पेगासस के ज़रिए जासूसी कराने वाली कंपनी हुई ब्लैक लिस्ट!
pegasus maker blacklist in america
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जासूसी करने के लिए सॉफ्टवेयर बनाने वालीं दो इज़राइली कंपनियों पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिया है, पेगासस जासूसी कांड के कारण विवाद में आए एनएसओ ग्रुप के अलावा कैंडिरू को भी ब्लैक लिस्ट किया गया है। अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि ये कंपनियां विभिन्न सरकारों को जासूसी सॉफ्टवेर बेचती हैं जिसका इस्तेमाल नेताओं, पत्रकारों और अन्य लोगों की जासूसी के लिए किया गया। इसके अलावा रूस की पॉजीटिव टेक्नोलॉजी और सिंगापुर की कंप्यूटर सिक्यॉरिटी इनिशिएटिव कंसल्टेंसी पीटीई लिमिटेड को भी ब्लैकलिस्ट में डाला गया है। अमेरिका के मुताबिक इन कंपनियों ने ऐसे सॉफ्टवेयर्स की तस्करी की जिनके जरिए कंप्यूटर नेटवर्क में अनधिकृत रूप से घुसा जा सकता है।
किसी कंपनी को ब्लैकलिस्ट में डाले जाने का मतलब है कि वो अमेरिका के सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े हितों के विपरीत काम कर रही थी, इस सूची में शामिल कंपनियों के साथ अमेरिकी कंपनियां कारोबार नहीं कर सकतीं। यानी अब अमेरिकी सुरक्षा तकनीक आदि में शोध करने वाले इन कंपनियों को सूचनाएं नहीं बेच पाएंगे। अगर कोई अमेरिकी कंपनी इस सूची की कंपनी के साथ कारोबार करना भी चाहती है तो उसे पहले सरकार से इजाजत लेनी होगी, जिसके मिलने की संभावना ना के बराबर है।
आपको बता दें कि इज़राइली कंपनी एनएसओ ग्रुप और कैंडिरू पर तानाशाही सरकारों को हैकिंग टूल बेचेने के आरोप लगते रहे हैं, भारत में भी मौजूदा सरकार पर ऐसे आरोप लगे हैं। हालांकि एनएसओ का कहना है कि वो इंटेलिजेंस और सुरक्षा एजेंसियों को ही अपने सॉफ्टवेयर बेचती है, जो अपराधियों और आतंकवादियों को रोकने का काम करती हैं। एनएसओ को निर्यात के लिए लाइसेंस देने वाले इज़राइल के रक्षा मंत्रालय ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
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भारत में भी सरकार पर पेगासस सॉफ्टवेयर के ज़रिए जासूसी करने के आरोप लगे हैं, मीडिया संस्थान द वायर ने लिखा कि इस जांच के तहत कुछ फोनों की फॉरेंसिक जांच की गई जिससे "ऐसे स्पष्ट संकेत मिले कि 37 मोबाइलों को पेगासस ने निशाना बनाया, जिनमें 10 भारतीय थे। इज़राइल की निगरानी रखने वाली तकनीक के जरिए भारत के तीन सौ से भी ज्यादा लोगों के मोबाइल नंबरों की जासूसी की गई, जिनमें देश के मंत्रियों और विपक्ष के नेताओं से लेकर पत्रकार, जाने-माने वकील, उद्योगपति, सरकारी अधिकारी, वैज्ञानिक, मानवाधिकार कार्यकर्ता आदि शामिल हैं। इज़राइल की कंपनी एनएसओ ग्रुप पेगासस सॉफ्टवेयर बेचता है।
द वायर के मुताबिक कंपनी का कहना है कि उसके ग्राहकों में सिर्फ सरकारें शामिल हैं, जिनकी संख्या 36 मानी जाती है, हालांकि कंपनी ने ये नहीं बताया है कि कौन कौन से देशों की सरकारें उसके ग्राहक हैं लेकिन द वायर लिखता है कि कम से कम ये संभावना तो खत्म हो जाती है कि भारत में या बाहर की कोई निजी संस्था इस जासूसी के लिए जिम्मेदार है।
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