VARDAAT : यूक्रेन में अटैक करने वाले चेचेन हंटर्स और वैगनर ग्रुप की दिल दहलाने वाली कहानी

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आखिर यूक्रेन में हमला करने वाले रूस की तरफ से खतरनाक ग्रुप कौन से हैं. इस बारे में जानते हैं. इससे पहले समझिए कि आखिर ये ग्रुप क्यों इंसान को इंसान नहीं समझते. उसे पूरी तरह से समझने के लिए इस कहावत को पढ़िए. "वो मारते कम हैं, घसीटते ज़्यादा है.."

असल में ये वो लोग हैं, जो तमाम तरह के ऑटोमेटिक वीपन और आर्टिलरी से लैस होने के बावजूद कुछ इतने बर्बर हैं कि अपने दुश्मन की गला रेत कर जान लेने में ज़्यादा यकीन रखते हैं... उनका मिशन हर हाल में दुश्मन को मटियामेट करना तो होता ही है, लेकिन ज़रूरत पड़ने पर वो किसी भी वक़्त खुद को मिटा देने के लिए भी तैयार रहते हैं...

यानी दुश्मन की जान लेने के लिए वो अपनी ज़िंदगी भी दांव पर लगाने से भी बाज़ नहीं आते... और इसीलिए वो जहां भी जाते हैं दुश्मन का आधा ख़ून तो उनका नाम सुनते ही सूख जाता है... और यही बर्बरता इन लोगों को दुनिया की दूसरी कई मिलिशियाओं यानी लड़ाका ग्रुपों से अलग करती है...

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फिलहाल यही ख़ूंखार लड़ाके यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के क़त्ल की सुपारी उठा चुके हैं... अलग-अलग गुटों में बंट कर यूक्रेन में दाखिल हो चुके हैं... लेकिन कौन ये लोग? कहां से आते हैं? क्या करते हैं? इनकी ख़ासियत क्या है?

यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से इनकी क्या दुश्मनी है? क्यों ये रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक इशारे पर किसी की भी जान लेने और अपनी देने को तैयार रहते हैं?

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क्या है चेचेन ग्रुप

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रूस और यूक्रेन की जंग में फिलहाल ऐसे दो ग्रुप्स यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की की जान का दुश्मन बने हैं... इनमें एक है, चेचेन स्पेशल फ़ोर्सेज़ जिन्हें 'चेचेन हंटर्स' के नाम से भी जाना जाता है, जबकि दूसरा है वैगनर ग्रुप... जो दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट आर्मीज़ में से एक है.

फिलहाल इल्ज़ाम ये है कि यही चेचेन हंटर्स रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इशारे पर यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की समेत यूक्रेन के तमाम टॉप ऑफ़िशियल्स के क़त्ल की सुपारी लेकर यूक्रेन में दाखिल हो चुके हैं... और तो और इन्होंने घात कर यूक्रेनी फ़ौज पर हमला करना भी शुरू कर दिया है... इस ग्रुप के पास रूस की ओर सौंपी गई एक ऐसी 'किल लिस्ट' है, जिसमें यूक्रेन के --25-- टॉप ऑफ़िशियल्स के नाम-पते और तस्वीरों समेत पूरा ब्यौरा दर्ज है...

सूत्रों का दावा है कि इस मिलिशिया के लीडर रमज़ान कादिरोव ने अपनी इस ख़ास टुकड़ी के हर लड़ाके के हिस्से अलग-अलग ज़िम्मेदारी दे रखी है... जिसमें यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की और उनके ऑफ़िशियल्स को बंदी बनाने से लेकर उन्हें मार डालने तक का काम शामिल है... रमाज़ान के इरादे कितने ख़ूंखार है, ये उसके इस वायरल ऑडियो से ही पता चल जाता है, जिसमें वो पुतिन से गुज़ारिश कर रहा है कि वो बस दो दिन के लिए अपनी आंखें बंद कर लें, वो यूक्रेन का मसला चुटकियों में सुलझा देगा...

पिछले दिनों चेचेन्या की सरकारी टीवी ने इस मिलिशिया से जुड़ी एक ख़बर प्रसारित की थी, इसमें पुतिन के साथ चेचेन नेता रमज़ान कादीरोव के मुलाक़ात करने का ज़िक्र था... ख़बरों में चेचेन स्पेशल फ़ोर्सेज़ यानी चेचेन हंटर्स की इस टुकड़ी के मिशन चालू कर दिए जाने की बात तो थी ही, यूक्रेन के किसी गुमनाम जंगली ठिकाने से मिशन शुरू करने से पहले उनके सामूहिक नमाज़ की तस्वीरों का भी ज़िक्र था, जो तस्वीरें बाद में तेज़ी से वायरल हो गईं...

