दुकानवाले चचा की चुनावी शायरी...बारूद नफ़रतों की फ़िज़ा में बिखेरकर, इंसां बना रहा है क़यामत के दायरे

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फ़र्रूख़ हैदर, चिराग गोठी, प्रिवेश पांडे, विनोद शिकारपुरी की रिपोर्ट

UP Election 2022: मुज़फ़्फ़रनगर में इन दिनों चुनाव की अंगीठी पर चर्चाओं की चाय अब खौलने भी लगी है ... गरमा गरम बहस का धुआं अब चारो तरफ फैलने लगा है। और ऐसे में जिसे देखों वही अपनी बात कहने के लिए खुद को चचा ग़ालिब का चेला साबित करने की अजीबो गरीब होड़ में लगा हुआ है।

क्राइम तक की टीम जब चुनावी रंगबाज़ों का रंग देखने के लिए मुज़फ़्फ़रनगर पहुँची तो ऐसी ही एक चाय की दुकान पर चौकस चकल्लस मची हुई थी। दुकानदार हो या ग्राहक हर कोई अपने अपने चश्मे से चुनाव को देख रहा था और उसे अपनी जुबान दे रहा था। मज़ा लीजिए ऐसी ही एक चकल्लस का जहां चाय की दुकान चलाने वाले चचा अचानक शायर बन गए और चाय की चुस्कियों के साथ उनकी फटकेदार शायरी शुरू हो गई।

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