"क्या आपने ऑनलाइन PORN देखा? 3 हजार जमा करो वरना घर पहुंच जाएगी पुलिस"

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पोर्नोग्राफी (Pornography) देखने का फर्जी अलर्ट भेज ठगी करने का मामला सामने आया है. ये फर्जी अलर्ट पुलिस के नाम पर कंप्यूटर यूजर्स को भेजे जाते थे. जो कंप्यूटर या स्मार्टफोन पर पॉपअप (Popup Alert) की तरह डिस्प्ले होता था. इस मैसेज के जरिए धमकी दी जाती थी कि पोर्नोग्राफी देखना कानूनन जुर्म है.

अगर 3000 रुपये नहीं जमा किए तो कभी भी पुलिस आपको गिरफ्तार कर लेगी. ऐसे मैसेज के जरिए 5 महीने में 30 लाख रुपये से अधिक की ठगी करने वाले 3 साइबर क्रिमिनल को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

दिल्ली पुलिस साइबर सेल ने इस मामले में चेन्नै से गैब्रियल जेम्स, राम सेलवन और त्रिची से धिनुषनाथ को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी धिनुषनाथ का भाई चंद्रकांत उर्फ चंद्रू कंबोडिया में रहता है. वो कंबोडिया से टेक्निकल सपोर्ट देता था.

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जिस सर्वर के जरिए ये पॉपअप अलर्ट मैसेज भेजे जाते थे, वो भी कंबोडिया से ऑपरेट होता था. लेकिन जिन बैंक अकाउंट में पैसे मंगाए जाते थे वो इंडिया के थे. इस तरह कई दर्जन बैंक अकाउंट की डिटेल की एनालिसिस करके दिल्ली पुलिस ने इन तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया.

20 बैंक अकाउंट में 30 लाख से ज्यादा ट्रांसफर

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दिल्ली पुलिस को इस मामले में सोशल मीडिया से जानकारी मिली थी. जिसके बाद पुलिस ने स्वतः संज्ञान लिया. पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की तब चौंकाने वाली जानकारी मिली. दरअसल, लोगों के पास जो अलर्ट मैसेज जाता था उसमें हिंदी में लिखा होता था कि आपने भारत के कानून द्वारा प्रतिंबधित सामग्री वाली पोर्नोग्राफी साइटों को देखा है.

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इस मैसेज में जुर्माना के तौर पर 3 हजार रुपये मांगे जाते थे. जिसके साथ फोनपे, पेटीएम, यूपीआई और बैंकों के लिंक होते थे. कुल 20 से ज्यादा बैंक अकाउंट इस मैसेज के साथ लिंक थे जिनमें पैसे मंगाए जाते थे. पुलिस की जांच में पता चला कि 30 लाख रुपये से ज्यादा के ट्रांजैक्शन किए गए हैं. जबकि, असल में किसी भी मंत्रालय या पुलिस की तरफ से इस तरह के अलर्ट मैसेज नहीं भेजे जाते हैं.

इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की तो सभी बैंक अकाउंट भी फर्जी निकले. लेकिन इन पैसों के ट्रांजैक्शन की पूरी डिटेल निकालने के बाद पुलिस को तमिलनाडु से सुराग मिला. इसके बाद पुलिस की एक टीम करीब 7 दिनों तक कई शहरों के चक्कर काटने के बाद तीन आरोपियो को पकड़ने में सफल रही. इनसे पूछताछ करने पर पता चला कि आरोपियों ने फरवरी 2021 से जून महीने तक काफी संख्या में लोगों को ऐसे मैसेज भेजकर ठगी को अंजाम दिया था.

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