23 गोलियों वाले मर्डर में गैंगस्टर पपला गुर्जर को उम्रकैद, ऐसे किया था दुश्मन के पूरे ख़ानदान का खात्मा

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HARYANA CRIME NEWS: हरियाणा और राजस्थान का टॉप गैंगस्टर गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर को बिमला मर्डर केस में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. हरियाणा के नारनौल की जिला अदालत में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर जीवन ने दोपहर 12 बजे फैसला सुनाया. अदालत ने पपला गुर्जर पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

फैसले के समय गैंगस्टर पपला कोर्ट में भारी सुरक्षा के साथ मौजूद था. बिमला मर्डर केस में अदालत ने 25 अक्टूबर को ही पपला को दोषी करार दिया था. मंगलवार सुबह उसे कोर्ट लाया गया. पपला गुर्जर पर 6 साल पहले बिमला की 23 गोलियां मारकर हत्या करने का आरोप था. इस केस में 6 अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए 3 साल पहले ही बरी किया जा चुका हैं. बता दें कि 28 जनवरी 2021 को पपला को महाराष्ट्र के कोल्हापुर से गिरफ्तार कर लिया गया था.

क्या था पूरा मामला ?

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पपला गुर्जर हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के खैरोली गांव का रहने वाला है. उसने 21 अगस्त 2015 की रात को अपने ही गांव में रहने वाली बिमला को उसके घर में घुसकर मार दिया था. पपला ने बिमला को 23 गोलियां मारी थी. जिसके बाद पपला और उसके 6 साथियों को आईपीसी धारा 148, 149, 302, 120बी व आर्म्स एक्ट के तहत उन सब पर केस दर्ज किया गया था.

पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया था. 5 सितंबर 2017 को पपला और उसके साथियों को पुलिस ने महेंद्रगढ़ कोर्ट में पेश किया था,जहां पेशी के दौरान अंधाधुंध फायरिंग करते हुए उसके साथी उसे पुलिस की गिरफ्त से छुड़ा ले गए थे. गोलीबारी में एक पुलिसवाले की मौत भी हो गई थी.

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इस केस में 12 अप्रैल 2018 को कोर्ट ने पपला के 6 साथियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था वहीं इसी केस में नारनौल कोर्ट ने कल पपला को उम्रकैद की सजा सुनाई.

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बिमला को मारने के पीछे क्या था कारण ?

एडवोकेट अजय चौधरी ने बताया कि, पपला ने बिमला की हत्या इसलिए की थी क्योंकि वह अपने पिता श्रीराम और बेटे संदीप के मर्डर में पपला के खिलाफ गवाही देने पर अड़ी हुई थी. जनवरी 2015 में पपला ने श्रीराम और संदीप का मर्डर किया था.

जुर्म की दुनिया में कैसे हुई पपला की एंट्री

फरवरी 2014 तक पपला गुर्जर की पहचान हरियाणा के खैरोली गांव के एक पहलवान के रूप में थी. वो अपने गुरू शक्ति गुर्जर उर्फ दूधिया की बहुत सम्मान करता था. उसके गुरू और कुख्यात बदमाश सुरेन्द्र उर्फ चीकू की किसी बात पर लड़ाई थी. लड़ाई के चलते सुरेन्द्र उर्फ चीकू ने 4 फरवरी 2014 को पपला के गुरू शक्ति गुर्जर की हत्या कर दी.

इस घटने ने पपला को हिला कर रख दिया. इसके बाद उसकी जिंदगी का बस एक ही मकसद रह गया था.... अपने गुरू की मौत का बदला. बदला लेने के लिए उसने एक के बाद एक 4 हत्या को अंजाम दिया.

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पपला के 4 बड़े क़त्ल की ये है कहानी

पपला के गुरू की मौत का इलज़ाम सुरेन्द्र उर्फ चीकू पर था. उसके साथ पपला के गांव में ही रहने वाले संदीप पर मुखबिरी का आरोप था. पुलिस ने उन दोनों को सुरेन्द्र की मौत के कुछ ही दिनों के अंदर गिरफ्तार कर लिया था.

पहला कत्ल (संदीप के मामा को मारा)

गुरु की हत्या का बदला लेने के लिए पपला गुर्जर ने मार्च 2014 को मुखबिर संदीप की मां बिमला के घर में घुसकर हमला कर दिया. उसने बिमला के दोनों हाथ-पैर तोड़ डाले. उस समय घर में बिमला को अस्पताल पहुंचाने वाला कोई नहीं था. महेंद्रगढ़ के ही बिहारीपुर गांव में रहने वाला बिमला का भाई महेश और पिता श्रीराम उसे लेने खैरोली गांव पहुंचे.

श्रीराम अपनी बेटी बिमला को एंबुलेंस में लेकर नारनौल के लिए चल पड़े जबकि महेश बाइक पर आया. पपला गुर्जर ने अपने साथियों के साथ महेश को रास्ते में गुलावला गांव के पास ही रोक लिया और लाठी-डंडों से बुरी तरह पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद पपला गुर्जर के खिलाफ केस तो दर्ज तो हुआ पर वो फरार हो गया.

दूसरा कत्ल (नारनौल कोर्ट के बाहर संदीप का कत्ल)
जनवरी 2015 में शक्ति पहलवान की हत्या के मामले में गिरफ्तार संदीप को जमानत मिल गई. जैसे ही संदीप पेशी पर नारनौल कोर्ट में पहुंचा तभी कोर्ट से निकलते ही पपला गुर्जर ने अपने गैंग के साथ मिलकर संदीप की हत्या कर दी.

इस हत्या के बाद नारनौल सिटी थाने में पपला और उसके साथियों पर मर्डर का दूसरा केस दर्ज हुआ था. संदीप मर्डर केस में उसके नाना श्रीराम मुख्य गवाह बने. तो साफ था कि पपला का अगला शिकार संदीप का नाना श्रीराम होगा. इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने श्रीराम को सुरक्षा भी दी.

तीसरा कत्ल (संदीप की मां बिमला को मारा)

पुलिस पहले के मामलों में पपला को तलाश कर ही रही थी कि उसने 21 अगस्त 2015 को संदीप की मां बिमला को घर में घुसकर गोलियां मार दीं. पपला गुर्जर के मन में बदले की आग के बारे में आपको ऐसे पता चल सकता है कि उसने बिमला को 23 गोलियां मारी थी. बिमला के मर्डर केस में संदीप का चाचा दुड़ाराम मुख्य गवाह है.

चौथा कत्ल (संदीप के नाना श्रीराम को मारा)

पुलिस ने जान लिया था कि अब पपला का शिकार सिर्फ उसके गुरू के हत्यारे ही नहीं बल्कि हर वो व्यक्ति है जो उसके खिलाफ आवाज उठा रहा था. संदीप की मां और मामा की मौत का गवाह श्रीराम था इसलिए पुलिस ने उसे सिक्योरिटी मुहैया करवाई थी.

16 नवंबर 2015 को पपला गुर्जर ने अपनी गैंग के साथ मिलकर बिहारीपुर गांव पर धावा बोल दिया और श्रीराम को उसके घर में घुसकर गोली मार दी. इस घटना के समय श्रीराम के घर में हथियारों से लैस दो पुलिसवाले भी मौजूद थे, मगर वह कुछ कर नहीं पाए.

NOTE : ये ख़बर क्राइम तक के साथ इंटर्नशिप कर रहे नवीन कौशिक ने लिखी है.

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