Moose wala murder Case: अगर ये गैंगस्टर मारा जाता तो सिद्धू मूसेवाला की हत्या न होती!

ADVERTISEMENT

CrimeTak
social share
google news

Moose wala murder: पंजाब के मानसा में सिंगर (Singer) सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose wala) के मर्डर (murder) के सिलसिले में जिस एक कहानी (New Story) ने सबसे ज़्यादा लोगों की जुबान को छुआ, वो क़िस्सा इस शूटआउट (Shootout) के क़िस्से से भी कहीं ज़्यादा रोचक और हैरतअंगेज़ है।

असल में जिस वक़्त सिद्धू मूसेवाला के मर्डर के अलग अलग पहलू खंगाले जा रहे थे तभी ये बात निकल कर सामने आई कि असल में सिद्धू मूसेवाला गैंगस्टर्स के निशाने पर पहला टारगेट था ही नहीं...या यूं कहा जा सकता है कि अभी सिद्धू मूसेवाला की जीवन रेखा छोटी नहीं होने वाली थी, बल्कि उसे तो अभी और जीना था, मगर जिस लॉरेंस बिश्नोई के गैंग पर पंजाबी सिंगर को मौत के घाट उतारने का इल्ज़ाम लग रहा है...

Punjab Police Investigation: असल में उनके निशाने पर तो एक दूसरा गैंगस्टर था...जिसका नाम है अमित डागर। अब ये अमित डागर की क़िस्मत थी या फिर सिद्धू मूसेवाला की बदक़िस्मती कि क़ातिलों को उस टोली को अमित डागर मिला ही नहीं...और वो लोग खाली हाथ नहीं लौटना चाहते थे लिहाजा सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी।

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

ये बात अभी तक क़िस्से और कहानी के तौर पर ही हवा में तैर रही है। इस कहानी में कितना सच है इसका खुलासा तो खुद लॉरेंस बिश्नोई और उसके गैंग को ही करना पड़ेगा, लेकिन इस नए नाम के सामने आने के बाद गैंगस्टरों की इस जमात में एक ज़बरदस्त मोड़ ज़रूर आ गया। क्योंकि सिद्धू मूसेवाला की हत्या के पहलुओं की जांच में लगी पुलिस के लिए अब एक और गैंग रडार पर आ गया है। जिसको फिलहाल नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता।

Moose Wala Murder Story: सबसे गौर करने वाली बात ये है कि सिद्धू मूसेवाला मर्डर के अलग अलग पहलुओं की तलाश में जुटी पंजाब पुलिस ने अमित डागर को भी रिमांड पर ले रखा है और लगातार उससे पूछताछ चल भी रही है। असल में अमित डागर की बात उस वक़्त सामने आई जब पुलिस के हाथ लॉरेंस बिश्नोई के दो खास गुर्गे लगे। असल में वो दोनों शॉर्प शूटर ही थे जो दिल्ली हरियाणा और पंजाब में अमित डागर की परछाई की तलाशकर रहे थे।

ADVERTISEMENT

हुआ यूं कि सिद्धू मूसेवाला मर्डर के मामले में पंजाब पुलिस ने राजस्थान के धौलपुर से लॉरेंस बिश्नोई के दो शूटरों को पकड़ा था। 20 साल का दिनेश उर्फ गंगाराम और संदीप अहीर। दोनों ही इनामी बदमाश भी थे। लेकिन ये लोग अमित डागर और उसके खासमखास गुर्गों को ठिकाने लगाने की फिराक़ में ही थे। लेकिन अमित डागर जब पंजाब में मोहाली पुलिस के कब्ज़े में चला गया तो ये लोग भी भागकर राजस्थान में छुप गए थे। बाद में दोनों एक डकैत रामदत्त ठाकुर के साथ फिरौती वसूलने में लगे हुए थे।

ADVERTISEMENT

Gangsters Story: मगर सिद्धू मर्डर मामले में पुलिस इनके कदमों के निशानों को देखते देखते इन्हें हथकड़ी में जकड़कर ले आई। तब इन दोनों ने पुलिस को ये सच बताया कि असल में लॉरेंस बिश्नोई का असली टारगेट तो अमित डागर है।

