जठेड़ी का नहीं भूत का पीछा कर रही थी पुलिस 30 पुलिसवालों ने पकड़ने के लिए तय किया 10 हज़ार किलोमीटर का सफर

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आखिर कैसे पकड़ा गया कुख्यात गैंगस्टर काला जठेड़ी?

फरवरी 2020 में संदीप काला उर्फ काला झठेड़ी को उस वक्त पुलिस की हिरासत से छुड़ा लिया था जब वो फरीदाबाद में पेशी के बाद वापस गुरुग्राम की भोंडसी जेल जा रहा था। इसके बाद शुरु हुआ जठेड़ी और पुलिस के बीच चूहे बिल्ली का खेल। हरियाणा पुलिस तो जठेड़ी की तलाश कर ही रही थी। सुशील पहलवान कांड के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल भी जठेड़ी के पीछे पड़ गई।

सुशील और जठेड़ी के रिश्ते और उनके गोरखधंधों के बारे में पता लगाने के लिए जरुरी था कि जठेड़ी पकड़ा जाए। पहलवान सागर धनकड़ के कत्ल से जुड़े तमाम सवालों का जवाब भी पुलिस को तभी मिल सकता था जब जठेड़ी उनकी गिरफ्त में आ जाए। सबसे पहले तो पुलिस ने मोबाइल से जठेड़ी को पकड़ने की कोशिश की लेकिन जठेड़ी बेहद शातिर था। उसका मोबाइल नंबर ही सेल को नहीं मिल पा रहा था।

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पुलिस ने 600 शार्प शूटर्स की फ़ौज वाले गैंगस्टर लॉरेंश बिश्नोई को मकोका में गिरफ्तार कर स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस यूनिट ने रिमांड पर लिया। काफी सख्ती से पूछताछ की गई पर विश्नोई ने अपना मुंह नही खोला। तब स्पेशल सेल ने एक चाल चली बिश्नोई की 20 दिन की कस्टडी खत्म होते ही वो जब वापस तिहाड़ जेल में शिफ्ट हुआ तो स्पेशल सेल ने अपने मुखबिरों के जरिये जेल में एक मोबाइल पहुंचाया ये जठेड़ी को गिरफ्तार करने वाले ऑपरेशन का हिस्सा था।

लॉरेंश बिश्नोई के पास जैसे ही जेल में मोबाइल फोन पहुंचा उसने जेल के बाहर अपने गैंग मेंबर को फोन करना शुरू कर दिया । बिश्नोई ने काला गैंग के बेहद करीबियों के जरिये काला से भी जेल के अंदर से ही बात की स्पेशल सेल चाहती भी यही थी बिश्नोई वही गलती कर गया । इसके बाद स्पेशल सेल ने एक महीने तक बिश्नोई के फोन कॉल्स पर नजर रखना शुरू कर दिया।

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फिर वो वक्त भी आया जब तीन बार काला स्पेशल सेल के कब्जे में आते आते रडार से बाहर हो गया। स्पेशल सेल लगातार बिश्नोई के मोबाइल फोन पर नजर बनाई थी तभी जैसे ही उसने फिर काला से जेल के अंदर से बात की। तब तक पुलिस को अंदाजा हो गया था कि काला पश्चिमी यूपी के किसी इलाके में छिपा हुआ है। सहारनपुर के अमानत ढाबे पर काला और रिवाल्वर रानी उर्फ लेडी डॉन अनुराधा को गिरफ्तार कर लिया गया।

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फरार होने के बाद कहां-कहां भागा काला

स्पेशल सेल के मुताबिक साल 2020 फरवरी में फरीदाबाद पुलिस की कस्टडी से फरार होने के बाद काला जठेड़ी

यूपी के मथुरा

राजस्थान

पंजाब

मुंबई

राजस्थान

पंजाब

मध्यप्रदेश

बिहार

नेपाल में छुपता रहा

फरारी के दौरान आनंदपाल के गैंग्स मेंबर और विश्नोई के गुर्गे काला की रुपयो पैसों और रुकने में मदद करते रहे।

