Serial Killer : बर्गर में इंसानी मांस बेचने वाले सीरियल किलर जॉय मेथेनी की पूरी कहानी

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Serial Killer Joe Roy Metheny Story : वो फौजी था. पर सीरियल किलर बन गया. एक कत्ल ने उसे ऐसा कातिल बनाया जो इंसानी मांस बेचने लगा. इंसानी मांस को भी बर्गर में डालकर. वो खासकर लड़कियों के मांस को बेचता रहा. किसी को शक भी नहीं हुआ. लेकिन एक दिन उसकी असलियत आखिरकार सामने आ ही गई. गर्लफ्रेंड की बेवफाई ने कैसे एक फौजी को बना दिया सीरियल किलर. आज क्राइम की कहानी (Crime Stories in hindi) में सीरियल किलर (Serial Killer) जोसेफ रॉय मेथेनी (Joseph Roy Metheny) की पूरी कहानी.

Serial Killer Crime Story : सीरियल किलर जोसेफ या जॉय रॉय मेथेनी अमेरिका का ऐसा किलर जिसके नाम की चर्चा बर्गर में इंसानी मांस खिलाने को लेकर होती है. 13 से ज्यादा मर्डर करने के बाद जब ये पुलिस की गिरफ्त में आया तब उसकी असलियत सामने आई थी. पुलिस के सामने उसने एक स्टेटमेंट दिया था. उस स्टेटमेंट में कहा था...

"अगर किसी सड़क से गुजर रहे हो और रास्ते में कहीं कोई बार्बीक्यू (barbeque) मिले जाए, जिसे आप न जानते हों कि वो कौन है, क्या बेचता है और कैसा बेचता है तो सोच समझकर ही खाएं. क्योंकि क्या पता कि आप उस बर्गर में इंसानी मीट खा रहे हों".

असल में जोसेफ मेथेनी ने ये बात इसलिए कही थी क्योंकि वो खुद बर्गर में इंसानी मीट बेचता था. ये लोगों को इतना पसंद आया था कि उसकी बिक्री भी बढ़ गई थी. लेकिन कभी भी लोगों को इस बात की भनक नहीं लगी जिसे वो किसी जानवर का मीट समझकर नॉनवेज बर्गर खा रहे हैं असल में उसमें इंसानी जिस्म का मीट है.  

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18 साल की उम्र में अमेरिकी फौज में भर्ती हो गया था ये किलर

Crime ki Kahani : बर्गर में इंसानी मीट डालकर बेचने वाला सीरियल किलर जोसेफ रॉय मेथेनी की जिंदगी की शुरुआत होती है अमेरिका के बाल्टीमोर शहर से. इसका जन्म 2 मार्च 1955 में हुआ था. बचपन से ही पढ़ाई में इंटेलिजेंट था. पर पिता हमेशा नशे में रहते थे. कहते हैं कि उसके पिता की मौत तभी हो गई थी जब मेथेनी की उम्र 6 साल के आसपास थी.

इसके बाद उसकी मां से भी नहीं बनती थी. लेकिन उसने पढ़ाई जारी रखी. बचपन से शरीर और कद काठी से काफी लंबा चौड़ा था. उसकी लंबाई करीब 6 फीट 8 इंच थी. 18 साल की उम्र में ही वो अमेरिकी फौज में भर्ती हो गया. और इधर मां से भी उसका रिश्ता अलग हो चुका था. अमेरिकी फौज में साल 1973 में भर्ती होने के बाद उसकी पोस्टिंग वियतनाम में हुई थी. वियतनाम में रहने के दौरान ही उसका फौज से मन उब गया. इसलिए जब कुछ साल बाद वापस अमेरिका आया तो फौज में कभी वापस नहीं लौटा.

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वो नशे में धुत रहने लगा. ड्रग एडिक्ट हो गया. ड्रग्स लेने के दौरान ही उसकी मुलाकात एक लड़की से हुई. वो लड़की सेक्स वर्कर भी रह चुकी थी. दोनों साथ में रहने लगे थे. मेथेनी घर का खर्चा चलाने के लिए ट्रक चलाता था. इस तरह मेथेनी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहने लगा. कोई पूछता कि उसके परिवार में कौन-कौन है. तब बताता था कि मां और पिता दोनों की मौत हो चुकी है. इस तरह समय बीतता गया और उसका एक बेटा भी हुआ.

