PAKISTAN : हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ के विरोध में कराची में लगे 'जय श्रीराम के नारे', मुस्लिम समुदाय के लोग भी समर्थन में आए

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अनिल कुमार की EXCLUSIVE REPORT

PAKISTAN HINDU TEMPLE NEWS : पाकिस्तान में अब अल्पसंख्यक हिंदुओं ने अपने ख़िलाफ़ हो रहे प्रताड़ना के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना शुरू कर दिया है. पिछले दिनों पाकिस्तान के भोंग शरीफ़ इलाक़े में मामूली बात को लेकर एक मंदिर में हुई जमकर तोड़फोड़ से हिंदुओं में काफी नाराजगी है.

इस मामले में प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भी हस्तक्षेप किया था. इसके बाद भी कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सड़क पर उतरे. इन लोगों के हाथों में हिंदू धर्म के प्रतीक के साथ 'जय श्रीराम' के नारे वाले झंडे भी थे.

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बताया जा रहा है कि कराची प्रेस क्लब के बाहर हिंदू, क्रिश्चियन, सिख और पारसी समुदाय के सैकड़ों की संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. ये प्रदर्शन 8 जुलाई को किया गया. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा है कि इस प्रदर्शन में मुस्लिम समुदाय के भी काफी लोग शामिल हुए थे. इन लोगों ने हिंदुओं और अल्पसंख्यक वर्ग के साथ होने वाली ज्यादती को लेकर सहानुभूति जताई.

कराची प्रेस क्लब के बाहर प्रदर्शन

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कराची प्रेस क्लब के बाहर विरोध करने के लिए ये लोग ट्रक में सवार होकर पहुंचे थे. इस दौरान पहले स्पीकर से "ॐ जगदीश हरे" के धुन को बजाया गया. इसके बाद हर-हर महादेव और जय श्री राम के नारे भी लगाए गए. प्रदर्शनकारी अपने हाथों में भगवा झंडा लहराते हुए दिखे. इस झंडे पर जय श्री राम लिखा हुआ था. इसके अलावा काफी संख्या में लोगों ने इंसाफ की मांग उठाई. इसमें लिखा था, We Want Justice.

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8 साल के बच्चे की छोटी सी गलती पर पाकिस्तान के मंदिर में तोड़फोड़, बवाल

मुख्य पुजारी ने की निंदा, बोले मिले कड़ी सज़ा

कराची में विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे लोगों में यहां के प्रसिद्ध प्राचीन हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी श्रीराम नाथ मिश्र महराज भी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि रहीमयार खान में जिस तरह गणेश मंदिर में तोड़फोड़ की गई, उसकी हम सख़्त निंदा करते हैं.

उन्होंने कहा कि जैसे इस्लाम धर्म के ख़िलाफ़ कोई बुरा करता है तो उसे सज़ा ए मौत या उम्रकैद मिलती है, वैसे ही हमारे धर्म के ख़िलाफ़ बुरा-भला करने वालों को सज़ा मिलनी चाहिए.

अभी हाल में हिंदुओं के ख़िलाफ़ पाकिस्तान में जुल्म बढ़ गया है. पहले थारपारकर में अब्दुल सलाम ने हिंदू बच्चों को भला बुरा कहा था. देवी-देवताओं को भी भला बुरा कहा था. लेकिन अब्दुल सलाम को गिरफ्तार करने के बाद अगले दिन ही छोड़ दिया गया था.

पाकिस्तान की किताबों में हिंदू धर्म को आतंक से जोड़ना गलत

मुख्य पुजारी रामनाथ मिश्र ने इस दौरान ये भी कहा कि पाकिस्तान की किताबों में हिंदू धर्म को आतंक से जोड़ा गया है. दरअसल, स्कूल की किताबों में हिंदू धर्म को ऐसा बताया गया है, जिसे पढ़कर अगर कोई आतंकवादी नहीं भी बनना चाहेगा तो वो भी आतंकवादी बन जाएगा.

हम अपील करते हैं कि किताबों में जो हिंदू के खिलाफ लिखा गया, उसे तत्काल से हटाया जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि दोषियों के ख़िलाफ़ सख्त करवाई की जाए.

क्यों पाकिस्तान में हिंदू उतरे सड़क पर कराची में हुआ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन?

जैसे भारत में अमन वैसे ही पाकिस्तान में : मुफ़्ती फैजल

इस प्रदर्शन में कराची के मुफ़्ती फैजल जपनवाला भी शामिल हुए थे. उन्होंने कहा कि मेरा ताल्लुक इस्लाम से है लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि यहां ऐसी बात नहीं करनी चाहिए, जिससे समुदायों के बीच नफरत फ़ैले.

उन्होंने कहा कि आज भी हिंदुस्तान के अंदर मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं. लेकिन हिंदुस्तान में वो सब अमन के साथ रहते हैं. हमारे बहुत सारे रिश्तेदार भारत के अलग-अलग शहरों में रहते हुए काफी खुश हैं. वे कहते हैं कि यहां किसी को किसी से दिक्क्त नहीं है. तो क्या हिंदुस्तान में जैसा है वैसा ही हमारे पाकिस्तान में नहीं हो सकता.

ये था मामला

पाकिस्तान के भोंग शरीफ में ये घटना 4 अगस्त की है. दरअसल, उस दिन 8 साल के एक हिंदू बच्चे को कोर्ट से जमानत मिल गई थी. इस बच्चे को इसलिए पुलिस ने गिरफ्तार किया था क्योंकि उसने एक मदरसे की लाइब्रेरी के पास पेशाब कर दिया था.

लेकिन उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं होने की वजह से उसे कोर्ट से जमानत मिल गई थी. इसी बात से नाराज सैकड़ों लोगों ने भोंग शरीफ के गणेश मंदिर में जमकर तोड़फोड़ की थी. जिसके बाद अल्पसंख्यकों ने विरोध जताना शुरू किया.

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