KGF-2 का रॉकी भाई बनने निकला था सागर का सीरियल किलर, ऐसे आया पुलिस के शिकंजे में

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Shams Ki Zubani: ये वो क़ातिल है जिसने मध्यप्रदेश के सागर ज़िले में दहशत फैला रखी थी। उसके निशाने पर चौकीदार हुआ करते थे। यूं भी कहा जा सकता है कि वो नींद का सीरियल किलर था जो अब क़ानून के शिकंजे में है। सबसे चौंकाने वाली बात ये भी है कि इस कहानी को वारदात में दिखाने के 24 घंटे के भीतर ही वो पुलिस के शिकंजे में आ गया।

अलबत्ता ये जरूर है कि चार हत्याओं की बात अभी तक खुद क़ातिल ने कबूल की है। लेकिन उससे भी ज़्यादा हैरतअंगेज है उस क़ातिल का पकड़ा जाना। उसके आखिरी कत्ल के पहले का जब उसकी तस्वीर सीसीटीवी में कैद हुई। और पुलिस की तफ्तीश के मुताबिक जो तस्वीर सीसीटीवी में कातिल की सामने आई वो शायद उसका आखिरी कत्ल था। क्योंकि उसके बाद पुलिस की तेज़ हरकत की वजह से वो पकड़ा गया।

19 साल के देश के इस सबसे नए-नए और ताजा ताजा सीरियल किलर का नाम शिव प्रसाद धुर्वे है। सागर का ही रहनेवाला धुर्वे आठवीं पास है। वो पहले पुणे और गोवा में भी छोटी-मोटी नौकरी कर चुका है। ठीक-ठाक अंगेजी भी बोल लेता है।

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Shams Ki Zubani: अभी बरसात शुरू होने से पहले ही वो वापस सागर आया था। सागर आने तक भी सबकुछ ठीक था। मगर फिर तभी इसी साल अपैल में फिल्म केजीएफ-2 रिलीज हुई। बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई इस फिल्म को शिव प्रसाद ने भी देखी। और बस यहीं से उसकी पूरी सोच ही बदल गई। केजीएफ टू के रॉकी भाई से वो इतना प्रभावित हुआ कि उसने भी रॉकी भाई जैसा ही डॉन बनने की ठान ली।

डॉन बनने के बाद वो अपना गैंग बनाना चाहता था। रॉकी भाई जैसा ही। मगर उसके लिए उसे पैसे चाहिेए थे। और पैसे से भी पहले नाम। ठीक रॉकी भाई जैसा ही। इसी के बाद उसने पहले नाम कमाने और खुद को मशहूर करने का फैसला किया। जुर्म की दुनिया में अपनी एक अलग जगह बनाने के लिए उसने कई तरीकों पर गौर किया। फिर फैसला किया कि वो ऐसा काम करेगा जिससे ना सिर्फ लोग उससे डरेंगे बल्कि पुलिस भी परेशान हो उठेगी।

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इसी के बाद उसने तय किया कि वो उन चौकीदारों या सिक्योरिटी गार्ड को मारेगा, जो ड्यूटी पर सो रहे होते हैं। दरअसल, एक बार एक चौकीदार से बातचीत करते हुए उसने कहा था कि उसे वो गार्ड बिलकुल पसंद नहीं है, जो अपनी ड्यूटी के वक्त सो रहे होते हैं। फैसला हो चुका था। अब उस पर अमल की बारी थी।

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Shams Ki Zubani: 27, 29 और 30 अगस्त की रात शिव प्रसाद ने सागर जिले के अलग-अलग इलाकों में तीन चौकीदारों की हत्या कर दी। तीनों के सर पर डंडे पत्थर या किसी वजनी चीज से वार करके।

