किला को दुनिया सुरक्षित मान रही है वहां रूस की सेना ने तबाही बरसाने में कोई चूक नहीं की। एक एक को चुन-चुन कर मारा गया है। ज़ुल्म की जितनी भी शक्लें हो सकती हैं यहां नज़र आ सकती है। जो बच गए उनमें से कईयों को बंधक बनाकर बेलारूस ले गए जबकि कुछ को रूसी सेैनिक अपने देश भी ले गये हैं।

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खैर, इन सबके बीच 9 मई भी पास आ गई है। ये तारीख़ रूस के लिए बेहद अहम है। इतनी ख़ास कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस तारीख की अहमियत को और भी ज़्यादा बढ़ाने की गरज से ही यूक्रेन का ये हाल किया। उसे पूरी तरह से मटियामेट करने की सारी कोशिश कर डाली।

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असल में रूस उस दिन विक्ट्री परेड के जरिये जीत की दुंदुभी बजाना चाहता है। अगले दो दिनों में वो क्या करेगा पता नहीं. लेकिन इतना तय है कि आम लोगों के निकल जाने के बाद वो मारियुपोल पर संपूर्ण जीत का दावा जरूर करेगा. शायद यही उसकी जीत की सबसे बड़ी निशानी बनने वाली है.

Russia Ukraine War: काला सागर के तट पर बसे मारियोपोल में सिर्फ तबाही और बर्बादी है। और बर्बादी के मलबों के बीच कई जिंदगियां फंसी पड़ी है। यहां फंसे हुए लोग इस आस में जी रहे थे कि कोई मसीहा आएगा और उन्हें यहां से बचाकर ले जाएगा। इस इलाक़े में तो कुछ ऐसा बचा नहीं था जिसके बल पर यहां एक भी ज़िंदगी चंद घंटों से ज़्यादा जी सकती।

ऐसे में पश्चिमी देशों से ही सबकुछ आ रहा था। हथियार, पैसे सबकुछ ताकि युक्रेन डंटकर रूसी सेना से लड़ सके। अगर कुछ नहीं आ रहा था तो मारियुपोल में फंसें लोगों को बचाने की पहल, और राहत का कोई पैग़ाम। लेकिन अब शायद यहां के लोगों के दर्द से भरे दिल से निकली हाय शायद काम कर गई। क्योंकि संयुक्त राष्ट्र (UN) ने पहल की और दो कामयाब ऑपरेशन पूरे किए। तीसरा चरण अपने शबाब पर है जिसमें करीब 5 सौ लोगों को बचाकर निकाला जा चुका है।

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