सवाल यहीं पर आकर खड़ा होता है कि आखिर ये अमित डागर कौन है...और क्यों लॉरेंस बिश्नोई का गैंग इस गैंगस्टर का काम तमाम कर देना चाहता था...और आखिर कैसे अमित डागर की वजह से सिद्धू मूसेवाला की जिंदगी की लकीर छोटी पड़ गई।

असल में अमित डागर का रिश्ता राजस्थान से ज़्यादा है...जबकि इसका कनेक्शन गुरुग्राम के कौशल चौधरी गिरोह से ज़्यादा है। मगर अमित डागर उस वक़्त सुर्खियों में सबसे ज़्यादा रहा जब इसने लॉरेंस बिश्नोई से ही फिरौती वसूल ली थी।

New Gangster Entry: ये बात जितनी चौंकाने वाली है उससे भी कहीं ज़्यादा हैरान कर देती है। आखिर एक गैंग दूसरे गैंग को ही जान से मारने की धमकी देकर फिरौती वसूल ले। ज़ाहिर है गिरोह की हनक और गिरोह के रुतबे के साथ साथ गिरोह का ख़ौफ़ किसी भी लिहाज से कम नहीं होगा।

अमित डागर और लॉरेंस बिश्नोई के बारे में पुलिस को उनके ही गुर्गों ने सबसे ज़्यादा बताया। हुआ यूं कि अमित डागर कौशल चौधरी के साथ दिल्ली और गुरुग्राम में अपना गैंग चलाता है। लेकिन जब उसने अपना गैंग अलग चलाने का इरादा किया तो उसने किसी और को नहीं बल्कि सीधे तौर पर लॉरेंस बिश्नोई को ही धमकी देकर पांच करोड़ की फिरौती मांग ली।

शुरू शुरू में लॉरेंस बिश्नोई ने अमित डागर की धमकियों को नज़रअंदाज़ कर दिया, ये सोच कर कि अमित डागर केवल धमकाने के लिए ही धमकी दे रहा है...वो करेगा कुछ भी नहीं। लेकिन अमित डागर ने जयपुर के एक बड़े बिल्डर की कंपनी के एक अधिकारी की हत्या करके लॉरेंस को इशारा कर दिया था कि वो जो कहता है वो करता भी है।

Lawrence Bishnoi VS Amit Dagar: जिस बिल्डर के अधिकारी को अमित डागर के गैंग ने मारा उसका सीधा संबंध लॉरेंस बिश्नोई से था। जिसका असर ये हुआ कि लॉरेंस ने पांच करोड़ की फिरौती अमित डागर को देकर अपनी जान को सलामत कर लिया था।

और तभी से लॉरेंस बिश्नोई ने गैंगस्टर अमित डागर से खार खा रखी है।

पुलिस के सूत्रों से पता चला है कि पिछले साल मोहाली में युवा अकाली नेता विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या के बाद से ही अमित डागर और लॉरेंस बिश्नोई के बीच कट्टर दुश्मनी हो गई थी। और 7 अगस्त 2021 को विक्की की हत्या के बाद से ही लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शॉर्प शूटर अमित डागर और उसके साथियों की तलाश में घूम रहे थे।

इसी बीच पुलिस ने अमित डागर और भूप्पी राणा को गिरफ़्तार कर लिया तो लॉरेंस बिश्नोई और उसके गैंग ने अमित डागर पर टारगेट कुछ दिनों के लिए टाल दिया था।

ये वही अमित डागर जिसने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में अपनी जान की सलामती के लिए सुरक्षा बढ़ाने की गुहार लगाई है। क्योंकि सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद से लॉरेंस बिश्नोई और अमित डागर दोनों के एक ही बात का डर सताने लगा है कि इस छानबीन के चक्कर में कहीं उनका सीना छलनी न कर दिया जाए। लिहाजा उसने अदालत से दरख्वास्त की है कि उसे जेल से बाहर ले जाते वक़्त बुलेट प्रूफ जैकेट भी मुहैया करवाई जाए। और जिस गाड़ी में उसे कोर्ट ले जाया जाए वो भी बुलेट प्रूफ होनी चाहिए।

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT