वो मुझे इंसान नहीं, बस जिंदा जिस्म समझने लगे थे, बेटियों के सामने नोचते थे, इसलिए चाकू से मार डाला

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जिसके साथ 12 साल पहले सात फेरे लिए. जिस पति के नाम अपना सबकुछ दे दिया. उसे ही दर्दनाक तरीके से मौत के घाट उतारने में हाथ नहीं कांपे. आखिर इसके पीछे क्या वजह रही होगी. ये सोचकर भी हर किसी का दिल दहल उठेगा.

यही सोचकर पुलिस भी पति का क़त्ल करने वाली महिला से कुछ खास पूछ नहीं पाई थी. लेकिन जब उस महिला से इमोशनल होकर पुलिस ने बात की तो वो टूट गई फिर जो आपबीती सुनाई उसे सुनकर पुलिस अधिकारी भी दंग रह गए.

ये सोचने लगे कि इस महिला की जगह कोई दूसरी होती तो वो क्या करती. लेकिन कानून तो कानून है. वो ऐसी घटना की इजाजत नहीं देता. लिहाजा, इस महिला को गिरफ्तार कर अब न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जा रहा है. क्राइम की कहानी (Crime Story in Hindi) में राजस्थान के भरतपुर की झकझोर देने वाली ये सच्ची घटना की कहानी.

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पति को बेरहमी से मारने की कहानी बीवी की जुबानी

Crime Ki Kahani : पति का क़त्ल करने वाली महिला ने जो बताया वो रौंगटे खड़े करने वाला है. पुलिस की गिरफ्त में आई आरोपी बीवी 28 वर्षीय दीपा है. दीपा ने पुलिस को जो बयान दिया वो कुछ इस तरह है.

दीपा कहती हैं...

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करीब 12 साल पहले मेरी शादी जितेंद्र से हुई थी. वो हमसे उम्र में 2 साल बड़े थे. भरतपुर में ही जितेंद्र की फ्रूट की दुकान है. दुकान से अच्छी कमाई होती थी. शादी के बाद सबकुछ ठीक था. हमदोनों में अच्छे संबंध थे. जैसे हर पति-पत्नी में होते हैं. जितेंद्र कई बार शराब पीकर घर आते थे. शुरू में ऐसा नहीं लगा कि ये लत बढ़ती जाएगी. लेकिन मैं गलत सोचती थी. शराब की लत धीरे-धीरे बढ़ती गई.

अब लत बढ़ने के साथ उसका असर हमारे जिस्म और मन दोनों पर पड़ने लगा था. कभी वो पति की तरह नहीं बल्कि किसी रेपिस्ट की तरह हमारे शरीर को नोचते थे. ऐसे जैसे कोई गंदी फिल्म की शूटिंग चल रही हो. हमलोगों की दो बेटियां हुईं. दोनों अब धीरे-धीरे बड़ी हो चुकी हैं. लेकिन पति के नशे में गंदी हरकतें करने की आदत खत्म नहीं हुईं. बल्कि बढ़ती ही गईं. घर में आते ही कई बार बेटियों के सामने ही गंदे तरीके से दबोच लेना.

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मुझे पत्नी नहीं, बस एक जिस्म समझकर अप्राकृतिक सेक्स भी करते थे

कई बार गंदे तरीके से छूना. मना करने पर गाली देना. कई बार पिटाई करना. इससे बेटियों के सामने अजीब सी हालत हो जाती थी. अब पति मुझे पत्नी नहीं बल्कि एक शरीर की तरह समझते थे.

जब नशे में आते थे तब कई बार अप्राकृतिक सेक्स (Unnatural Sex) करते थे. विरोध करती थी. तो मारते पीटते. फिर जबर्दस्ती करते. आखिर इसे कब तक बर्दाश्त करती. फिर दोनों बेटियों का ख्याल आ जाता. तो चुप्पी साध लेती. अब शादी के इतने साल हो चुके थे. इसलिए सोचती थी किसी तरह सब ठीक हो जाए.

ये सोचकर सबकुछ सह लेती थी. लेकिन 21 मार्च की रात तो हद हो गई. पति जितेंद्र शराब के नशे में डूबकर घर पहुंचे. घर में आते ही मारपीट करने लगे. मेरे शरीर पर टूट पड़े. उसे नोंचने लगे. बेटियां देखने लगीं. मैंने उन्हें दूर भेजा.

पर वो गंदी हरकतें करते रहे. उस रात की हरकतों मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई. सोचा कि आज खुद ही आत्महत्या कर लेती हूं. लेकिन फिर सोचा कि अगर मर गई तो दोनों बेटियों का क्या होगा. पति तो दूसरी शादी भी कर लेंगे फिर बेटियां ही अभागी बन जाएंगी. इसलिए मन को मजबूत किया और तय किया कि अब पति को मरना होगा.

इसीलिए खाने से पहले सब्जी में नींद की कई गोलियां मिला दी. उसी सब्जी को पति को खिलाया. खाने के बाद पति जल्दी ही गहरी नींद में चले गए. उधर, बेटियां भी सो गईं. पर मेरी आंखों में अब नींद नहीं थी. रात के करीब ढाई बजने वाले थे. सबकुछ देखा फिर रसोई में पहुंची. वहां से चाकू उठाया और कमरे में आई.

फिर पति के मुंह में पहले कपड़ा ठूंसा ताकी शोर न मचा सके. फिर एक कपड़े से उसका गला दबा दिया. लेकिन मेरे गला दबाने से मौत नहीं होनी थी. इसलिए चाकू उठाकर सीने में कई बार मारा. कई सालों का गुस्सा उसी चाकू के सहारे पति के सीने में उतार दिया. अब वो मौत की नींद सो रहा था. फिर सुबह होने पर पहले तो इधर-उधर की बात करती रही. लेकिन आखिर में सबके सामने सच बता दिया.

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