जहांगीरपुरी हिंसा के पीछे इस वजह से दिख रहा है PFI का कनेक्शन, साज़िश के मिलने लगे सिरे!

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LATEST CRIME NEWS: 16 अप्रैल 2022 को आखिर कैसे पल भर सुलगने लगी थी दिल्ली। आखिर हनुमान जयंती के रोज़ कैसे मरने-मारने पर उतारू हो गए लोग? आखिर वो कौन से हालात थे जिनमें क़ैद होकर पुलिस के सामने भीड़ बेकाबू हो गई थी, और देखते ही देखते पत्थर बरसने लगे, तलवारें हवा में लहराने लगीं और जहां बोलियां कमज़ोर पड़ती जा रही थीं वहां गोलियां चल गईं।

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ऐसे हर एक सवालों की गहराई में उतर कर उस रोज का पूरा सच सामने लाने के लिए कमर कस चुकी है। लिहाजा अब तक मिले हर एक सबूत खंगाले जा रहे हैं, हर आरोपी के बयान से हिंसा की कड़ियों को जोड़ा जा रहा है। ताकि दिल्ली हिंसा का पूरा सच सामने लाया जा सके और हिंसा के असली गुनहगारों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सके।

गृहमंत्रालय को भेजी रिपोर्ट में साज़िश का ज़िक्र

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JAHANGIRPURI VIOLENCE UPDATE: 16 अप्रैल के बाद पुलिस की जांच में जो बात सामने आई है वो बेहद खतरनाक है। क्योंकि दिल्ली पुलिस की ओर से गृहमंत्रालय को सौंपी गई आरंभिक रिपोर्ट में साफ साफ कहा गया है कि दिल्ली में जो हिंसा हुई, जो अमन को झुलसाया गया वो सब कुछ एक गहरी साज़िश के तहत हुआ है। यानि जहांगीरपुरी में हुई हिंसा अचानक नहीं भड़की बल्कि इसके लिए पूरी प्लानिंग की गई थी जिससे दिल्ली को एक बार फिर दंगों की आग में झोंका जा सके।

दिल्ली पुलिस की तफ़्तीश का एक सिरा दहशतगर्दों के मददगारों की तरफ भी जाता दिखाई देता है। दिल्ली हिंसा का कनेक्शन PFI से भी जुड़ता दिख रहा है। क्योंकि जिस दिन दिल्ली में हिंसा हुई थी, उसी दिन जंतर-मंतर पर SDPI ने प्रदर्शन किया था। इल्ज़ाम यही है कि उस रैली में भड़काऊ भाषण दिए गए थे। उसी शाम जहांगीरपुरी में हिंसा शुरू हो गई। लिहाजा अब पुलिस की क्राइम ब्रांच SDPI के प्रदर्शन के वी़डियो की भी जांच करेगी

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हिंसा में PFI के कनेक्शन से चौंकी दिल्ली पुलिस

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DELHI CRIME UPDATE: दिल्ली हिंसा की जांच अब तक जिस दिशा में बढ रही है उसका दिल्ली दंगों का भी कनेक्शन सामने आ रहा है। दिल्ली दंगों में भी PFI का नाम सामने आया था। लगातार आरोप लगते रहे हैं कि यहां पर बांग्लादेश और रोहिंग्या घुसपैठिए रहते हैं।

2020 में जब नॉर्थ-ईस्ट में दंगा हुआ था तो दिल्ली पुलिस ने बाकायदा चार्जशीट में इस बात का ज़िक्र किया है कि यहां से तकरीबन 300 बांग्लादेशी महिलाएं जाफराबाद-शाहीनबाग इलाके में गई थीं और सीलमपुर में पथराव भी किया था। जांच में ये भी बात सामने आई है कि जहांगीरपुरी की हिंसा का मास्टरमाइंड अंसार ही इस हिंसा की सबसे अहम कड़ी साबित हो रहा है।

क्योंकि सूत्रों की माने तो हनुमान जयंती के दिन जहांगीरपुरी में शोभायात्रा जैसे ही मस्जिद के पास पहुंची, मुख्य आरोपी अंसार के पास एक फोन आया। उस फोन के आने के बाद ही मामला भड़क गया। हालांकि पुलिस इस फोन वाली थ्योरी की पुष्टि अभी नहीं कर पा रही है । क्योंकि अभी इस थ्योरी के लिए ज़रूरी कड़ियां बिखरी हुई हैं।

16 अप्रैल को जहांगीरपुरी इलाक़े में हुई पत्थरबाजी की घटना से पुलिस पूरी तरह चौकन्नी है। इसीलिए चौबीसों घंटे ना सिर्फ जहांगीरपुरी पर नजर रखी जा रही है बल्कि दिल्ली के बाकी ऐसे इलाके भी पुलिस के रडार पर हैं जहां से निकली एक चिंगारी पूरी दिल्ली के अमन-चैन को बिगाड़ सकती है।

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