इस ग्रुप के लीडर 46 साल के रमजान कादिरोव रूस के चेचन्या इलाक़े का मुखिया बताया जाता है... कादिरोव की सबसे बड़ी ख़ासियत ये है कि वो रूसी राष्ट्रपति पुतिन को अपना आका मानता है... रमज़ान ने कई बार कहा है कि पुतिन की नीतियां और उनका वचन ही उसके लिए शासन है... उसके लिए पुतिन सिर्फ एक राष्ट्रपति बल्कि वो इंसान है, जिसने उनके लोगों की हिफ़ाज़त की है... और अब जब रूस यूक्रेन पर हमले कर रहा है तो रमजान कादिरोव के पास अपनी वफादारी साबित करने का अच्छा मौक़ा है...

और इन्हीं वजहों से उसने 10 हज़ार लड़ाकों का एक पूरा ग्रुप यूक्रेन के मिशन पर लगा दिया है... उन्हें एक हिट लिस्ट भी सौंपी है... रमजान कादीरोव ने हर काम के लिए अपने जवानों को रेट कार्ड तक तैयार करके दिया है... जिसमें यूक्रेन के एक टैंक को तबाह करने पर 20 हज़ार डॉलर का इनाम देने की बात कही गई है...

हालांकि चेचेन हंटर्स को यूक्रेनी फ़ौज से कड़ी टक्कर मिल रही है... यूक्रेन का दावा है कि हमला करने आए चेचन्या ग्रुप के कई लड़ाकों को मार गिराया है... कीव शहर के बाहर होस्टोमेल इलाक़े में आमने-सामने की जंग में यूक्रेनी फ़ौज ने ना सिर्फ़ कई चेचेन टैंकों को उड़ा दिया, बल्कि चेचेन जनरल मगोमेद तुशायेव को ढेर कर दिया, जो चेचेन नेशनल गार्ड के 141 मोटोराइज़्ड रेजिमेंट का मुखिया भी था...

क्या है वैगनर ग्रुप

अब बात यूक्रेन में रूस की ओर से जंग लड़ रही एक प्राइवेट आर्मी यानी वैगनर ग्रुप की... वैगनर ग्रुप दरअसल एक निजी सैन्य कंपनी यानी प्राइवेट आर्मी है, जिस पर दुनियाभर के अलग-अलग देशों में रूसी सरकार के लिए छद्म युद्ध लड़ने के इल्ज़ाम लगते रहे हैं... इनमें लीबिया, सीरिया, मोजाम्बिक, माली, सूडान और मध्य अफ्रीका के देश शामिल हैं...

कहते हैं कि इस ग्रुप ने इन देशों में गृह युद्ध की आग भड़काई... यहां तक कि 2015 से 2018 के बीच वैगनर ग्रुप ने रूस की सेना और बशर अल-असद के साथ मिलकर विरोधियों से टकराते रहे... इस ग्रुप का सरगना दिमित्री उत्किन को बताया जाता है, जो कि पहले रूसी सेना में लेफ्टिनेंट रह चुका है और रूस की खुफिया एजेंसी जीआरयू में भी काम कर चुका है... दिमित्री ने ही 2014 में इस ग्रुप की शुरुआत की थी और लगातार क्रेमलिन के संपर्क में रहा... हालांकि रूस ने ऐसी ख़बरों से हमेशा इनकार किया है...

2017 में आई ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि वैगनर ग्रुप ने रूस की मदद से 6000 किराए के क़ातिलों की फ़ौज तैयार कर ली... जो रूस और रूसी सेना के इशारे पर अलग-अलग ऑपरेशंस और टार्गेट किलिंग को अंजाम देती है... और तो और दावा तो यहां तक किया जाता है कि इस ग्रुप का मैनेजमेंट रूसी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी के हाथों ही है...

जिनकी सरकार के प्रति कोई खास जिम्मेदारी नहीं है... इस ग्रुप पर मानवाधिकार हनन और ज़ुल्मो-सितम के कई इल्ज़ाम हैं... वैगनर ग्रुप पर यूक्रेन के डोनबास में 2014 में शहरियों को सताने और उनका क़त्ल करने के इल्ज़ाम लगे थे... इसके बाद दिसंबर 2021 में यूरोपियन यूनियन ने इस ग्रुप को बैन कर दिया था... लेकिन अब जो ख़बर आई है, उसके मुताबिक ठीक चेचेन हंटर्स की तरह इस वैगनर ग्रुप को भी यूक्रेन के राष्ट्रपति समेत बड़े लोगों को टार्गेट करने का काम सौंपा गया है...

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