EXCLUSIVE : अंकित गुर्जर ने जेल डिप्टी सुपरिटेंडेंट को जड़ा था थप्पड़, तो 30-35 जेल स्टाफ ने पीट-पीटकर उसे मार डाला : कैदी का सनसनीखेज दावा

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अंकित गुर्जर की मौत, साजिश या गैंगवॉर : दिल्ली के तिहाड़ जेल में गैंगस्टर अंकित गुर्जर की मौत के मामले में नया मोड़ आया है. अभी तक ये दावा किया गया था कि जेल में ही गैंगवॉर में उसकी पीट-पीटकर हत्या हुई थी. लेकिन घटना वाले दिन ही जेल से बाहर आए एक कैदी गौरव ने चौंकाने वाला खुलासा किया है.

उसने एक वीडियो में दावा किया है कि 3 अगस्त को जेल में ही गैंगस्टर अंकित गुर्जर के पास से मोबाइल फोन मिला था. दरअसल, ये बात उस समय सामने आई जब जेल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट नरेंद्र मीणा सर्च ऑपरेशन चला रहे थे.

फोन मिलने पर पुलिस अधिकारी ने अंकित को थप्पड़ मारा था. इसके बाद अंकित ने भी जवाबी हमला किया और पुलिस अधिकारी को ही तमाचा जड़ दिया था. अंकित गुर्जर की इस हरकत के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया.

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अंकित को जब पीटा गया तब मैं था : कैदी गौरव

कैदी ने दावा किया कि जब ये सबकुछ हो रहा था तो मैं भी वहीं मौजूद था. अंकित के थप्पड़ मारने के बाद पुलिस अधिकारी नरेंद्र मीणा गुस्से में चले गए थे. कुछ देर बाद ही तिहाड़ जेल की सुरक्षा में तैनात रहने वाले 30-35 जवान वहां पहुंचे. इनके साथ डिप्टी सुपरिटेंडेंट भी थे. इसके बाद सभी ने मिलकर बैरक में ही अंकित गुर्जर पर लाठी-चार्ज कर दिया था. इस पिटाई में अंकित बुरी तरह से लहूलुहान हो गया.

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वो बेहोशी की हालत में चला गया जिसके बाद उसे जेल के अस्पताल में भर्ती कराया गया. कैदी ने दावा किया है कि अंकित की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे डीडीयू अस्पताल के लिए रेफर किया था. लेकिन जेल प्रशासन ने बाहर नहीं भेजा और अंदर ही लॉक कर दिया था. उसके बाद क्या हुआ मुझे पता नहीं.

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अंकित के शरीर पर मिले चोट के गंभीर निशान

कैदी गौरव के दावे की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. हालांकि, दिल्ली के हरि नगर थाना पुलिस ने उसका बयान दर्ज किया है. पुलिस पूरे मामले की जांच भी कर रही है. अब जांच के बाद ही इसकी आधिकारिक पुष्टि हो पाएगी.

लेकिन अंकित गुर्जर के शरीर पर जिस तरह से चोट के निशान मिले हैं उससे ये लग रहा है कि अंकित की बुरे तरीके से पिटाई की गई थी. जिस तरह से जेल प्रशासन ने दावा किया था 4 अगस्त की सुबह अंकित गुर्जर के बैरक में दो अन्य कैदियों के साथ लड़ाई की जानकारी मिली थी.

जिसमें अंकित की मौत होने का दावा किया गया था. उससे ये सवाल जरूर उठता है कि सिर्फ दो कैदी मिलकर क्या अंकित गुर्जर की इतनी बुरी तरह से पिटाई कर सकते थे जिसकी उसकी मौत हो जाए? हालांकि, अंकित की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और मैजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट का अभी इंतजार है. इस रिपोर्ट के बाद ही असली सच सामने आ सकेगा.

सवालों के घेरे में तिहाड़ जेल प्रशासन

  • अंकित को सिर्फ दो कैदियों ने मिलकर मारा तो चोट के इतने गंभीर निशान कैसे?

