मौत के तांडव का आंखों देखा मंजर, मणिपुर हिंसा में जिंदा बची महिला की दर्द भरी कहानी

ADVERTISEMENT

जांच जारी
जांच जारी
social share
google news

Manipur Violence News: पिछले महीने मणिपुर में जातीय संघर्ष के तुरंत बाद, 20 वर्षीय जमनगैहकिम गंगटे और उनके परिवार के छह सदस्य इंफाल में अपने घर से निकट स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) राहत शिविर में जाने के लिए निकल गये थे। हालांकि, उनमें से केवल चार ही कई घंटे तक उग्र भीड़ को चकमा देने और कार की डिक्की में छुपकर वहां पहुंच पाये थे। उग्र भीड़ ने इनमें से दो को मार डाला था और इनमें से एक परिवार से बिछड़ गया था और कुछ दिनों बाद मिला था।

उग्र भीड़ ने किया मौत का तांडव

परिवार दिल्ली पहुंचने में सफल रहा और यह परिवार मणिपुर हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए द्वारका में स्थापित दो राहत शिविरों में रहने वाले 60 से अधिक लोगों में से एक है। गौरतलब है कि मणिपुर में हुई हिंसा में कम से कम 98 लोगों की जान चली गई थी। तीन मई को मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद, गंगटे और उनका परिवार इम्फाल में एक रिश्तेदार के घर चले गये थे और अगली सुबह घर लौट आये। 

 

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

 

मणिपुर में हुई हिंसा में कम से कम 98 लोगों की जान चली गई थी

गंगटे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जब हम घर लौटे, तो हमें पता चला कि नजदीक ही सीआरपीएफ का एक राहत शिविर था। इसलिए, हमने कुछ आवश्यक और महत्वपूर्ण दस्तावेज लेकर वहां जाने का फैसला किया।’’ उन्होंने बताया कि वह और उनके परिवार के सदस्य - उनकी मां, भाई, भाभी, चचेरे भाई और चाची अपने एक साल के बच्चे के साथ - एक कार से चले गए थे। उन्होंने बताया कि उसके कुछ चचेरे भाई दूसरी कार में सवार थे। गंगटे ने कहा, ‘‘जब हम निकले तो कुछ समय के लिए सड़कें खाली थीं। शिविर से लगभग आधा किलोमीटर दूर भीड़ ने हमारी कार को घेर लिया। कुछ लोगों ने दरवाजा खोलकर हमें कार से बाहर खींच लिया। उन्होंने कार पर मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा दी।’’ 

 

ADVERTISEMENT

 

पीड़ित महिला ने बयां किया भयावह मंजर

उन्होंने कहा, ‘‘भीड़ ने मेरे भाई को पीटना शुरू कर दिया और हम उसे बचाने की कोशिश कर रहे थे। फिर एक व्यक्ति ने हमें एक बेंच पर बिठाया और हमसे हमारी जाति के बारे में सवाल करना शुरू कर दिया। हमने उन्हें बताया कि हम मिजो हैं और उन्होंने लगभग हमें जाने ही दिया था लेकिन उनमें से कुछ ने हम पर शक किया और हमें रोक लिया।’’ दूसरी कार में सवार गंगटे के परिजन भागने में सफल रहे। बाद में, गंगटे और उनकी मां भी भागने में सफल रहीं और पास की एक इमारत में छिप गईं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

ADVERTISEMENT

गंगटे ने कहा, ‘‘भीड़ ने हमें 10 मिनट के भीतर ढूंढ लिया।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें लोहे की छड़ों और लाठियों से लैस पुरुषों द्वारा घसीटा गया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन लोगों से बचकर भागने से पहले एक आखिरी बार मुड़ी और देखा कि मेरा भाई खून से लथपथ पड़ा था और भीड़ से घिरा हुआ था, जबकि मेरी मां उसे बचाने की कोशिश कर रही थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने दौड़ना शुरू किया और अपने बच्चे के साथ मेरे चचेरे भाई और चाची को देखा।’’ उन्होंने कहा कि दो अजनबियों ने परिवार को एक सरकारी भवन में छुपाने में मदद की। 

 

 

मेरी मां व भाई मारा गया

उन्होंने कहा, ‘‘सरकारी भवन में छुपकर मैंने सभी हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करना शुरू किया लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं मिला।’’ गंगटे ने कहा, ‘‘थोड़ी देर बाद, एक पुलिस अधिकारी ने मेरी कॉल का जवाब दिया और कहा कि उन्होंने उस जगह से एक पुरुष और एक बुजुर्ग महिला के शव उठाए हैं, जहां भीड़ ने हम पर हमला किया था। मैं समझ गई कि यह मेरी मां और मेरा भाई था।’’

कार की डिक्की के अंदर दम घुट रहा था

उन्होंने बताया कि पांच घंटे उस इमारत में छिपे रहने के बाद एक व्यक्ति ने परिवार को नजदीकी राहत शिविर तक पहुंचाने में मदद की। उन्होंने कहा, ‘‘मैं, मेरा चचेरा भाई, मेरी चाची और उसका बच्चा उस आदमी की कार की डिक्की में छिप गये। हमारी मदद करने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि अगर हम सड़क पर पकड़े गए तो हम सब मारे जाएंगे लेकिन हमारे पास और कोई विकल्प नहीं था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि बहुत अंधेरा था और कार की डिक्की के अंदर दम घुट रहा था, मेरी चाची का बच्चा रो रहा था। इस शोर को छिपाने के लिए उस व्यक्ति ने अपनी कार में तेज संगीत बजाया।’’ 

 

बेहद दर्दनाक कहानी 

कुछ दिनों बाद, गंगटे की भाभी सीआरपीएफ कर्मियों को मिली थी और उनका यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है। मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद मणिपुर में झड़पें हुई थीं।

(PTI)

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT