Shraddha Case: हत्या के दिन दोस्त से मिलने गई थी श्रद्धा, हत्या में एक नहीं कई हथियार किए गए इस्तेमाल!

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Shraddha Murder Case: नीलू चौधरी, ज्वाइंट सीपी, दिल्ली पुलिल ने मीडिया को बताया है कि महाराष्ट्र पुलिस ने महरौली पुलिस को मिसिंग की शिकायत दी थी। महरौली पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की और पीड़ित के पिता से बात की। 365 का केस दर्ज किया गया। दोनों एक रेंटेड अकोमोडेशन में देखे गए थे। उसके आधार पर आफताब को पकड़ा गया। उसके बाद 302, 201 का सेक्शन एड किया गया।

गौरतलब है कि 12 नवंबर को आफताब गिरफ्तार हुआ था। जांच में काफी गहरी हुई। काफी फैला हुआ मामला था। 9 टीम बनाई गई। एसआईटी -- डीसीपी साउथ की अगुवाई में बनाई गई। हिमाचल, महा, दिल्ली, हरियाणा, गुरुग्राम। सबूत इकट्ठा करना और परिस्थितियों को जोड़ना था। बॉडी पार्ट की रिकवरी के लिए बहुत सी टीमें बनाई गई। महरौली के जंगलों में आरोपी के कहने पर हड्डियां मिलीं। लंबे समय तक ये सब चलता रहा।

लंबी जांच व तलाशी चली। थेरेपिस्ट, क्राइम एक्सपर्ट, टेक्नीकल इंटैरोगेशन हुआ। हर पहलू को कवर किया। साइंटिफिक मैथड का इस्तेमाल हुआ। सीन ऑफ क्राइम में एफएसएल, फिजिक, बायलोजी डिविजन, ब्लड, बोन, डीएनए, पॉलीग्राफ, नार्को, लेयर्ड वॉयस, वायस स्पेक्टोग्राफ। सीसीटीवी फुटेज के लिए डेडिकेटेड टीम बनाई गई। पूरे ट्रेल को साबित करना था।

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दिल्ली व गुरुग्राम से सीसीटीवी ली गई है। डिजिटल एविडेंस यानि मोबाइल पोन, कैमरा, सोशल मीडिया एप, सर्विस एप सबकुछ एनालाइज किया है। सीडीआर, आईपीडीआर, जीपीएस लोकेशन। डॉक्यूमेंट्री एविडेंस के लिए 150 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। रिकवरी हैं -- आपत्तिजनक चीजें। सभी सबूत जुटा कर रिकॉर्ड पर लाने के बाद आज चार्जशीट दाखिल की है।

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