DELHI MURDER: एक नाबालिग की जान की क़ीमत सिर्फ 10 रुपये, इसलिए मार दिया चाकू

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Delhi Murder Story: एक जान की क़ीमत क्या हो सकती है? ये सवाल जितना अटपटा है...उससे भी कहीं ज्यादा हैरतअंगेज है। लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में हत्या का एक ऐसा वाकया सामने आया है जिसके बाद हर कोई इसी बात को लेकर पशोपेश में है।

दिल्ली में एक दस रुपये की सिगरेट के लिए दिनदहाड़े एक नाबालिग लड़के को चाकू से गोदकर मार डाला गया। हत्या की ये वारदात राजधानी दिल्ली के आनंद पर्वत इलाक़े में सोमवार को हुई मगर हत्या का पता मंगलवार को तब चला जब नाबालिग लड़के का शव बरामद हुआ। पुलिस ने इस हत्या के सिलसिले में चार लोगों को गिरफ़्तार भी कर लिया।

दिल्ली पुलिस के सेंट्र डिस्ट्रिक्ट को मंगलवार की सुबह एक खबर मिली कि आनंद पर्वत के रामजस स्कूल के पास एक लड़के की लाश पड़ी है। मौके पर पहुँची पुलिस ने शुरुआती तफ़्तीश में पाया कि लड़के की चाकू मारकर हत्या की गई थी। लड़के के पेट में चाकू के कई निशान थे। मरने वाले लड़के की पहचान विजय कुमार के तौर पर हुई।

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Latest Crime Delhi: अब पुलिस के सामने एक लाश थी और कुछ लोगों के मुंह से सुनी सुनाई कहानी। लेकिन पुलिस ने तब उस इलाक़े में आस पास के मकानों और दुकानों में लगे CCTV के फुटेज खंगालने शुरू किए। सीसीटीवी की तस्वीरों के जरिए पुलिस ने उन लोगों तक पहुँचने में कामयाबी हासिल कर ली, जिन्होंने लाश को उस जगह फेंका था।

हत्या के इल्ज़ाम में चार लोगों गिरफ़्तार करने के बाद पुलिस ने जब कहानी सुनी तो खुद चौंक गई। सेंट्रल दिल्ली पुलिस की DCP के मुताबिक दरअसल 20 साल के प्रवीन, 24 साल का जतिन, 23 साल का अजय और 20 साल का सोनू ने विजय नाम के नाबालिग लड़के को सिगरेट लाने के लिए भेजा था। विजय जब सिगरेट लेकर आया तो उसने सोनू से सिगरेट के दस रुपये वापस मांगे। इस पर सोनू और उसके साथी भड़क गए और पहले तो उन लोगों ने विजय के साथ मार पिटाई की और फिर विजय पर चाकू से ताबड़तोड़ हमले कर दिए। जिससे विजय की मौके पर ही मौत हो गई।

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CRIME NEWS RAJDHANI: पुलिस ने चारो आरोपियों को गिरफ़्तार करके जेल भिजवा दिया है। बकौल पुलिस पकड़े गए चार आरोपियों में से एक ड्राइवर का काम करता है जबकि सोनू खुद टेलर मास्टर है, एक मजदूर है और एक सेल्स मैन का काम करता है।

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दिल्ली में इस तरह के क्राइम का ग्राफ बहुत तेजी से ऊपर गया है। पुलिस के दिए गए आंकड़े गवाह है कि बीते दस सालों में देश की राजधानी दिल्ली में गुस्से में आकर गुनाह करने के मामले में 200 फीसदी से ज़्यादा की बढ़ोतरी देखी गई। 2011 में इस तरह के कुल 53 हज़ार मामले दर्ज हुएथे जबकि 2021 में ये आंकड़ा बढ़कर एक लाख 75 हज़ार की गिनती को पार कर गया।

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