आतंकी को बनाया गृह मंत्री ! तालिबान ने बनाया 'ग्लोबल TERRORIST' को गृह मंत्री

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तालिबान और पाकिस्तान की साजिश बेनकाब होती जा रही है। अब तालिबान ने GLOBAL TERRORIST यानी आतंकवादी को गृह मंत्री बना दिया है। कौन है ये शख्स। तो जानिए। इसका नाम है सिराजुद्दीन हक्क़ानी। हक्क़ानी समूह का प्रमुख सिराजुद्दीन हक्क़ानी। ये नए गृह मंत्री बनाए गए है। ये वही हक्क़ानी हैं जिनके समूह ने बीते 20 सालों में कई घातक हमलों को अंजाम दिया। सिराजुद्दीन हक्क़ानी नेटवर्क के नाम से कुख्यात चरमपंथी समूह का मुखिया हैं और इनका संबंध तालिबान के साथ रहा है। आरोप है कि 2017 में इनके समूह ने एक ट्रक बम हमला किया था जिसमें 150 से अधिक लोग मारे गए थे।

सकते हैं।

37 करोड़ का है इनाम घोषित

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जी हां, हक्क़ानी पर FBI ने 37 करोड़ का इनाम घोषित कर रखा है। एफ़बीआई के इस प्रोफ़ाइल में हक्क़ानी का कद 5 फ़ीट 7 इंच बताया गया है। वो कभी अफगानिस्तान कभी पाकिस्तान में रहता हैं और उनके समूह को पाकिस्तान-अफ़ग़ानिस्तान सीमा पर सक्रिय बताया गया है। उनकी उम्र 45 साल के क़रीब बताई गई है। वो अरबी बोलता है। एफबीआई के मुताबिक, हक्क़ानी की नागरिकता के बारे में नहीं पता है।

हक्क़ानी का अलकायदा और तालिबान से है गहरा नाता

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अब अमेरिका क्या सोचेगा ?

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अमेरिका की एफबीआई के मुताबिक, हक्क़ानी अलकायदा से गहरा नाता है। यही वजह है कि वो अमेरिका के लिए दुश्मन नंबर 1 बना हुआ है। ऐसे में अब तालिबान ने उसे मंत्री बनाया गया है तो ऐसे में अमेरिका इसे किस तरह से लेगा, ये देखने वाली बात होगी।

FBI के मुताबिक, काबुल में होटल में हुए आतंकी हमले में शामिल था हक्कानी

अमेरिका के खिलाफ कई हमलों को दिया है अंजाम

पूर्व राष्ट्रपति पर भी किया था आत्मघाती हमला

अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफ़बीआई के पास हक्क़ानी का जो प्रोफ़ाइल है उसके अनुसार वो वांटेड हैं। हक्क़ानी पर आरोप है कि जनवरी 2008 में काबुल के एक होटल में जो हमला हुआ था, उस हमले में वो शामिल था। उसमें एक अमेरिकी नागरिक समेत छह लोग मारे गए थे। उसकी प्रोफ़ाइल में बताया गया है कि - ऐसा माना जाता है कि हक्क़ानी नेटवर्क ने अमेरिका की अगुवाई वाली नेटो की सेना पर सीमा पार से हुए हमलों को अंजाम दिया। यह भी माना जाता है कि हक्क़ानी समूह ने ही कथित तौर पर 2008 में (पूर्व) अफ़ग़ान राष्ट्रपति हामिद करज़ई पर हुए आत्मघाती हमले को अंजाम दिया था। इसके साथ ही हक्क़ानी समूह को 2 सितंबर 2011 को काबुल में अमेरिकी दूतावास के पास के नेटो ठिकानों पर हुए हमले का दोषी भी ठहराया गया है। तब उस हमले में चार पुलिस अधिकारियों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी।

FBI ने क्या कहा

जो देगा जानकारी उसे मिलेगा इनाम

कहां कहां दे सकते है जानकारियां ?

एफबीआई के मुताबिक, अगर किसी को हक्क़ानी के बारे में कुछ भी पता चले तो वो देश में मौजूद अमेरिकी दूतावास में या स्थानीय एफबीआई आफिस में संपर्क कर

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