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अब बात साल 1993 की है जब ट्रक लेकर मेथेनी कई दिनों के लिए बाहर गया था. जब घर लौटा तो देखा कि गर्लफ्रेंड और बेटा दोनों लापता हैं. दोनों की उसने काफी तलाश की. लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. अब वो ड्रग्स लेने वालों से पता किया तो जानकारी मिली कि वो बच्चे को लेकर किसी और के साथ कहीं जा चुकी है.

मेथेनी को लगता था कि उसके बच्चे को भी गर्लफ्रेंड गलत लोगों तक पहुंचा देगी. इसीलिए वो उनकी तलाश में उस हर शख्स से पूछताछ करने लगा जो उसकी गर्लफ्रेंड को जानते थे.

इसी दौरान 1994 में एक नदी पुल के किनारे दो लोगों से मिला जो उसकी गर्लफ्रेंड को जानते थे. लेकिन उन दोनों से गर्लफ्रेंड के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई. इसी गुस्से में 150 किलो से ज्यादा वजन वाले मेथेनी ने हथोड़े से मार-मार कर दोनों की हत्या कर दी. हत्या करने के बाद दोनों के शव को वहीं नदी के पास फेंक दिया. लेकिन इस पूरी वारदात को वहां मौजूद एक मछुआरे ने देख लिया. इसलिए मेथेनी ने उसकी भी हत्या कर दी और उसके शव को नदी में काफी दूर फेंक आया. वहीं पर कत्ल में प्रयोग हथौड़े को भी फेंक दिया था.

दोनों व्यक्तियों के गायब होने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की तो मेथेनी का पता चला. पुलिस ने उसे दबोच भी लिया. लेकिन कत्ल में इस्तेमाल हथियार नहीं मिला. और ना ही जिस मछुवारे की हत्या की थी उसकी लाश मिली. मेथेनी पर सिर्फ दो लोगों की हत्या का केस चला लेकिन उसमें भी कोई सबूत नहीं मिला. इसलिए कुछ महीने बाद ही वो जेल से छूट गया.

अब भले ही जेल से मेथेनी छूट गया था लेकिन उसका गुस्सा और बढ़ गया. साथ ही उसे ये भी पता चल गया कि अगर जिसकी हत्या की जाए उसकी लाश ना मिले और हत्या करने वाला हथियार ना मिले तो कातिल को पता भी नहीं चल सकेगा.

इसलिए अब वो शातिर किलर बन गया. और उसके निशाने पर वो सब लोग थे जो उसका साथ छोड़ चुकी गर्लफ्रेंड की पहचान में थे या उसके पेशे से जुड़े थे. मसलन, उसके साथ ड्रग्स लेने वालों से लेकर सेक्स वर्कर तक. मीडिया रिपोर्ट बताती है कि जोसेफ रॉय मेथेनी को लगता था कि उसकी गर्लफ्रेंड की गलत हरकतों की वजह से उसका बेटा भी उससे दूर हो गया. बेटे के बारे में सोचकर वो उन सभी लोगों को मारना चाहता था.

इसलिए 1995 से ही वो खासकर रेड लाइट एरिया की लड़कियों को मिलने के लिए बुलाता था और फिर रेप के बाद हत्या कर देता था. वो बेरहमी से कत्ल करता था. यहां तक की एक सेक्स वर्कर की हत्या के बाद उसके ऊपरी हिस्से को अपने एक घर में रख दिया था. और एक बार गुस्से में उसने उसके कंकाल के साथ भी रेप किया था.

 अब आलम ऐसा था कि अमेरिका के बाल्टीमोर शहर में लगातार लोग गायब हो रहे थे. और उनके शव भी नहीं मिल रहे थे. पहला शव एक दिन किसी सफाईकर्मी को तब मिलता है जब उसे एक लावारिस बॉक्स मिला. उस बॉक्स को खोला तो उसमें कंकाल था. ये कंकाल एक लड़की का था. उसकी पहचान कैथी के रूप में हुई. वो काफी समय से लापता था. वो एक सेक्स वर्कर थी. लेकिन कत्ल किसने और क्यों किया ये पता नहीं चल सका था.