  • अंकित के पूरे शरीर पर गंभीर चोट के निशान हैं, आंखें पूरी तरह से सूजी हुई हैं

  • 3 अगस्त को जेल से बाहर आए कैदी के पास उस दिन की कॉल रिकॉर्डिंग भी है

  • जेल प्रशासन का दावा है कि अंकित की मौत की जानकारी 4 अगस्त की सुबह मिली

  • ऐसे में सवाल है कि 3 अगस्त की रात में ही कैदी ने परिजनों को कैसे जानकारी दे दी?

  • अंकित खुद कई मर्डर कर चुका था, ऐसे में सिर्फ दो कैदियों ने कैसे मार डाला?

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कैदी का दावा : 3 अगस्त को जेल से आते ही अंकित के घरवालों को बताया था

अंकित गुर्जर पर जानबूझ कर जानलेवा हमले का दावा करने वाला कैदी गौरव वर्ष 2017 से तिहाड़ जेल में बंद था. 3 अगस्त की रात करीब 9:30 बजे वो परोल पर जेल से बाहर आया था. गौरव ने दावा किया कि जेल से बाहर आने के बाद उसने अपने पिता के फोन से अंकित के घरवालों को इस घटना की जानकारी दी थी. उसने ये बताया था कि जेल प्रशासन द्वारा अंकित की जमकर पिटाई की गई है. इसके बाद ही परिवारवालों ने इस घटना को लेकर हत्या का आरोप लगा रहे हैं.

जेल प्रशासन ने ये किया था दावा

4 अगस्त को तिहाड़ जेल प्रशासन ने दावा किया था कि 29 वर्षीय अंकित गुर्जर अपनी कोठरी में मृत मिला था. जेल की इस कोठरी में उसके साथ बंद दो अन्य कैदी घायल मिले थे. पुलिस ने शक जताया था कि उन्हीं दोनों कैदियों से आपसी झगड़े में अंकित गुर्जर की जान चली गई. इस घटना में घायल कैदी गुरजीत सिंह (22) और उसके भाई गुरप्रीत को जेल प्रशासन ने दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया था.

अंकित पर सवा लाख रुपये का था इनाम

गैंगस्टर अंकित गुर्जर पर यूपी, दिल्ली समेत कई राज्यों में दर्जनों मामले दर्ज थे. उत्तर प्रदेश पुलिस ने अंकित गुर्जर पर सवा लाख रुपये का इनाम भी रखा था. वहीं, दिल्ली पुलिस ने अंकित गुर्जर पर 25 हजार रुपये का इनाम रखा था.

दिल्‍ली पुलिस की स्‍पेशल सेल ने मकोका के तहत दर्ज मामलों में पिछले साल मई 2020 में अंकित को गिरफ्तार किया था. उस पर हत्या के 8 से अधिक मामलों के अलावा रंगदारी, हत्या का प्रयास, अपहरण सहित 2 दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज थे.

वहीं, इस बारे में सवाल पूछे जाने पर तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल ने कहा कि यही आरोप तो परिवारवाले भी लगा रहे हैं. लिहाजा, इन्हीं आरोपों की जांच हो रही है. डॉक्टर भी अपनी जांच रिपोर्ट देंगे. उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है. जहां तक कैदी के दावा करने की बात है तो वो 3 तारीख को छूटा होगा. वो कैदी है और कुछ बोला होगा.

जेल नंबर-3 से 5 स्टाफ को हटाया गया

इस बीच, ये भी जानकारी मिली है कि जिस जेल नंबर-3 में अंकित गुर्जर की मौत हुई थी वहां तैनात 5 जेल स्टाफ को हटा दिया गया है. यहां से हटाए जाने में जेल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट भी शामिल हैं. हालांकि, इस बारे में जेल के डीजी ने बताया कि परिवार ने इन पर आरोप लगाया है और साथ ही इन लोगों की वहां ड्यूटी भी थी. अब इनके खिलाफ जांच भी हो रही है. इसलिए इन्हें हटाया गया है.

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