DRISHYAM से भी धांसू फिल्में देख, मां-बेटी की हत्या की, घर में दफ़नाया, लेकिन एक SMS से खुल गया राज़, पढ़िए रियल क्राइम स्टोरी

ADVERTISEMENT

CrimeTak
social share
google news

क्राइम की ये सस्पेंस-थ्रिलर रियल कहानी उत्तर प्रदेश के मेरठ की है. तारीख़ 14 जुलाई 2020. जगह मेरठ एसएसपी का दफ्तर. वैसे तो हर फरियादी परेशान होते हैं. लेकिन यहां आई एक लड़की की नाराजगी कुछ ज्यादा थी. वो तुरंत एसएसपी से मिलना चाहती थी. आखिर उस लड़की का नंबर आता है. फिर उसकी एसएसपी से मुलाकात होती है. नाराज लहज़े में लड़की कहती है, सर अब आप ही हमारी दोस्त प्रिया की तलाश करा सकते हैं.

आख़िरी उम्मीद आपसे ही है. क्योंकि आपकी पुलिस ने तो हमें थाने से ही भगा दिया. कोरे कागज पर ये लिखवा भी लिया कि हम इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं चाहते. लेकिन हकीकत में हम मरते दम तक अपनी दोस्त और मासूम बेटी की तलाश करेंगे. अब पुलिस चाहे तो साथ दे या ना दे.

उस लड़की की ये बातें सुनकर एसएसपी भी दंग रह गए. उन्होंने तुरंत ये भांप लिया कि मामला गंभीर है. और ये सोचकर परेशान भी हुए कि हमारी पुलिस ने इसे गंभीरता से क्यों नहीं लिया. ख़ैर, एसएसपी ने उस लड़की का नाम पूछते हुए कहा कि पूरा मामला क्या है. लड़की बताती है. मेरा नाम चंचल चौधरी है. वैसे तो मैं मोदीनगर की हूं. लेकिन ये मामला मेरठ के परतापुर थाने का है.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

फिर चंचल चौधरी पूरी कहानी बताती है. वो कहती है कि मेरी सबसे करीबी दोस्त प्रिया और उसकी 11 साल की बेटी पिछले तीन महीने से लापता है. जिस तरीके से दोनों गायब हैं, उससे मुझे बड़ी अनहोनी की आशंका है. प्रिया से फोन पर 28 मार्च को आखिरी बात हुई थी. उसके बाद से बात नहीं हो पा रही है. बस, उसकी बेटी के नाम से कुछ SMS जरूर आए.

इस बारे में धोखा देकर शादी करने वाले उसके पति शमशाद से पूछती हूं तो वो ठीक से बात नहीं करता है. हमेशा बहाने बनाता है. कभी कहता है कि वो नाराज होकर चली गई है. तो कभी कहता है कि वो बात नहीं करना चाहती है. इसलिए मुझे पक्का यक़ीन हो गया है कि शमशाद ने ही दोनों को कहीं गायब कर दिया है. वो मेरी दोस्त के नाम पर रजिस्टर्ड फ्लैट को भी बेच चुका है.

ADVERTISEMENT

इस बारे में शिकायत लेकर तीन महीने से परतापुर थाने का चक्कर काट रही हूं लेकिन पुलिस सुनवाई नहीं कर रही है. शिकायत सुनना तो दूर मुझे थाने से भगा दिया गया. कुछ दिन पहले शिकायत लेकर गई तो मुझे धमकी देकर कागज पर लिखवाया कि आगे मैं कोई कार्रवाई नहीं चाहती. अब आप बताइए मैं क्या करूं.

ADVERTISEMENT

SSP ने तुरंत थाना प्रभारी से पूछा सवाल, मिला चौंकाने वाला जवाब

इस पूरे मामले पर एसएसपी ने तुरंत परतापुर के थाना प्रभारी को फोन किया. प्रिया केस की पूरी डिटेल मांगी. थाना प्रभारी ने जवाब दिया, सर ये मामला लव जेहाद का है. लड़की प्रिया गाजियाबाद के लोनी की रहने वाली है. उसकी 11 साल की बेटी भी है. बच्ची का नाम वंशिका उर्फ कशिश है. 10 साल पहले प्रिया का तलाक हो गया था.

तलाक के बाद फेसबुक पर उसकी दोस्ती मेरठ में रहने वाले अमित गुर्जर से हुई थी. दोनों मेरठ में ही लिव-इन-रिलेशन में रहने लगे थे. फिर शादी भी कर ली थी. लेकिन शादी के 5 साल बाद प्रिया को पता चला कि उसका पति हिंदू नहीं बल्कि मुसलमान है. उसका असली नाम शमशाद है. फिर दोनों में लड़ाई शुरू हो गई. शमशाद बिहार का रहने वाला है और पहले से शादीशुदा है.