इसके कुछ महीने बाद एक और लड़की की लाश ऐसे ही बॉक्स में मिली. ये भी एक सेक्स वर्कर थी. लेकिन मारने वाले का पता नहीं चल पाया था. कई बार जोसेफ ट्रक चलाता था तो कई अधिकतर समय ये सड़क किनारे ठेला लगाता था. यहां बर्गर और सैंडविच बेचने लगा. पोर्क और बीफ मांस वाले सैंडविच और बर्गर की खूब डिमांड थी. लेकिन जोसेफ ये पता था कि अगर कत्ल करने के बाद खुद को पुलिस से बचाना है तो उनके हाथ सबूत नहीं लगना चाहिए. इसलिए ये हत्या के बाद शरीर से मांस निकाल लेता था.

मांस निकालने के बाद लाश को बॉक्स में बंदकर या दूसरे तरीके से पैकेट में डालकर कहीं फेंक देता था. फिर उसी इंसानी मांस को तंदूर पर भूनकर खुद भी खाता था और बर्गर व सैंडविच में भी डालकर बेच देता था. ये सिलसिला वो काफी समय तक चलाता रहा. खासतौर पर ये सेक्स वर्कर को निशाने पर लेता था और उन्हें घर बुलाकर मार डालता था. असल में अपनी गर्लफ्रेंड को लेकर गुस्से की वजह से मर्डर करने के बाद उसे अपनी ताकत का अहसास होता था.

ऐसे सीरियल किलर जोसेफ मेथेनी पकड़ा गया था

 Serial Killer Joe Roy Metheny Story hindi : बात 1996 की है. उस दिन जोसेफ ट्रक लेकर अपने शिकार की तलाश में निकला था. उसकी मुलाकात सेक्स वर्कर रिटा कैंपर से हुई. उसे अपने ट्रक में लिफ्ट देता है. फिर रास्ते में उसे ड्रग्स देता है. इसके बाद उसे एक फैक्ट्री में ले आता है जहां वह रहा करता था. यहां रिटा को सबकुछ अजीब लगता है. वो विरोध करते हुए वहां से जाने लगी. तभी जोसेफ उसे जबरन रोक लेता है और रेप का प्रयास करता है.

इसके बाद मारपीट करने लगता है. फिर गला दबाने का प्रयास करता है. लेकिन किसी तरह बचकर रिटा के हाथ ट्रक में रखा एक हथौड़ा मिल जाता है. उसी हथौड़े से जोसेफ पर हमला कर वो भाग निकलती है. वहां से वो भागते हुए वो सीधे पुलिस स्टेशन पहुंचती है. उसकी शिकायत करती है. पुलिस तुरंत घटनास्थल पर आती है. तब तक जोसेफ वहां से भाग निकला था.

अब पुलिस रेप और हत्या के प्रयास के आरोपी की स्केच तैयार करती है. उसकी तलाश शुरू करती है. लेकिन कोई सुराग नहीं मिलता है. घटना के  कराती है. फिर पहचान हो जाती है. इसके बाद 15 अगस्त 1996 को एक फोन के जरिए पुलिस को संदिग्ध जोसेफ की जानकारी मिलती है. इसी सुराग पर पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेती है. पुलिस उससे पूछताछ कर हत्या में इस्तेमाल हथौड़े को बरामद करती है.

पुलिस की पूछताछ में उसने 10 लड़कियों समेत 13 लोगों की हत्या करने की बात कबूल करता है. वो बताता है कि गर्लफ्रेंड जब उसके बच्चे को लेकर घर छोड़ देती है तभी से वो बदला लेने की नीयत से ऐसा कदम उठाता है. ये भी बताता है कि आखिर कैसे पहले 3 मर्डर किए लेकिन सजा 2 केस में मिली तो वो शव को ठिकाने लगाने लगता है. वो ये भी बताता है कि कई कत्ल उसने कुल्हाड़ी से किए थे तो कई हथौड़े से. उसे हत्या करने के बाद ताकत का अहसास होता था. उसने ये भी बताया कि एक बार किसी सेक्स वर्कर की हत्या करने के बाद उसके कंकाल से भी रेप किया था.

 गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में जोसेफ ने फांसी की सजा मांग की थी. उसे सजा मिली भी. लेकिन साल 2000 में फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया. करीब 21 साल तक जेल में रहने के बाद 5 अगस्त 2017 में जोसेफ मेथेनी की मौत हो गई. जेल में उसकी मौत को लेकर हार्ट अटैक भी कहा जाता है. तो कई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि कैदियों ने पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी थी. लेकिन सच यही है कि बाल्टीमोर में खौफ का दूसरा नाम बन चुके इस सीरियल किलर का आखिरकार अंत भी रहस्यमयी ही रहा. मौत की असली वजह कभी सामने नहीं आ पाई.

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