Delhi Crime: पुलिस की गिरफ्त में आया लुटेरी हसीनाओं का 'स्पेशल 26 गैंग'

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Delhi Crime News: पुलिस अधिकारी (Police Officer) बनकर लूटपाट करने वाले 7 आरोपियों को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने गिरफ्तार किया है। यह आरोपी फिल्मी अंदाज (Filmy Style) में मुंबई पुलिस (Mumbai Police) के अधिकारी बन कर अमीर घरों के लोगों को अपना निशाना बनाते थे और लूटपाट करते थे। दिल्ली पुलिस ने 07 लुटेरों प्रशांत कुमार पाटिल, जाहिद, ज्योति, नेहा, इमरान, फैसल और संजय की गिरफ्तारी के साथ, सुभाष प्लेस के सनसनीखेज डकैती मामले को सॉल्व किया है।

पुलिस ने आरोपीयों के क़ब्ज़े से 4.5 लाख, खातों में जमा पाए गए 2 लाख से अधिक, शिकायतकर्ता के लैपटॉप लूटे, शिकायतकर्ता के 10 लूटे गए मोबाइल फोन सहित 25 मोबाइल फोन, सिम कार्ड, मुंबई पुलिस के फर्जी पहचान पत्र, फर्जी एटीएम कार्ड बरामद किए हैं। इनमें से दो आरोपी पूर्व में मध्य प्रदेश के अलग-अलग दो धोखाधड़ी के मामलों में शामिल पाए गए और जेल में रहते हुए उन्होंने इस लूट को अंजाम देने की साजिश रची।


दरअसल 10 अगस्त 2022 को शिकायतकर्ता वेलनेस कंपनी के मालिक विजय यादवने पुलिस को बताया कि वो अपने कर्मचारियों के साथ कंपनी के कार्यालय में मौजूद थे, दोपहर 12:30 बजे मुंबई पुलिस की छापेमारी के बहाने कंपनी के कार्यालय 03 पुरुष और 01 महिला में घुस आए। सभी 04 व्यक्तियों ने गले में मुंबई पुलिस का पहचान पत्र पहना हुआ था। उन्होंने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी और बीस लाख रुपये की मांग की।

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इतना की नहीं शिकायतकर्ता को अपनी पत्नी को बंदूक की नोक पर फोन करने और पैसे की मांग करने के लिए मजबूर किया। शिकायतकर्ता की पत्नी ने किसी तरह 05 लाख का इंटेजाम किया। पैसा मिलते ही गैंग के सदस्यों ने शिकायतकर्ता और उनकी 04 अन्य महिला कर्मचारियों को कार्यालय में बंद कर दिया और साढे पांच लाख रुपये लेकर फरार हो गए।

पुलिस टीमों ने सीसीटीवी फुटेज से जाँच करना शुरू किया। तकनीकी सर्विलंस और खुफिया जानकारी के माध्यम से, विशेष स्टाफ की टीम को शिकायतकर्ता के कार्यालय के बाहर घूमते हुए संदिग्धों में से एक की पहचान करने के लिए बहुत जल्दी ब्रेक मिला। कई स्थानों पर छापे मारे गए और स्पेशल स्टाफ टीम ने गांव-लिबासपुर, दिल्ली (उम्र- 29 वर्ष) के निवासी प्रशांत कुमार पाटिल के रूप में पहचाने गए संदिग्ध को गिरफ़्तार कर लिया।

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लगातार पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह दो महिलाओं सहित 07 अन्य आरोपियों के साथ इस लूट में शामिल था। उसके कब्जे से 2,48,500/- रुपये बरामद किए गए। इसके बाद, दोनों महिला आरोपी, ज्योति उर्फ ​​अंजलि और नेहा कश्यप को भी विशेष स्टाफ की टीम ने आरोपी प्रशांत कुमार पाटिल की निशानदेही पर रोहिणी दिल्ली से गिरफ्ताप कर लिया।

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आरोपी युवतियों के पास से शिकायतकर्ता का लूटा लैपटॉप, 10 लूटे गए मोबाइल फोन, सिम कार्ड, मुंबई पुलिस के फर्जी पहचान पत्र बरामद किए गए। आरोपियों से पूछताछ में खुलासा किया कि जाहिद उर्फ ​​​​गुरु जी और संजय मनोचा नाम के 2 अन्य आरोपी हरियाणा के मेवात से फरार हो गए हैं। जबकि 3 अन्य माजिद, फैसल और इमरान विदिशा और भोपाल से फरार हो गए हैं।

घटना के बाद हरियाणा और मध्य प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी करने के लिए तत्काल स्पेशल स्टाफ और सुभाष प्लेस थाने की दो मजबूत संयुक्त टीमों का गठन किया गया था। छापेमारी कर हरियाणा के मेवात निवासी आरोपी जाहिद उम्र-43 वर्ष को पुलिस टीम ने हरियाणा के मेवात से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी इमरान को पुलिस टीम ने सिरोंज, विदिशा, एमपी से और आरोपी फैसल को भोपाल से दबोच लिया गया।

पुलिस की छापेमारी जारी रही और आरोपी संजय को दिल्ली में उसके घर से गिरफ्तार किया गया। घटना के 72 घंटे के भीतर इस सनसनीखेज डकैती में शामिल 8 में से 7 आरोपियों को दिल्ली पुलिस टीमों ने लूटी गई नकदी और अन्य सामानों की भारी बरामदगी के साथ जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। पूछताछ में गैंग से लीडर ने खुलासा किया कि वो बॉलीवुड फिल्म 'स्पेशल 26' की तर्ज पर इस डकैती की योजना बनाई।

लूटपाट के दौरान आरोपी माजिद, फैसल, इमरान और नेहा उर्फ ​​अंजलि शिकायतकर्ता के दफ्तर में गए थे। आरोपी फैसल ने खुद को इंस्पेक्टर, माजिद ने खुद को एसआई और ज्योति उर्फ ​​अंजलि ने खुद को महिला एसआई बताया। आरोपी प्रशांत कुमार पाटिल और जाहिद उर्फ गुरु जी इस मामले के शिकायतकर्ता विजय यादव को जानते थे लिहाजा वो शिकायतकर्ता के ऑफिस के अंदर नहीं गए बल्कि आरोपी संजय मनोचा और नेहा के साथ कार्यालय के बाहर निगरानी रख रहे थे।

आरोपी जाहिद उर्फ ​​गुरुजी और प्रशांत इस डकैती के मुख्य साजिशकर्ता थे। आरोपी प्रशांत राजस्थान में तैनात केंद्र सरकार में जेई है जो सस्पेंड चल रहा है। आरोपी जाहिद एक तांत्रिक है जो भूत भगाने तावीज बनाने का काम करता है। गैंग की सदस्य नेहा एक कंप्यूटर विशेषज्ञ है और वह नकली आई कार्ड और दस्तावेज बनाने में माहिर है। उसने शिकायतकर्ता और उसके कर्मचारियों के नाम से फर्जी आई-कार्ड और मुंबई कोर्ट का फर्जी वारंट तैयार किया था।

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