ये मामला थाने पर आया था तब कुछ दिनों बाद दोनों ने आपस में सुलह कर लिया था. फिर शमशाद हिंदू बनकर प्रिया के साथ रहने को तैयार हो गया था. अब दोनों में लड़ाई होने पर प्रिया नाराज होकर कहीं चली गई है. लेकिन उसकी दोस्त चंचल मानने को तैयार नहीं है. बार-बार शिकायत कर रही है. वो केस को डायवर्ट कर रही है. थाना प्रभारी की इन बातों को सुनकर एसएसपी ने मामले की जांच दूसरे इंस्पेक्टर को पूरे मामले की जांच सौंप देते हैं.

नए सिरे से शुरू हुई जांच में पूरा सच आया सामने

इस केस के नए जांच अधिकारी इंस्पेक्टर आनंद मिश्रा ने तसल्ली से पड़ताल शुरू की. जांच में पता चला कि प्रिया की शादी मोदीनगर में रहने वाले राजीव से हुई थी. शादी के एक साल बाद ही कशिश का जन्म हुआ. लेकिन शायद कशिश के नसीब में पिता का प्यार नहीं लिखा था. शादी के 2 साल बाद ही वर्ष 2010 में इनका तलाक हो गया.

अब प्रिया अपनी बेटी को लेकर मायके आ गई. लेकिन मायके में शादीशुदा बेटी कब तक रहती. पारिवारिक वजह से प्रिया अपनी बेटी को लेकर मोदीनगर में चंचल चौधरी के मकान में किराए पर रहने लगी.

यहां उसने ब्यूटी पार्लर खोला और सामान्य जिंदगी गुजारने लगी. प्रिया के इस मुश्किल वक्त में उसकी दोस्त बनी मकान मालिक की बेटी चंचल. दोनों के बीच बहन जैसा रिश्ता बन गया. दोनों आपस में अपनी जिंदगी की हर छोटी-बड़ी बात शेयर करती थी.

उसी दौरान प्रिया के फेसबुक पर अमित चौधरी नामक युवक की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई थी. दोनों में दोस्ती हो गई. फिर अमित ने प्रिया को इमोशनल जाल में फंसाया और उसकी बेटी को भी अपनाने का वादा किया. वक़्त और हालात ऐसे थे कि प्रिया का इमोशनल ट्रैप में आना लाजमी था. उसे अमित की दोस्ती अच्छी लगती है.

फिर दोनों मुलाकात करते हैं. और साथ में रहने का फैसला करते हैं. ये वादा करते हैं कि ताउम्र एक दूजे के साथ रहेंगे. अमित पिता का फ़र्ज पूरा करने का भी वादा करता है. इस पर प्रिया खुशी-खुशी राज़ी हो जाती है.

अब दोनों मेरठ के परतापुर में रहने लगते हैं. साथ में कशिश भी रहती है. वो अमित को पापा कहने लगी. लेकिन उसे ये नहीं पता था कि जिसे वो पापा कह रही है असल में वो हैवान है. इस तरह 5 साल निकल गए.

अमित के रिश्तेदारों से बात करने पर प्रिया को पता चला कि उसका असली नाम शमशाद है. ये जानकर मानों प्रिया के पैरों तले जमीं ही खिसक गई हो. वो हैरान थी कि जिस शख्स पर उसने खुद से ज्यादा भरोसा किया, असल में वो इतना बड़ा बेवफा निकलेगा. ये सोचकर वो दूरी बनाने लगी.

मामला बढ़ता गया तो उसने पुलिस में शिकायत की. लेकिन पुलिस ने समझौता करा दिया था. इस दौरान प्रिया रोजाना की कहानी अपनी दोस्त चंचल को बताती रहती थी. ये सब सुनकर चंचल की प्रिया के प्रति चिंता पहले से ज्यादा बढ़ गई. वो भी हमेशा उससे और बेटी से बात करती रहती थी. चंचल की आखिरी बार प्रिया से 28 मार्च 2020 को बात हुई थी.

इसके बाद चंचल कई बार फोन लगाती रही. लेकिन प्रिया का फोन बंद मिला. इस तरह पूरा दिन निकल गया तब चंचल ने उसके पति शमशाद को फोन किया. लेकिन उसने ये कहकर प्रिया से बात नहीं कराई की दोनों में लड़ाई हुई है. चंचल ने जब बेटी से बात कराने के लिए कहा तो शमशाद बहानेबाजी करने लगा.