काला जठेड़ी को पकड़ने के ऑपरेशन का नाम था OP D-24

काला जेठेडी को पकड़ने के लिए इस ऑपरेशन को दिल्ली पुलिस ने नाम दिया था OP D-24। ये नाम इसीलिए रखा गया था क्योंकि काला जेठेडी स्पेशल सेल से 24 घंटे आगे चल रहा था। वक़्त से तेज दौड़ने के लिए स्पेशल सेल इसी कोड के जरिये एक दूसरे के संपर्क में थी। जैसे जैसे घंटे कम होते वैसे वैसे काला के करीब पहुँच रही थी पुलिस। इसीलिए समय-समय पर कोड D/20/16/12 यानी घंटो के हिसाब से ऑपरेशन के लीड कर एक दूसरे से संपर्क बनाया जा रहा था

भूत के पीछे भाग रही थी पुलिस

सवा साल पहले जठेड़ी पुलिस की कस्टडी से फरार हुआ था। लगभग छह महीने से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल उसे पकड़ने की कोशिश कर रही थी। पुलिस के मुताबिक इस ऑपरेशन में सेल के 30 अधिकारी लगे हुए थे जिन्होंने जठेड़ी को पकड़ने के लिए 10 हज़ार किलोमीटर का सफर तय किया। जठेड़ी को पकड़ने के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस के अधिकारियों का कहना था कि उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा है कि उन्होंने काला जठेड़ी को पकड़ लिया है। उन्हें लग रहा था वो किसी भूत के पीछे भाग रहे हैं जिस पकड़ना नामुमकिन ही लगता है।

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इंटरनेशल गैंगस्टरों के टच में था जठेड़ी

फरारी के दौरान जठेड़ी बैंकॉक, लंदन और कनाडा में बैठे गैंगस्टरों से बातचीत कर रहा था। बैंकॉक में वो काली राणा से बात कर रहा था जबकि लंदन में मोंटी और कनाडा में गोल्डी बरार से उसकी बात हो रही थी। ये सभी गैंगस्टर विदेशों में बैठकर भारत में अपना गैंग ऑपरेट कर रहे हैं। पुलिस अब काला से इन गैंगस्टर और उनके गुर्गों के बारे में भी पूछताछ करेगी।

जठेड़ी के साथ पकड़ी गई अनुराधा को देखकर भौचक्का रह गई पुलिस

जठेड़ी को पकड़ने के लिए जाल बिछा रही स्पेशल सेल को रत्ती भर इस बात का अंदाजा नहीं था उसके साथ उसे राजस्थान की अनुराधा भी मिलेगी। अनुराधा राजस्थान के गैंगस्टर आनंदपाल की गर्लफ्रेंड थी। आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद अनुराधा का भी कोई अतापता नहीं था। उस पर राजस्थान पुलिस की तरफ से दस हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था।

ना जाने कब अनुराधा और जठेड़ी एक दूसरे के करीब आ गए और अनुराधा उर्फ मैडम मिंज उसके साथ रहने लगी। जठेड़ी अनुराधा को रिवॉल्वर रानी कहकर पुकारता है। अनुराधा और काला जेठेडी के पास से जो पहचान पत्र बरामद हुए हैं उनके मुताबिक दोनों ने शादी कर ली थी। इन्होंने अपने नाम पुनीत भल्ला और पूजा भल्ला रखा हुआ था।

पुलिस इन कागजातों को वेरीफाई कर रही है। जिस वक्त पकड़ा गया उस दौरान सिख का भेष रखा हुआ था पगड़ी लगा रखी थी दाढ़ी बढ़ा रखी थी। काला जेठेडी हमेशा कैमरों के ध्यान रखता था, कहीं भी जाता चाहे रेस्तरां हो तो इसकी कोशिश होती थी कि कैमरे के सामने ना आये।

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