Shraddha Murder Case: श्रद्धा मर्डर केस बन गई पहेली, Crime Tak की टीम जब जंगल में पहुंची तो खड़े हुए कई सवाल

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Shraddha Murder Case : श्रद्धा मर्डर केस की जांच अब पहेली बन गई है। कई सूबत सामने है, कई सबूत अभी मिले नहीं है और कई सबूतों से संबंधित रिपोर्ट अभी तक सामने नहीं आई है। ऐसे में केस को लेकर अभी साफ साफ कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। अभी तक पुलिस को न तो श्रद्धा का मोबाइल मिला है, न उसका सिर और न ही कत्ल में इस्तेमाल हथियार। डीएनए रिपोर्ट भी सामने नहीं आई है। ऐसे में कैसे आरोपी कानून के शिंकजे में फंसेगा, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।

Shraddha Murder Case : गुरुवार को क्राइम तक की टीम महरौली के जंगलों में गई थी। जंगल में घुसते ही अजीब सा एहसास हुआ। ये लगा कि कैसे पुलिस को शरीर के टुकड़े मिल सकते है, क्योंकि जंगल तो बहुत ही घना और बड़ा है। दो-तीन पुलिस वाले कैसे आरोपी के साथ जंगल में उसी जगह पर पहुंच पाएगा, जहां आरोपी ने कथित रूप से शरीर के टुकड़े फेंके। हालांकि वहां हमें कुछ हड्डियां जरूर मिली। अब ये हड्डियां किसकी है, ये तो जांच से ही पता चलेगा।

कई सवाल यहां खड़ा हो रहे हैं...

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मसलन

कोई शव के टुकड़ों को ठिकाने लगाने के लिए घर से महज डेढ़ किलोमीटर तक जंगल में ही क्यों जाएगा ? जब कि वहां पुलिस के लिए पहुंचाना ज्यादा आसान है। सवाल ये भी है कि उसे अगर शव को ठिकाने ही लगाना है तो उसकी कोशिश ये होगी कि उसके अवशेष तक पुलिस को न मिले ? ऐसे में वो दूरदराज नदी, नहर, नाला, सुनसान जंगल या सुनसान जगह की तलाश करेगा। ऐसे में एक और सवाल ये है कि जब अपराधी इस तरह से शव के टुकड़ों को पॉलिथीन में भरकर ले जा रहा होगा तो जाहिर तौर पर वो डरेगा। ऐसे में उसकी कोशिश होगी कि जल्द से जल्द और बिना पुलिस के टोकाटाकी के ऐसी जगह पर शव के टुकड़े फेंके जिससे वो पकड़ा न जाए। तो ये संभव है कि उसने जंगलों को सेफ जगह समझा हो।

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अब ये सवाल ये भी है कि जिस जंगल का रास्ता भूलभूलैया है। ऐसे में वो रात के वक्त जंगल में क्यों जाएगा ? रात के वक्त तो वो ज्यादा डरेगा, लेकिन इस सवाल का एक काट भी है। वो है, जो शख्स इस तरह से शरीर के टुकड़े कर रहा हो, उसे भला क्या डर ? सवाल ये भी उठ रहा है कि वो पुलिस को अंधेरे में रखकर गलत राह भटका रहा है। ऐसे में पुलिस को भी ये बात पता है, लिहाजा उनकी प्लानिंग भी उसी हिसाब से चल रही है ताकि आरोपी को उसी के बयानों से घेरा जाए।

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सवाल ये भी है कि क्या आरोपी को सब याद है कि उसने कहां कहां शव के टुकड़ों को फेंका ? हो सकता है कि आरोपी कुछ चीजें भूल गया हो। ऐसे में पुलिस के लिए इस केस में एक-एक सबूत इकट्ठा करना, वाकई चुनौती होगी।

बता दें कि मुंबई का रहने वाले पेशे से शैफ और फोटोग्राफर आफताब आमीन पूनावाला (28) ने दिल्ली में अपनी 'लिव-इन पार्टनर' श्रद्धा वाल्कर (27) की बीती 18 मई को कथित तौर पर गला घोंट कर हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने शव के 35 टुकड़े कर दिए, जिन्हें उसने दक्षिण दिल्ली के मेहरौली इलाके स्थित अपने किराए के घर में करीब तीन सप्ताह तक एक 300 लीटर के फ्रिज में स्टोर कर रखा था और फिर उन टुकड़ों को कई दिनों तक बाहर जाकर फेंकता रहा।

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