मरने के बाद प्रिया के फोन से चंचल को आया था SMS

इस पूरे मामले में खुद CID की तरह काम करने वाली चंचल रहीं. दोस्त प्रिया की तलाश में लाख मुसीबतें आईं, लेकिन अंत तक वो डटी रहीं. चंचल ने बताया कि 28 मार्च के बाद जब प्रिया से बात नहीं हो पा रही थी तब मैं शमशाद को फोन करने लगी. वो हर बार बहाने बनाते थे. कभी कहता था कि झगड़े में प्रिया ने मुझपर चाकू से हमला किया और भाग गई. फिर कभी कहता कि वो छत पर है तो कभी खुद को मार्केट में होने की बात कहकर बहाने बनाता था.

कुछ दिनों तक लगातार फोन किया तब 31 मार्च को अचानक एक दिन प्रिया के फोन से SMS आता है. वो मैसेज बेटी कशिश की तरफ से लिखा गया था. जिसमें लिखा था, “ दीदी हम लोग जहां भी हैं सेव हैं, गलती से डैडी को चाकू लग गया है, हमलोग जो हैं चाकू लगने की वजह से हमलोग घर से निकल गए हैं ”

चंचल ने बताया कि उस मैसेज को पढ़कर मैं हैरान थी. क्योंकि कशिश ने इससे पहले कभी मुझे एसएमएस नहीं भेजा था. इसलिए SMS का जवाब देते हुए मैंने पूछा भी कि कहीं ये मैसेज शमशाद ने तो नहीं किया. इसके बाद कई दिनों तक सिर्फ मैसेज ही आते थे लेकिन बात नहीं होती थी. फिर मुझे लग गया कि मामला काफी गंभीर है.

फिर मैं पुलिस के पास गई तो मुझे ही लौटा दिया गया. इसके बाद कई तरह से मैंने प्रिया को तलाशने की हर कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली. प्रिया और उसकी बेटी दोनों से बात नहीं हो रही थी लेकिन फोन से मैसेज आ रहे थे. इसलिए अंदाजा लग गया कि मामला बहुत गड़बड़ है. इसलिए एसएसपी से शिकायत की तब पुलिस ने शमशाद से कड़ाई से पूछताछ की.

शमशाद ने उगला राज़, 115 दिन बाद मां-बेटी का मिला कंकाल

पुलिस ने शमशाद से जब कड़ाई से पूछताछ की तब उसने जो कुछ बताया उसे सुनकर सभी के होश उड़ गए. उसने बताया कि 28 मार्च को कोरोना लॉकडाउन था लेकिन मेरा साला कहीं से शराब ले आया. उसे पीने के बाद घर पहुंचा तो प्रिया से लड़ाई शुरू हुई. मैंने गुस्से में उस पर हमला किया तो उसने बचाव में चाकू मारा.

मेरे हाथ पर चोट भी आई. जिसके बाद मैंने उसका गला काट दिया. इसे कशिश ने देख लिया. वो रोने लगी. बोलने लगी मम्मी को छोड़ दो. लेकिन तब तक प्रिया मर चुकी थी. अब मौत की एक मात्र गवाह कशिश थी इसलिए उसे भी चाकू से मार डाला. इसके बाद दोनों के शव को फर्श के नीचे गड्ढा खोदकर दफना दिया.

ये सब सुनकर पुलिस अधिकारियों को भी पहले सबकुछ फिल्मी कहानी लगी. लेकिन उसकी बात पर भरोसा करते हुए घर में एंट्री की गई. शमशाद के बेडरूम में घुसे तो कमरे की दीवार चमक रही थी. फर्श पर नई कालीन बिछी हुई थी. आसपास नए सोफा लगे थे. वहां ऐसा बिल्कुल भी नहीं लग रहा था कि जिस खूबसूरत कालीन पर पुलिसवाले खड़े हैं उसके कुछ गज नीचे ही दो लाशें दफ्न हैं.

इसके बाद पुलिस ने फर्श तोड़ खुदाई शुरू कराई. कुछ देर बाद ही बदबू आने लगी. और फिर बड़े पॉलिथीन में लिपटीं दो लाशें निकलती हैं. जो अब कंकाल का रूप ले चुकी थीं. एक प्रिया की और दूसरी बेटी कशिश की.

दो नरकंकाल मिलने के बाद शमशाद से फिर पूछा जाता है कि आखिर ऐसा करने का तरीका कैसे आया. तब शमशाद ने बताया कि उसने दृश्यम और भी कई सस्पेंस-थ्रिलर फिल्में देखीं थीं. वहीं, से पता चला कि मर्डर के बाद शव कहीं भी डालो, पोल खुल ही जाती है. इसलिए फिल्म की तरह घर के अंदर ही दोनों को दफना दिया और काफी मात्रा में नमक डाल दिया. ताकी वहां से बदबू ना आए.

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT