Justice For Sabiya : दिल्ली की इस बेटी की बर्बरता से हुई हत्या का क्या है रहस्य? उस आखिरी कॉल में कैसे छुपा है बड़ा राज

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Justice For Sabiya : देश की राजधानी दिल्ली से निर्भया कांड की तरह बर्बरता का एक और मामला सामने आया है. ये मामला है 21 साल की एक बेटी साबिया (Sabiya : बदला हुआ नाम) की हत्या का. ये ना सिर्फ हत्या है बल्कि इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना है. जिसमें एक लड़की पर दर्जनों बार चाकू से हमला किया जाता है. परिवार के ये भी दावा है कि लड़की के ब्रेस्ट को भी काट लिया गया.

उसके प्राइवेट पार्ट पर भी गहरे चोट के निशान मिले हैं. लड़की के परिवार का आरोप है कि जिस युवक ने हत्या की बात स्वीकार करते हुए पुलिस के सामने सरेंडर किया है, उसमें काफी गड़बड़ी है.

क्योंकि जिस तरह से लड़की लापता हुई और उसे कुछ लोग पूछताछ के लिए ले गए. तब वो इस शख्स के पास कैसे पहुंच गई. इसलिए ये लोग जस्टिस फॉर साबिया (Justice For Sabiya) की मुहिम चला रहे हैं. साबिया लड़की का बदला हुआ नाम है. अब धीरे-धीरे देश भर में उसे इंसाफ दिलाने के लिए लोग आगे आ रहे हैं.

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क्या है पूरा मामला (Sabiya Murder Case)

मृत 21 वर्षीय लड़की साबिया ( Sabiya : बदला हुआ नाम) दिल्ली सिविल डिफेंस (Delhi Civil Defence) में काम करती थी. 27 अगस्त को दिल्ली पुलिस की सूचना पर फरीदाबाद के सूरजकुंड-पाली रोड के पास से लड़की का शव बरामद हुआ था. ये शव रोड से अंदर करीब 10-15 फीट दूर झाड़ियों में पड़ा हुआ था.

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दरअसल, वारदात को अंजाम देने का दावा करते हुए एक शख्स ने दिल्ली के कालिंदीकुंज पुलिस स्टेशन में सरेंडर किया था. उसने बताया था कि वो मृत लड़की का पति है. दोनों ने घर वालों को बिना बताए शादी की थी. लेकिन अब उसे लड़की के चरित्र पर शक हो रहा था.

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परिवार ने उठाए ये सवाल

इसलिए उसने हत्या करके शव को सूरजकुंड रोड के पास झाड़ियों में फेंक दिया था. वहीं, इसकी जानकारी मिलने के बाद युवती के परिवार ने शादी की जानकारी होने से साफ इनकार कर दिया.

परिवार का ये भी आरोप है कि घटना वाले दिन जब बेटी देर शाम तक घर नहीं पहुंची थी तभी उसके साथ काम करने वाली एक लड़की ने फोन किया था. उसने बताया था कि एक मामले में उनकी बेटी से पूछताछ करने के लिए कुछ लोग अपने साथ ले गए हैं.

इसलिए उसका फोन भी बंद आ रहा है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर कुछ लोग पूछताछ के लिए ले गए थे तो फिर अचानक पति होने का दावा करने वाले शख्स उसके पास कैसे पहुंच गया. और फिर हत्या करने के बाद अचानक सरेंडर क्यों कर दिया?

क्या कहा था आरोपी ने

दिल्ली पुलिस के कालिंदी कुंज थाने में सरेंडर करने वाले आरोपी ने बताया कि उसका नाम निजामुद्दीन है. वो दिल्ली के जैतपुर का रहने वाला है. उसने पुलिस को बताया कि मैंने अपनी पत्नी की हत्या कर दी है. उसके शव को सूरजकुंड पाली रोड पर फेंक दिया है. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने फरीदाबाद पुलिस से संपर्क किया और मौके पर पहुंची.

आरोपी की बताई जगह से शव भी बरामद कर लिया गया. बताया जा रहा है कि आरोपी निजामुद्दीन भी सिविल डिफेंस में कार्यरत था. उसने ही लड़की को नौकरी दिलाने में मदद की थी. दोनों अच्छे दोस्त थे. लेकिन दोनों ने शादी की थी, इस बारे में ना तो परिवार और ना ही दोस्तों को कोई जानकारी थी.

क्या कहा चचेरे भाई ने

परिवार की तरफ से लड़की के चचेरे भाई ने एक वीडियो जारी करते हुए सनसनीखेज दावे किए हैं. उसने बताया कि उसके मुंह में चाकू मारा गया था. ये चाकू मुंह से गर्दन तक पहुंच गया था. विरोध किया तो लड़की के हथेली में चाकू मारा गया. जिसमें कई उंगलियां कट गईं थीं. कंधे और सीने पर भी चाकू से कई बार हमला किया गया था. दोनों ब्रेस्ट को चाकू से काट दिए गए. प्राइवेट पार्ट को भी बुरी तरह से चोट पहुंचाई गई.

मां-पिता का सनसनीखेज दावा

मां ने बताया कि डीएम ऑफिस में गलत तरीके से चालान के करोड़ों रुपये आते थे. ये पैसे एक सीक्रेट लॉकअप मं बंद है. इसकी चाबी बेटी के पास थी. इसलिए उसे डर भी बना रहता था. वो पैसे मुझे ही रखने के लिए दिए जाते थे. वो पैसे सरकारी खजाने के बजाय आपस में ही बांट लिए जाते थे.

इस बारे में लड़की के पिता ने बताया कि बेटी कहती थी कि पापा 3-4 लाख रुपये रोज आते थे. कई बार सबूत के तौर पर फोटो खींच कर लाने की बात कहती थी. लेकिन मैंने मना कर दिया था और ईमानदारी से काम करने की सलाह दी थी.

आखिरी कॉल पर ऑफिस की लड़की ने जताई थी अनहोनी की आशंका

मृत लड़की की मां के पास 26 अगस्त की शाम को एक कॉल आई थी. कॉल करने वाली लड़की ने बताया कि वो साबिया के ऑफिस में ही काम करती है. उसने ये बताया था कि आज साबिया (बदला हुआ नाम) काफी परेशान थी. फिर कुछ लोग आए और उससे पूछताछ करने के लिए कहीं ले गए थे. ये सबकुछ मेहरा सर के सामने हुआ. लेकिन उसके जाने के बाद से कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. उसका फोन भी बंद है.

ये उठ रहे हैं सवाल

  • लड़की को जब पूछताछ के लिए ऑफिस से ले जाया गया तब अधिकारियों ने परिवार को क्यों नहीं बताया?

  • क्या अधिकारियों की जिम्मेदारी नहीं थी कि शाम को किसी लड़की को पूछताछ के लिए नहीं ले जाया सकता

  • अगर पूछताछ के लिए कुछ लोग ले गए तब वो निजामुद्दीन के पास कैसे पहुंच गई और फिर उसकी हत्या हुई

  • परिवार का दावा, करोड़ों रुपये को लेकर कुछ गड़बड़ी और सवाल उठाने पर घटना होने का शक जताया है

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