UP ELECTION' 22: चुनाव मैदान में उतरी इन महिलाओं को 'गन' बहुत पसंद है

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बंदूक का शौक, दबंग की हैसियत

UP ELECTION 2022: पश्चिम से लेकर पूरब तक बढ़ते UP ELECTION में कई ऐसी नेत्रियां भी चुनाव के मैदान में अपनी क़िस्मत आज़माने उतरी हैं, जिनकी दबंगई के क़िस्सों को सुनकर शायद मर्द भी शरमा जाएं। हमने छांटकर उन महिला उम्मीदवारों को इस फेहरिस्त के लिए चुना है, जिन्हें दौलत का नशा है तो ज़ेवरों से बेहद प्यार।

जितना उन्हें गहनों से लगाव है, उतना ही तेज़ तर्रार और ऊंची सीट वाली बड़ी और मज़बूत गाड़ियों से मोहब्बत। हाथ में पिस्तौल, दुनाली या राइफल देखकर अच्छे अच्छों का ये गुमान टूट जाता है कि लड़कियों की कलाई तो नाज़ुक होती है। मौत के इन सामानों को अपने पास रखने में न तो उन्हें कोई गुरेज, और न ही कोई शर्म। वो बड़े प्यार से अपने पास रखती हैं, बाक़ायदा सरकार से इज़ाज़त लेकर। यानी उनके पास असलहों के लाइसेंस भी हैं।

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चुनावी चौधराइनों की लंबी लिस्ट

UP ELECTION 2022: यूं तो ऐसी दबंग चुनावी चौधराइनों की फेहरिस्त बहुत लंबी है। मगर हम यहां कुछ ऐसी महिला उम्मीदवारों का ज़िक्र करेंगे जिसका नाम इलाक़े में लेने से पहले लोग इज़्ज़त की आरती उतारना शुरू कर देते हैं। लखनऊ से सटे मोहनलाल गंज में समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार हैं सुशीला सरोज।

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सुशीला सरोज सांसद भी रह चुकी हैं। लेकिन इस बार उत्तर प्रदेश के चुनाव में वो समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार के तौर पर मोहनलालगंज की सीट से अपनी क़िस्मत आज़माने उतरी हैं। लेकिन चौधराइन बनने के लिए सिर्फ चुनाव लड़ना या जीतना ही ज़रूरी नहीं।

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तीन तीन लाइसेंस की मल्लिका

UP ELECTION 2022: उसके लिए कुछ एक्स्ट्रा क्वालीफिकेशन की ज़रूरत पड़ती है, जो सुशीला सरोज के पास पहले से ही मौजूद है। सुशीला सरोज के पास तीन तीन हथियारों के लाइसेंस हैं। सुशीला सरोज ने तो बाक़ायदा अपने शपथ पत्र में इस बात की घोषणा तक की थी कि उनका रिवॉल्वर तो सांसद कोटे से साल 2000 में जारी हुआ था। जबकि उनके खाते में एक दोनाली बंदूक और एक राइफल पहले से ही दर्ज है।

उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में मौजूद सिद्धार्थ नगर की एक विधानसभा सीट है डुमरिया गंज। इस डुमरियागंज से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार हैं सैयदा ख़ातून। सैयदा ख़ातून की खूबी यही है कि बड़े ही शराफ़त भरे अंदाज़ में अपनी चौधराहट दिखा देती हैं।

हाथ में रिवॉल्वर, जुबां पर प्यार

UP ELECTION 2022: पूरे तहज़ीब और तमीज़ से बात करते हुए भी जब कभी कोई रिवॉल्वर का ज़िक्र छेड़ भर दे फिर वो अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर का क़िस्सा ठंडे अंदाज़ में इस क़दर बता देती हैं कि कोई सुनकर सिहर उठे। उनके ठंडे स्वरों में लोगों को ज़बरदस्त गर्मी का अहसास होता है।

इसी सीट पर समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार सैयदा ख़ातून के ख़िलाफ़ चुनाव के मैदान में उतरीं भारतीय जनता पार्टी की अलका राय भी किसी से भी किसी लिहाज से कमज़ोर नहीं हैं। रिवॉल्वर और पिस्टल उनके पास भी है। और वो भी लाइसेंसी।

