Shraddha Murder Case: क्या है आफताब का 'तोष का तिलिस्म'? मर्डर मिस्ट्री का ये है रिश्ता!

GOPAL SHUKLA

21 Nov 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:30 PM)

Shraddha Murder : श्रद्धा मर्डर केस में पुलिस के सामने अब तोष का तिलिस्म आकर खड़ा हो गया है, क्योंकि नशेड़ियों के अड्डे के तौर पर बदनाम कसोल के पास के इस गांव तक में आफताब के कदमों के निशान मिले हैं।

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Shraddha Murder latest Update Today : श्रद्धा मर्डर केस में हर रोज हो रहे नए नए खुलासे इस मामले को सुलझाते सुलझाते अब उलझाने भी लगे हैं...और सवालों की ऐसी गिरह तैयार होने लगी है जो इस मर्डर केस (Murder Case) को मिस्ट्री (Mystery) में तब्दील करने लगे हैं। हालांकि ये भी सही है कि जितने सवालों के जवाब हासिल हो जाएंगे कत्ल का ये केस उतना ही सही ढंग से साफ नज़र आने लगेगा..मगर एक सवाल जरूर ज़ेहन में उठ खड़ा होता है कि आखिर कब तक।

वैसे देखा जाए तो श्रद्धा मर्डर केस अब दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के लिए उसकी इज्जत का सवाल भी बन चुका है तभी तो उसने अब अपनी जांच का दायरा और आगे बढ़ाते हुए पांच राज्यों (Five State) की हद तक पहुँचा दिया है।

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जिन जगहों तक जांच पहुँची...उनका कहीं न कहीं कोई न कोई कनेक्शन श्रद्धा और आफताब (Aaftab) से जाकर मिलता है, लेकिन जिस एक जगह को लेकर सबसे ज़्यादा बात हो रही है वो है तोश की...

Mehrauli Murder Update Today : सवाल उठता है कि ये तोष है कहां, और इसका क्या तिलिस्म है। और आफताब का तोश के साथ प्रत्यक्ष या परोक्ष कैसा रिश्ता है।

असल में तोष गांव हिमाचल प्रदेश में कसौल से 20 किलोमीटर दूर है। जबकि मणिकर्ण गुरुद्वारा करीब तीन किलोमीटर दूर हैं और इस हिस्से में आने वाले लोग इस गुरुद्वारे तक जरूर जाना चाहते हैं।

गर्मियों के दिनों में जो सैलानी खीरगंगा तक जाते हैं वो इस गांव तक ट्रैकिंग करके पहुँचते हैं और फिर रात में अक्सर वहीं रुक जाते हैं। गांव के लोगों ने वहां अपने अपने घरों को गेस्ट हाउस टाइप का बना लिया है...जिसकी वजह से लोग मामूली सी रकम देकर बिलकुल कुदरती माहौल में वहां रहते हैं और फिर अगले रोज वहां से आगे बढ़ जाते हैं।

बताया जाता है कि यहां से मलाना गांव की दूरी महज 10 किलोमीटर है। ये वही मलाना गांव है जहां की चरस दुनिया भर के नशेड़ियों की पहली पसंद कहलाती है। और ये भी देखा गया है कि कसोल आने वाले नशे के प्रेमी सैलानियों की पहली पसंद मलाना की चरस ही होती है। और इसके लिए वो लोग तोष गांव से होते हुए खीरगंगा और उसके आगे तक भी चले जाते हैं।

दिल्ली पुलिस के सामने जब आफताब ने ये बात कुबूल की कि वो श्रद्धा के साथ हिमाचल में कसोल और तोष गया था..तो पुलिस ने अब यहां की गर्द को खंगालने का इरादा किया है। गरज बस इतनी कि पुलिस के हाथ इस मर्डर केस की बिखरी हुई कड़ियों को जोड़ने वाला कोई सुराग़ मिल जाए।

इसी बीच पुलिस को इस बात की कहीं से भनक लगी है कि आफताब का किसी ड्रग सिंडीकेट्स के साथ कोई रिश्ता हो सकता है। लिहाजा पुलिस उसी तार का सिरा ढूंढने की गरज से तोष तक पहुँची है।

Shraddha Murder Case: असल में पुलिस को इस बात का पता है कि आफताब को गांजा पीने की लत थी। और पुलिस की तफ्तीश में उसने खुद ये बात कुबूल भी की है। आफताब ने पुलिस के सामने इस बात को भी माना है कि इसी साल मार्च और अप्रैल के महीने में वो हिमाचल प्रदेश मौज मस्ती के लिए गया था। खासतौर पर उसने कसोल का ही नाम लिया।

कसोल का नाम सुनते ही पुलिस के भी कान खड़े हो गए क्योंकि हिमाचल प्रदेश में मिनी इजराइल के नाम से मशहूर कसोल का जिस चीज की वजह से पूरी दुनिया में नाम है वो है वहां मिलने वाली ग्रास यानी मारिजुयाना और चरस।

ज़ाहिर है कि जिस शख्स को ड्रग्स की लत है और वो ऐसी जगह पर भी जा रहा है जहां ड्रग्स बहुत आसानी से उपलब्ध है तो इस बात को समझने में किसी को भी देर नहीं लगेगी कि वहां तक पहुँचने का उसका असली मकसद क्या हो सकता है।

अब सवाल यही है कि अगर आफताब कसोल श्रद्धा के साथ गया था तो क्या वहां ड्रग्स को लेकर श्रद्धा के साथ कोई झगड़ा नहीं हुआ था। जिसका जिक्र उसने अपने कबूलनामें में पुलिस के सामने किया था कि ड्रग्स को लेकर ही उसका झगड़ा हुआ था। और गांजे के नशे में उसने मर्डर कर दिया।

पुलिस अब कसोल और तोष में बिखरे सुरागों और सबूतों के साथ साथ आफताब का ड्रग्स सिंडीकेट के साथ रिश्तों को लेकर भी तफ्तीश कर रही है। शायद कोई लिंक नज़र आ जाए और देखते ही देखते जिस आंखों पर बंधी पट्टी एक ही झटके में खुल जाए।

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