एक के बाद चौकीदारों के कत्ल की वारदात ने पूरे सागर शहर को सकते में डाल दिया है। चौकीदारों की तो खैर सांसें ही अटक गई। लोगों को भी समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर कातिल ऐसा क्यों कर रहा है। आखिर उसकी चौकीदारों से ऐसी क्या दुश्मनी है। अगर उसे चौकीदारों के सोने से ही नाराज़गी है, तो फिर इस मामूली से जुर्म पर वो चौकीदारों की जान क्यों ले रहा है। या फिर वो कोई ऐसा साइकोकिलर है, जिसका चौकीदार या चौकीदारी से कोई रिश्ता है।
ऐसे में सागर के उस सीरियल किलर को लेकर जितनी मुंह उतनी बातें होने लगी और पुलिस के पास चंद धुंधली सीसीटीवी फुटेज के सिवाय सुराग के नाम पर कुछ भी नहीं था। पुलिस सूत्रों की मानें तो जो सीसीटीवी फुटेज मिले, उसमें रात के अंधेरे में एक शख्स बेसाख्ता भागता हुआ दिख रहा है। उस शख्स ने सफेद शर्ट और हाफ पैंट पहन रखी है।

Shams Ki Zubani: तब सीसीटीवी फुटेज और दूसरी जानकारियों की बदौलत पुलिस ने उस संदिग्ध सीरियल किलर का स्केच बनवाया है, जिसे आधार बना कर पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की... लेकिन ये कोई नहीं जानता कि वो कब पकड़ा जाएगा। पकड़ा जाएगा भी या नहीं... या फिर कहीं पकड़े जाने से पहले ही वो किसी और की जान तो नहीं ले लेगा।

यही वजह है कि अब पुलिस ने अपने महकमे और मुखबिरों को अलर्ट करने के साथ-साथ पूरे सागर जिले में जनजागरण अभियान की शुरुआत कर दी है, ताकि कातिल के बारे में कोई भी सुराग मिलने पर वो फौरन पुलिस तक पहुंचे और उसे पकड़ा जा सके...
अब तक की तफ्तीश में जो कुछ खास बातें सामने आई हैं, उनमें कत्ल का एक जैसा पैटर्न तो था ही, ये भी साफ़ हुआ कि कातिल ये सारे के सारे कत्ल कोई लूटपाट के इरादे से नहीं कर रहा है। क्योंकि मौका ए वारदात पर पुलिस को ऐसा कोई सुराग़ नहीं मिला। एक आध मामलों में मकतूल के मोबाइल फ़ोन के गायब होने की बात ज़रूर सामने आई है, लेकिन वो भी कत्ल का मोटिव नहीं लग रहा था।

Shams Ki Zubani: असल में 29 अगस्त की रात आर्ट्स एण्ड कॉमर्स कॉलेज के कैंटीन में चौकीदार शंभू शरण शर्मा की लाश के पास ही पुलिस को एक मोबाइल फोन भी पड़ा हुआ मिला था। जिसे देख कर पुलिस को लगा कि शायत ये मोबाइल फोन मकतूल चौकीदार शंभू शरण का ही होगा। मगर पुलिस तब हैरान रह गई, जब उसे पता चला कि ये मोबाइल उसका नहीं बल्कि उससे एक रोज़ पहले मारे गए चौकीदार कल्याण लोधी का है, जिसका कैंट थाना इलाके के भैंस गांव में कत्ल किया गया गया था।

यानी एक बात साफ हो गई कि कत्ल की इस वारदात के पीछे किसी एक ही कातिल का हाथ था। जिसने एक मकतूल का मोबाइल फोन चुरा और उसे अपना शिकार बननेवाले दूसरे चौकीदार की लाश के पास फेंक कर चला गया था।
अब तक की तफ्तीश की ये सारी बातें इस बात की तरफ इशारा कर रही थी कि इन सभी के सभी कत्ल का कोई खास मोटिव नहीं है। यानी कातिल की ना तो मरनेवाले चौकीदारों से किसी दुश्मनी की बात समझ में आती है और ना ही कत्ल के पीछे लूटपाट या किसी फायदे का मकसद ही समझ में आता है।

ऐसे में बहुत गुंजाइश इसी बात की थी कि हो ना हो कातिल कोई मानसिक रोगी यानी साइकोपैथ हो, जो रात के अंधेरे में एक ही तरीके से चौकीदारों का कत्ल कर खुश हो रहा है। इस सीरियल किलर की पहेली को सुलझाना सागर पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुकी थी।