एक बार कमिटमेंट कर दी तो कर दी

UP ELECTION 2022:इलाक़े में उनका रूतबा पहले से ही क़ायम है। उनके पति कृष्णानंद राय को कौन नहीं जानता, जिनकी मुख़्तार अंसारी के साथ जानी दुश्मनी सारे जग में जानी जाती थी। ये दुश्मनी इतनी कट्टर थी कि जब कृष्णानंद राय विधायक थे तभी मुख्तार अंसारी गैंग ने घात लगाकर ग़ाज़ीपुर के पास एक गांव के नज़दीक बीच सड़क में गोलियों से छलनी कर दिया था।

अपने सादे लिबास और शांत लहजे के लिए पूरे इलाक़े में मशहूर अलका राय के बारे में यही कहा जाता है कि अगर उन्होंने किसी से काम का वायदा कर दिया तो फिर वो अपनी बात से कभी पलटती नहीं हैं।

दबंगई की दौलत, इज़्ज़त बा-बदौलत

UP ELECTION 2022: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की एक विधानसभा सीट है मेजा विधानसभा सीट। यहां से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार हैं नीलम करवरिया। नीलम करवरिया मौजूदा विधायक भी हैं। लेकिन बतौर विधायक बाद में पहले उन्हें उनके पति और उनकी दबंगई की बदौलत ज़्यादा इज़्जत मिलती है।

नीलम करवरिया उदयभान करवरिया की पत्नी हैं। और उदयभान इस वक़्त हत्या के एक मामले में जेल में बंद हैं। नीलम करवरिया विधायक तो हैं ही, इलाक़े में उनके नाम का सिक्का भी चलता है। रिवॉल्वर ये भी रखती हैं। बंदूर और रायफल रखने वाले अपने खानदान की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए वो दहलीज़ लांघकर सियासत के मैदान में उतर आई हैं।

ये किसी दबंग से कम नहीं

UP ELECTION 2022: प्रतापपुर से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी हैं विजमा यादव। विधायक रह चुकीं विजमा यादव जेल भी जा चुकी हैं। यानी चुनाव की चौधराइन बनने के सारे गुण उनमें शामिल हैं। उनके ख़िलाफ़ दंगा भड़काने का संगीन इल्ज़ाम भी लगा था और स्पेशल कोर्ट में उनके ख़िलाफ मुकदमा भी चला। लेकिन ख़ास बात ये है कि कई लोगों के साथ उनकी अदावत है।

लिहाजा अपनी जान की हिफाजत करने के लिए सरकार की तरफ से उन्हें रिवॉल्वर का लाइसेंस भी मिला हुआ है। जबकि सोरांव से बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी गीता देवी भी किसी से कम नहीं हैं। उनके पास तो दो दो लाइसेंसी बंदूक और रायफल हैं।

गोरी कलाइयों ने थामा पौने दो लाख का 'घोड़ा'

UP ELECTION 2022: रामपुर ख़ास से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने उतरीं आराधना मिश्र उर्फ़ मोना के पास गाड़ी भले ही नहीं है, मगर पौने दो लाख की क़ीमत का ‘घोड़ा’ है। वो फिल्मी घोड़ा जिसे आम बोलचाल में पिस्तौल भी कहा जाता है।

जबकि कासगंज से पटियाली सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली नादिरा सुल्तान के पास भी दो दो आर्म्स लाइसेंस हैं। एक बंदूक का और दूसरा राइफल का। खुद नादिरा को राइफल चलाना बहुत पसंद भी है।

पश्चिम उत्तर प्रदेश में चुनाव के मैदान में पूरी ठसक के साथ अपने इलेक्शन लड़ने वाली बहुजन समाज पार्टी की रुचि वीरा के पास तीन तीन असलहे और तीन तीन लाइसेंस हैं। वो बंदूक भी रखती हैं, दुनाली भी है और रिवॉल्वर भी। लेकिन रिवॉल्वर लेकर चलना उनका शौक है।

ज़ाहिर है कि असलाहा थामने वाले हाथों को कमज़ोर समझने की भूल शायद ही कोई कर सके।

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