Shams Ki Zubani: आखिरी कत्ल के बाद चूंकि सागर पुलिस हरकत में आ चुकी थी, लिहाजा 31 अगस्त की सुबह शिव प्रसाद सागर से भोपाल चला गया। पुलिस को चकमा देने के लिए। मगर उसने एक गलती की। 29 अगस्त को जिस चौकीदार शंभू शरण की उसने हत्या की थी, उस शंभू का मोबाइल वो अपने साथ ले गया था। हालांकि मोबाइल का सिम निकाल कर वो फेंक चुका था। उसे अंदाजा ही नहीं था कि उस मोबाइल में कोई भी सिम डाल कर उसे चालू करने पर उसका लोकेशन पता चल सकता है।

भोपाल पहुंचने के बाद उसने शंभू के मोबाइल में नई सिम डाली। शाम को उसने जैसे ही फोन ऑन किया, सागर पुलिस को शंभू के मोबाइल का लोकेशन पता चल गया। दरअसल, शंभू के कत्ल के बाद पुलिस उसके मोबाइल को सर्विलांस पर रख चुकी थी।
सीरियल किलर का लोकेशन भोपाल में पता चलते ही सागर पुलिस की एक टीम फौरन भोपाल रवाना होती है। लेकिन भोपाल में फोन का लोकेशन लगातार बदल रहा था। उधर सागर पुलिस भी देर रात भोपाल पहुंची थी।

Shams Ki Zubani: इसी दौरान शिव प्रसाद को एक और कत्ल करने का मौका मिल गया। जिसकी तस्वीर सीसीटीवी में कैद हुई। भोपाल में चौथे और आखिरी कत्ल के बाद शिव प्रसाद बेखबर बस स्टैंड की तरफ बढ ही रहा था कि मोबाइल की लोकेशन और फिर उसके स्केच और हुलिए को देखते हुए सागर पुलिस को यकीन हो गया कि यही सागर का सीरियल किलर है। पुलिस ने फौरन उसे दबोच लिया।

आनन-फानन में उसे गाड़ी में बिठाया गया और सूरज निकलने से पहले ही पुलिस की टीम उसे अपने साथ लेकर सागर की तरफ चल पड़ी। सफर लंबा था। कहानी अधूरी। लिहाजा पुलिस ने रास्ते में ही शिव प्रसाद से पूछताछ शुरू कर दी। जब शिव प्रसाद ने पूरी कहानी सुनाई तो सागर पुलिस भी चौंक उठी।

पूरी कहानी कुछ यूं है... केजीएफ का रॉकी भाई बनने के लिए शिव प्रसाद ने शुरुआती काम तो कर लिया था, पांच दिन में चार खून करने के बाद वो मीडिया में सुर्खियों में था। पुलिस हैरान परेशान। लेकिन असली कहानी अब इसके आगे शुरू होने जा रही थी। यहां से अब शिव प्रसाद चौकीदारों को नहीं, बल्कि सीधे पुलिसवालों को ही मारने की प्लानिंग बना चुका था। बस इसके लिए उसे पैसों की जरूरत थी। ताकि वो हथियार खरीद सके।

Shams Ki Zubani: चौकीदारों के मारने के लिए उसने किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया था। बल्कि जो मौके पर मिल जाता, वो उसी से हमला कर देता। लेकिन पुलिसवालों को मारने के लिए उसने बंदूक की जरूरत थी। उसने पूछताछ में बताया कि एक बार बंदूक हाथ आने के बाद ठीक चौकीदारों की तरह ही वो सिलसिलेवार पुलिसवालों को मौत के घाट उतारता। इससे उसका नाम बडा हो जाता। ठीक रॉकी भाई की तरह।

फिलहाल शिव प्रसाद सागर पुलिस की कस्टडी में है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। पुलिस की मानें तो वो मानसिक रूप से भी पूरी तरह से फिट है। बस ये सबकुछ उसने सिर्फ और सिर्फ नाम कमाने के लिए किया। हालांकि खबर ये भी है कि उसने पुणे में भी कत्ल किया है। गोवा की उसकी रिपोर्ट भी खंगाली जा रही है। पुलिस को शक है कि उसके हाथों मारे जानेवालों की गिनती बढ भी सकती है।

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